Ramadan 2021: पर्दे की आड़ से औरतें भी तरावीह में हो सकती हैं शामिल, हेल्पलाइन नंबर पर दी जानकारियां
कुल हिंद इस्लामिक इल्मी अकादमी की अल शरिया हेल्पलाइन पर रमजान में रोजा व नमाज से संबंधित प्रश्न पूछे जिनके जवाब दिए गए। लोगों ने पूछा क्या कान में तेल डालने से रोजा टूट जाता है या फूल सूंघने से क्या होता है।
कानपुर, जेएनएन। रमजान में रोजा व नमाज से संबंधित मसलों के जवाब देने के लिए शुरू की गई कुल हिंद इस्लामिक इल्मी अकादमी की अल शरिया हेल्पलाइन पर कई जानकारियां दी गईं। इस दौरान बताया गया कि अगर कोई हाफिज फर्ज नमाज अथवा तरावीह पढ़ा रहा हो, पर्दे या दीवार के पीछे फासले से औरतें नमाज में शामिल हों तो उनकी भी नमाज हो जाएगी।
एक सवाल के जवाब में बताया गया कि अरबी कैलेंडर की सन दो हिजरी,शाबान की 10 तारीख को रमजान के रोजों के फर्ज (अनिवार्य) होने का एलान किया गया था। उन्होंने बताया कि इत्र लगाने अथवा फूल सूंघने से रोजा नहीं टूटता है। कान में तेल डालने से रोजा टूट जाता है। ऑल इंडिया गरीब नवाज काउंसिल की हेल्पलाइन पर बताया गया कि आंख में दवा डालने से रोजा नहीं टूटेगा। मस्जिदों के अंदर इफ्तार करने से बचना चाहिए।
जरूरतमंदों को बांटी रमजान किट : जमीयत उलमा कानपुर ने जरूरतमंदों, गरीबों को रमजान किट बांटी। रमईपुर में लोगों के रमजान किट बांटी गई। इसमें सहरी व इफ्तार के लिए खाद्य सामग्री थी। जमीयत उलमा कानपुर के महासचिव मौलाना अमीनुल हक अब्दुल्लाह ने कहा कि जमीयत उलमा ने लॉकडाउन में भी बड़े पैमाने पर राशन किट का वितरण किया था। इस दौरान मौलाना फरीदुद्दीन कासमी, कारी जुनैद अहमद, हाफिज ऐनुल हक, मौलाना इनामुल्लाह कासमी आदि मौजूद रहे।