Religion Conversion Case UP: कानपुर में भी मतांतरण कराने वालों का नेटवर्क, स्कूल से चलता था मोटिवेशन कैंप

कानपुर में अब्दुल कादिर बने आदित्य गुप्ता से एटीएस की पूछताछ में जानकारियां मिली हैं। एक नामी स्कूल से मोटिवेशन कैंप चलने की जानकारी के बाद संदिग्ध गायब है और नौकरी व पैसों का लालच देकर फंसाया जाता था।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 10:35 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 10:57 PM (IST)
Religion Conversion Case UP: कानपुर में भी मतांतरण कराने वालों का नेटवर्क, स्कूल से चलता था मोटिवेशन कैंप
मतांतरण गिरोह का सुराग लगा रही एटीएस।

कानपुर, जेएनएन। मतांतरण प्रकरण में कानपुर के तार सिर्फ आदित्य गुप्ता के शिकार होने की वजह से ही नहीं जुड़े हैं, बल्कि शहर में बड़ा नेटवर्क भी सक्रिय है। तमाम लोग स्थानीय स्तर पर मतांतरण के लिए हिंदू युवाओं, खासकर मूक बधिरों को अपना निशाना बनाते हैं। इनमें से कई हिंदू से मुस्लिम बनने के बाद अन्य को जाल में फंसाने का काम कर रहे हैं। स्वजन और आदित्य से पूछताछ के बाद आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) को कई चौकाने वाली जानकारियां मिली हैं। हालांकि, अब सारे संदिग्ध गायब हैं।

एटीएस सूत्रों के मुताबिक, आदित्य के स्वजन से पूछताछ में कानपुर के दो ऐसे युवाओं का पता चला है, जो पूर्व में मतांतरण कर चुके हैं। गरीबी के चलते दोनों ने ऐसा किया। एक जूही का निवासी है और दूसरा बाबूपुरवा का रहने वाला बताया जा रहा है। दोनों को हिंदू युवाओं को मोटिवेशन कैंप में लाने की जिम्मेदारी दी गई थी। जब आदित्य प्रकरण में तत्कालीन एसपी पश्चिम की टीम जांच कर रही थी तो उसने जूही निवासी युवा से भी पूछताछ की थी, लेकिन उससे कुछ हासिल न होने का दावा करते हुए जांच बंद कर दी थी।

सूत्र बताते हैं, एजेंटों को मोटिवेशन कैंप तक लाने के लिए पांच हजार रुपये और मतांतरण के बाद 20 से 25 हजार रुपये दिए जाते थे। आदित्य की मां भी स्वीकार कर चुकी हैं कि करीब पांच साल पहले उनका बेटा चमनगंज में रहने वाले मूक बधिर वासिफ के संपर्क में आया था। बाद में उन्हें पता चला कि वासिफ चमनगंज क्षेत्र के एक नामी स्कूल में मूक बधिर हिंदू बच्चों को मुस्लिम धर्म के प्रति मोडऩे के लिए मोटिवेशन कैंप चलाता था। इसके अलावा इसी स्कूल में अन्य मोटिवेटर भी आते थे और हिंदू किशोर व युवाओं को नौकरी व पैसों का लालच देकर मुस्लिम बनाने का दबाव डालते थे।

एनडीएफ के एक शिक्षक ने बोई थी मतांतरण की फसल

मतांतरण के मामले में नोएडा स्थित नेशनल डीफ सोसाइटी सबसे अधिक चर्चाओं में है। आदित्य भी बिठूर के जिस मूक बधिर विद्यालय में पढ़ता था, उसे इस सोसाइटी की मान्यता मिली हुई थी। असल में मतांतरण का पूरा खेल इस स्कूल में पढ़ाने वाले एक मुस्लिम शिक्षक का बताया जा रहा है। आदित्य की मां के मुताबिक, यह शिक्षक कुछ समय के लिए कानपुर भी आया था।

इस बीच उसकी संदिग्ध गतिविधियों का पता चला। उसी वक्त सामने आया था कि शिक्षक ब'चों को मुस्लिम धर्म के बारे में बढ़ा चढ़ाकर बताता था। मामला संज्ञान में आने के बाद शिकायत भी हुई थी। इससे उसका इसमें बड़ा हाथ होने की आशंका है। हालांकि, अभी तक उस तक पुलिस नहीं पहुंच सकी है।

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