UP Religion Conversion Case: सामने आया मतारंतरण का बड़ा सच, आदित्य ने खुद किया पर्दाफाश

कानपुर में लौटकर आये आदित्य की सुरक्षा एजेंसी ने काउंसिलिंग कराई तो वह वह वापस अपने मत में लौट आया और मतांतरण का सच भी बयां किया। केरल में मजदूरों की कमी के चलते उससे नौकरी के नाम पर मजदूरी कराई जाती रही।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 01:42 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 01:42 PM (IST)
UP Religion Conversion Case: सामने आया मतारंतरण का बड़ा सच, आदित्य ने खुद किया पर्दाफाश
कानपुर लौटकर आदित्य ने सुरक्षा एजेंसी को बताया सच।

कानपुर, जेएनएन। मतांतरण के खेल में एक और बड़ा तथ्य सामने आया, जिसका पर्दाफाश खुद आदित्य ने किया है। केरल से लौटकर आए आदित्य अब सुरक्षा एजेंसी के विशेषज्ञों की काउंसिलिंग के बाद हिंदू मत में लौट आया है। उसने वाट्सएप स्टेट्स से मुस्लिम मत छोड़ने और हिंदू मत में लौटने की घोषणा भी कर दी। इसके बाद उसने सुरक्षा एजेंसी के सामने मतांतरण के बड़े खेल का भी पर्दाफाश कर दिया है।

अदित्य के मुताबिक असल में केरल में साक्षरता की दर बहुत अधिक है, जिसकी वजह से वहां मजदूर नहीं मिलते। बकौल आदित्य, उसे अच्छी नौकरी का लालच दिया गया, लेकिन केरल ले जाकर उसे भवन निर्माण में मजदूर की भूमिका में लगा दिया गया। लाकडाउन शुरू हुआ तो उसने एक फैक्ट्री में लेबल लगाने का काम किया और कुछ दिन बर्तन भी मांजे।

उसे दिन का 700 रुपये देने को कहा गया था, मगर अब तक पैसे नहीं मिले। 70 दिन की मजदूरी अभी बकाया है। मदद के नाम पर कुछ भी नहीं किया गया। वह जब घर लौट रहा था तो टिकट तक के पैसे मांगने पर नहीं दिए। परिवार ने ही टिकट कराकर दी, तब वह लौट सका। माना जा रहा है कि मतांतरण करके युवाओं को केरल इसलिए ले जाया जाता है, क्योंकि वहां मजदूरों की कमी है। दूसरे, मजदूरी यहां से दोगुनी है, जिससे ज्यादा कमाई का लालच होता है।

आदित्य बोला- उसने कभी नहीं कराया किसी का मतांतरण

कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि आदित्य भी मतांतरण के खेल में शामिल हो गया था। उसने अलीगढ़ के एक युवक को मतांतरण कराया। आदित्य ने कहा कि उसने कभी मतांतरण नहीं कराया। अलीगढ़ के जिस युवक को लेकर बात हो रही है, वह करीब पांच साल पहले मत परिवॢतत कर चुका था। उससे उसकी मुलाकात जरूरत हुई।

यह जरूर है कि कुछ लोगों के फोन उसके पास जरूर आते थे जो कि उससे मुस्लिम मत के बारे में जानकारी लेते थे। उसे जो बताया गया था, उसी शिक्षा को वह आगे बढ़ा रहा था। उसने कभी मतांतरण नहीं कराया। उल्लेखनीय है कि मतांतरण प्रकरण में तमाम खुफिया व सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हैं, जो उस गैंग की तलाश कर रही हैं, जो भोले भाले मूक बधिर बच्चों और युवाओं को भटकाकर मुस्लिम बना रहे थे।

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मकाल मालिक ने दिया घर छोडऩे का अल्टीमेटम

आदित्य का परिवार नवीन नगर पी ब्लाक में किराये के मकान में रहता है। मीडिया में बार-बार घर की तस्वीर आने की वजह से मकान मालिक ने एक सप्ताह के भीतर घर खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया है। इससे उसकी मां की तबीयत भी बिगड़ रही है।

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