संक्षेप में पढ़िए- काेरोना काल में कानपुर शहर का क्या है हाल

कोरोना महामारी के दौर में कानपुर शहर में कहीं किसी मरीज की इलाज के अभाव में मौत हो रही है तो कोई ऑक्सीजन और समुचित उपचार के अभाव में दम तोड़ रहा है। हालांकि ऐसे में स्वास्थ्यकर्मी जी-जान से लोगों को बचाने मे जुटे हैं। जानिए - क्या हैं खबरें

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 06:10 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 06:10 AM (IST)
संक्षेप में पढ़िए-  काेरोना काल में कानपुर शहर का क्या है हाल
कानपुर में हुई गतिविधियों से जुड़ी खबरों की सांकेतिक तस्वीर।
आइसोलेशन में २०५ लोगों को पहुंचाया भोजन

कोविड संक्रमितों को उनके घर तक खाना पहुंचाने की शुरूआत शहर में बुधवार से शुरू हो गई। राणी सती दादी परिवार मंगल समिति द्वारा यह शुरूआत की गई। प्रथम दिन समिति के सदस्यों ने आइसोलेशन में रह रहे २०५ लोगों तक भोजन पहुंचाया। शहर के कई हिस्सों में कोविड संक्रमण ने पूरे परिवार को अपनी चपेट में ले रखा है। ऐसे में वहां खाना बनाना भी मुश्किल हो गया है, क्योंकि परिवार के सभी सदस्य आइसोलेशन में रह रहे हैं। इस समस्या को देखते हुए राणी सती दादी परिवार मंगल समिति ने ऐसे कोविड मरीजों को उनके घर खाना पहुंचाने का कार्य शुरू किया है। संस्था के अध्यक्ष अनिल खेतान ने बताया कि भोजन बनाने में कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया गया है। पहले दिन दाल, सूखी सब्जी, मटर पनीर, दही, अचार और चावल मरीजों को दिया गया। इस कार्य के प्रारंभ से पहले श्रीराणी सती दादी के चित्र पर फूल माला अर्पित कर आरती की गई। इस व्यवस्था में महामंत्री श्रीनाथ जालान, मनोज कुमार अग्रवाल, पदम जालान, रोहित तुलस्यान, सुनील जालान, आशीष गोयल, ज्ञानेन्द्र विश्नोई व अन्य सदस्यों ने सहयोग दिया।

कोरोना के इलाज में कारगर टोसीलीजुमाब इंजेक्शन का संकट

कोरोना संक्रमण के गंभीर मरीजों के इलाज में कारगर टोसीलीजुमाब इंजेक्शन बाजारों में नहीं मिल रहा है। इससे पहले रेमडेसिविर इंजेक्शन का भी मार्केट में अभाव हो गया था।

दवा व्यापारियों के मुताबिक टोसीलीजुमाब इंजेक्शन को रेमडेसिविर इंजेक्शन की तरह होल सेल में नहीं बेचा जाता है, जिसके कारण दवा बाजार में यह इंजेक्शन मुश्किल से मिलता है। जिन जिलों में इनकी आपूर्ति की जा रही है वहां सिप्ला कंपनी द्वारा इसे मुहैया कराया जा रहा है। कानपुर केमिस्ट वेलफेयर के महामंत्री शिव कुमार गुप्ता ने बताया कि डॉक्टर के पर्चे पर लिखने के बाद ही इसको बेचा जा सकता है। इसकी कीमत ४५ हजार रुपये तक हो सकती है। न्यूरो साइंस कोविड के नोडल ऑफिसर डॉ. प्रेम ङ्क्षसह ने बताया कि यह इंजेक्शन गंभीर संक्रमित को ही डॉक्टर की निगरानी में लगाया जाता है। यह आमतौर पर ९० से कम ऑक्सीजन स्तर वाले मरीजों को क्रिटिकल केस में ही लगाया जाता है। उन्होंने बताया कि इसका रिकवरी रेट शुरुआती चरणों में बेहतर रहता है। हालांकि यह काफी हद तक इम्यूनिटी को कमजोर भी करता है।

ऑक्सीजन प्लांट के लिए  सदन में जाएगा प्रस्ताव

गोङ्क्षवद नगर के जागेश्वर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए नगर निगम के जोनल अधिकारी स्वर्ण ङ्क्षसह ने बुधवार को जगह का निरीक्षण किया। तय हुआ है कि नगर निगम में इसका प्रस्ताव जाएगा, इसके बाद प्लांट को मंजूरी मिलेगी।

 स्वर्ण ङ्क्षसह ने बताया, जागेश्वर अस्पताल परिसर में मुरारी गैस प्लांट के मालिक ने ऑक्सीजन प्लांट लगाने का प्रस्ताव डीएम को दिया था। प्लांट लगने से ऑक्सीजन की एक पाइप जागेश्वर अस्पताल के अंदर भी जाएगी। इससे दक्षिण क्षेत्र के हजारों लोगों को फायदा होगा। पार्षद नवीन पंडित ने बताया कि जागेश्वर अस्पताल में प्लांट लगने के लिए नगर निगम कार्यकारणी में प्रस्ताव रखेंगे।

मंडलायुक्त और महापौर कर चुकी हैं निरीक्षण : मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर, महापौर प्रमिला पांडेय ने जागेश्वर अस्पताल का निरीक्षण किया था। तय हुआ था कि अस्पताल की मरम्मत के बाद इसे जल्द ही चालू किया जाएगा।

कानपुर से चलने वाली चार जोड़ी ट्रेनों का निरस्तीकरण बढ़ा

कोविड संक्रमण अपने पीक पर है। हर दिन देश साढ़े तीन लाख से ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे में अब रेलवे भी चाहता है कि लोग कम से कम ट्रेनों को सफर करें। इसी के चलते 15 दिन पहले निरस्त की गईं चार जोड़ी मेमू का निरस्तीकरण एक बार फिर बढ़ा दिया गया है। इसमें कानपुर से टूंडला, फफूंद, सूबेदारगंज आदि जगहों को जाने वाली मेमू ट्रेनें शमिल हैं।

ट्रेनें चल रहीं है निरस्त

-ट्रेन संख्या 01801/01802 मानिकपुर कानपुर मेमू नौ मई तक निरस्त

-ट्रेन संख्या 04188/04187 कानपुर से टुंडला नौ मई तक निरस्त

-ट्रेन संख्या 04891/04192 कानपुर से फफूंद नौ मई तक निरस्त

-ट्रेन संख्या 04181/04182 कानपुर सेंट्रल से सूबेदारगंज सात मई तक निरस्त कोरोना संक्रमित हुए श्रमिक तो मिलेगा 28 दिनों का वेतन

अगर कोई श्रमिक कोरोना से संक्रमित हो जाता है, तो उसे 28 दिनों का वेतन मिलेगा। जिस औद्योगिक इकाई, कारखाना या फैक्ट्री मेें वह काम कर रहा होगा, वहां के संचालक को यह वेतन देना होगा। इस संबंध में अपर श्रमायुक्त एसपी शुक्ला ने आदेश जारी कर दिए हैं। उन्होंने कहा है कि शहर में 1000 से अधिक औद्योगिक इकाईयां, फैक्ट्री व कारखाना हैं। जिनमें श्रमिक काम करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर काम करने के दौरान श्रमिक कोरोना संक्रमित हो गया तो संचालक को उसे 28 दिनों का वेतन देना होगा। बोले, इस संबंध में शासन से भी आदेश जारी हो गए हैं।

चिकित्सीय सहायता के लिए हितलाभ जल्द : कोरोना महामारी के इस दौर में श्रमिकों को चिकित्सीय सहायता के लिए जल्द ही हितलाभ दिया जाएगा। अपर श्रमायुक्त एसपी शुक्ला ने बताया, कि विभाग की ओर से योजना संचालित है। श्रमिक योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं, हालांकि जो पात्र होंगे उनके खातों में सीधे हितलाभ की राशि भेजी जाएगी।

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