चित्रकूट में हुआ रामायण कान्क्लेव का शुभारंभ, जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने किया श्रीराम की महिमा का बखान
Ramayana Conclave Launching कार्यक्रम में पहली सांस्कृतिक संख्या में पखावज एवं तबला की जुगलबंदी चित्रकूट के अवधेश द्विवेदी एवं साथी ने किया। मनमोहक दिवारी नृत्य बांदा के चंद्रपाल एवं साथी ने पेश किया तो मानिकपुर के कलाकार रामबहोरी ने कर्मा राई एवं कोल्हाई नृत्य से लोगों को मन मोह लिया।
चित्रकूट, [जागरण स्पेशल]। Ramayana Conclave Launching रामायण के संदर्भ में जन जन के राम और वनवासी राम दोनों एक ही है। जो राष्ट्र का मंगल करें वह राम हैं। चित्रकूट भगवान राम की कर्मस्थली हैं। अयोध्या में राम राजमहल के राम थे लेकिन चित्रकूट में जन-जन के राम हो गए थे। राम का जीवन आदर्श पूर्ण हैं। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है। राम सभी के हैं जाति वाद ,धर्म व संप्रदाय कुछ भी नहीं है। राम जन जन के हैं। यह बात पद्मविभूषण जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने जेआरएचयू में उत्तर प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग एवं पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित दो दिवसीय रामायण कान्क्लेव उद्घाटन में कहीं। जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने कहा कि भगवान राम के चरित्र के विषय में जितना कहा जाए कम है। उनके आदर्श हमारे भौतिक जीवन में लिए सीखने को मिलते हैं। रामायण कान्क्लेव में वनवासी राम की चर्चा होगी है। स्वामी रामभद्राचार्य ने कार्यक्रम के शुभारंभ में वनवासी राम का जो स्वरूप है उसका सजीव चित्रण किया है जिसका इस पूरे जन जन के राम जी की जो थीम है उन्होंने बताया कि जिस तरह की अयोध्या में थीम है उस तरह से वह जन जन के राम हो गए एक चित्रण करते हुए उस कार्यक्रम का आज उद्घाटन किया। कई वक्ता यहां पर आ रहे हैं जिसमें संगीत आदि की प्रस्तुति होगी।
यह हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम : कार्यक्रम में पहली सांस्कृतिक संख्या में पखावज एवं तबला की जुगलबंदी चित्रकूट के अवधेश द्विवेदी एवं साथी ने किया। मनमोहक दिवारी नृत्य बांदा के चंद्रपाल एवं साथी ने पेश किया तो मानिकपुर के कलाकार रामबहोरी ने कर्मा, राई एवं कोल्हाई नृत्य से लोगों को मन मोह लिया। आदिवासी लोक नृत्य सोनभद्र के गजाधर एवं साथी और उप शास्त्रीय गायन धर्मनाथ मिश्र व साथी लखनऊ, भजन मनोज गुप्ता व साथी प्रयागराज, राम की शक्ति पूजा डा व्योमेश शुक्ल एवं साथी वाराणसीे ने प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृत संस्थान नई दिल्ली के कुलपति प्रो डी सुब्बा राव, आईजी स्टांप पीसी श्रीवास्तव, कुलपति प्रो योगेशचंद्र दुबे , सांसद आरके ङ्क्षसह पटेल, विधायक आनंद शुक्ला, अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डा लवकुश द्विवेदी, वित्त अधिकारी आरपी मिश्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष अशोक जाटव, जिलाध्यक्ष भाजपा चंदप्रकाश खरे, करुणाशंकर द्विवेदी,पंकज अग्रवाल, डा विनोद मिश्रा रहे । कार्यक्रम का संचालन डा गोपाल मिश्रा ने किया।