UP Religion Conversion Case: अब्दुल बनने वाले आदित्य के बैग से मिला मुस्लिम साहित्य, पूछताछ में आई चौंकाने वाली बात
मतांतरण गिरोह के बारे में पता करने के लिए एटीएस से आदित्य से पूछताछ की तो उसकी बातों ने सभी को चौंका दिया। उसने अपने फैसले पर अडिग रहने और दोबारा घर छोड़कर जाने की धमकी भी दी।
कानपुर, जेएनएन। मतांतरण गिरोह के चंगुल से फंसकर अब्दुल कादिर बने आदित्य गुप्ता से मंगलवार को एटीएस ने पांच घंटे तक पूछताछ की। लखनऊ और कानपुर के उ'चाधिकारियों ने उससे गिरोह के बारे में जानकारी हासिल की। एटीएस को क्या हासिल हुआ, इसकी जानकारी नहीं मिली, लेकिन सूत्रों के मुताबिक आदित्य ने अधिक कुछ नहीं बताया। उसे अपने फैसले पर पछतावा भी नहीं है। वह दोबारा घर से भागने की धमकी भी दे रहा है।
दोस्त वासिफ और शिक्षक के बारे में ही बताया
कानपुर से जुड़े सूत्रों के बारे में पूछने पर उसने अपने दोस्त वासिफ और शिक्षक के बारे में ही कुछ बताया। मगर, केरल और दिल्ली से जुड़े गिरोह के सदस्यों के बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं दी। सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ के दौरान वह लगातार अपने फैसले को सही बताता रहा। एटीएस ने तलाशी के दौरान आदित्य के बैग से बड़ी मात्रा में मुस्लिम साहित्य भी बरामद किया है। एटीएस ने उसका मोबाइल सील कर जांच के लिए भेजा है। आदित्य से पूछताछ के बाद यह निष्कर्ष निकला है कि गिरोह ऐसे युवाओं को निशाना बनाते हैं, जो अपनी आर्थिक हालत से संतुष्ट नहीं होते। उन्हें आर्थिक मदद और नौकरी का झांसा देकर मुस्लिम बनाया जाता है। एटीएस ने मतांतरण करने वालों को आतंकी गतिविधियों में प्रयोग करने के मामले में भी आदित्य से पूछताछ की, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया।
पहले भी 16 दिन गायब रहा था आदित्य
आदित्य इससे पहले भी 16 दिन घर से गायब हो चुका था। मां लक्ष्मी गुप्ता ने बताया कि दो फरवरी 2021 को भी आदित्य घर से चला गया था। कानपुर से अलीगढ़ और अलीगढ़ से दिल्ली पहुंचा। उन्हें आदित्य के दिल्ली में होने की सूचना मिली तो 18 फरवरी को वह दिल्ली जाकर उसे समझा बुझाकर वापस ले आए।
मोटिवेशन कैंप में चल रहा खेल
हिंदू युवाओं को मोटिवेशन कैंप तक लाकर मतांतरण का खेल चल रहा है। इसके लिए एजेंट भी लगा गए है, जिन्हें हिंदू युवाओं को मोटिवेशन कैंप तक लाने की जिम्मेदारी दी गई है। आदित्य से पूछताछ में ऐसी ही बातें सामने आ रही हैं। वह बिठूर के जिस स्कूल में पढ़ता था वहां भी ऐसे एजेंटों के आने का सुराग मिल रहा है।