संक्षेप में पढ़िए- कानपुर में हुई स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों से जुड़ी सभी खबरें

कोरोना महामारी के दौर में कानपुर शहर में कहीं किसी मरीज की इलाज के अभाव में मौत हो रही है तो कोई ऑक्सीजन और समुचित उपचार के अभाव में दम तोड़ रहा है। हालांकि ऐसे में स्वास्थ्यकर्मी जी-जान से लोगों को बचाने मे जुटे हैं। जानिए - क्या हैं खबरें

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 06:10 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 06:10 AM (IST)
संक्षेप में पढ़िए-  कानपुर में हुई स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों से जुड़ी सभी खबरें
कानपुर में हुई गतिविधियों से जुड़ी खबरों की सांकेतिक तस्वीर।
नगर निगम ने 7971 स्थानों पर सैनिटाइजेशन कराया

महापौर प्रमिला पांडेय के आदेश पर नगर निगम ने 7971 स्थानों में 146 स्प्रे मशीनों के माध्यम से सैनिटाइजेशन कराया। इसके अलावा जोन तीन, पांच व छह में 2222 सफाई कर्मचारी लगाकर सफाई करायी गयी। इस दौरान 215 मीट्रिक टन कूड़ा अतिरिक्त निकला। इसके साथ ही नालियों में 11 क्विंटल चूना और 305 किग्रा ब्लीङ्क्षचग पाउडर डलवाया।

विद्युत शवदाह गृह में 51 कोरोना संक्रमित शवों का हुआ अंतिम संस्कार

भैरोघाट और भगवतदास घाट विद्युत शवदाह गृह में कुल 51 कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इसमें भैरोघाट विद्युत शवदाह गृह में 35 लकड़ी व 12 मशीन से शवों का दाह संस्कार किया गया। भगवतदास घाट विद्युत शवदाह गृह में कुल चार कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार हुआ। वहीं श्मशान घाट में अब शवों के आने की संख्या सामान्य हो गयी है। भैरोघाट में 28, भगवतदास घाट में 13, बिठूर में 29, स्वर्ग आश्रम में 13 और सिद्घनाथ घाट में 11 शवों का दाह संस्कार किया गया। लकड़ी विक्रेताओं ने बताया कि अब शवों के आने का सिलसिला सामान्य हो गया है। सलेमपुर गांव में बुखार से दो लोगों की मौत

संस, बिल्हौर: ककवन विकास खंड के सलेमपुर गांव में बीती रात बुखार के दौरान सांस लेने में परेशानी के बाद दो लोगों की मौत हो गई।  सलेमपुर गांव निवासी पृथ्वीराज ङ्क्षसह ने बताया कि पड़ोसी 60 वर्षीय लालङ्क्षसह को चार दिन से बुखार आ रहा था। उनका बांगरमऊ में उपचार चल रहा था। शनिवार शाम को स्वजन उन्हें घर वापस लाए थे। रविवार सुबह चार बजे सांस लेने में परेशानी होने के बाद उनकी मौत हो गई। वहीं गांव निवासी 50 वर्षीय मुन्नू पाल को भी तीन दिन से बुखार आ रहा था। पुत्र अतुल ककवन में उनका उपचार करा रहा था। शनिवार देर रात सांस लेने में परेशानी होने के बाद उनकी मौत हो गई। रविवार सुबह स्वजनों ने दोनो शवों का नानामऊ घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया।  

परास में कोरोना संक्रमण से डॉक्टर की जान गई

परास में कोरोना संक्रमण के चलते गांव के ही डॉ. संतोष अवस्थी (बीएचएमएस) की रविवार को मौत हो गई। 21 अप्रैल को तबीयत खराब होने पर उन्हें कानपुर हैलट में भर्ती कराया गया था। पहले वह कोविड वार्ड में भर्ती थे, लेकिन हालत बिगडऩे पर उन्हें आइसीयू में भर्ती कराया गया था। बीते बुधवार को उनके पिता श्रीकांत अवस्थी का भी निधन हो गया था।

उनके बेटे आशीष अवस्थी ने बताया कि गांव में वोङ्क्षटग के बाद से अचानक बीमारी फैली थी। पिता संतोष अवस्थी का गांव में ही क्लीनिक है। वह पूरा दिन मरीजों का इलाज कर रहे थे। 21 अप्रैल को हालत ज्यादा खराब होने पर उन्हें कानपुर हैलट ले जाया गया था जहां पर उसी दिन जांच में वे कोरोना संक्रमित पाए गए थे। रविवार शाम उनकी मौत हो गई। बर्रा पांच की गलियों में की बैरिकेङ्क्षडग

पुलिस ने बर्रा पांच की सभी गलियों में बैरिकेङ्क्षडग कर दी है। पार्षद दीपा द्विवेदी ने बताया कि बर्रा पांच में बी, सी और दी ब्लॉक हैं। हर ब्लॉक में 100 से ज्यादा घर हैं। हर दूसरे तीसरे घर में कोरोना पॉजिटिव के लक्षण वाले लोग हैं। इसके बाद भी क्षेत्र में लोगों की आवाजाही बदस्तूर जारी है। इस वजह से पुलिस ने बर्रा पांच हनुमान मंदिर चौराहा में दोनों तरफ व बर्रा दो से पांच को आने वाले रास्ते में बैरिकेङ्क्षडग कर दी है। इसी तरह बर्रा विश्वबैंक की कई गलियों में भी बैरिकेङ्क्षडग की गई है।

वैक्सीन न होने से बंद रहा पीएचसी

चकेरी के कृष्णा नगर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रविवार को वैक्सीन नहीं होने के कारण बंद रहा। वहां ताला लगा देख कर वैक्सीनेशन कराने पहुंचे लोग मायूस होकर लौट गए।

यहां 45 वर्ष से ऊपर के लोगों को कोविड-19 की पहली और दूसरी डोज लगनी है। पीएचसी प्रभारी डॉ. उर्वशी पांडे ने बताया कि सोमवार को डोज मिलने के बाद वैक्सीन लगाई जाएगी।

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