कानपुर में नन्हे उस्ताद ने कायम की मिसाल, 10 वर्ष की अल्पायु में कंठस्थ किया कुरान

दस वर्ष के मोहम्मद हमदान ने कोरोना महामारी के दौरान अपने दादा हाजी जमाल बेग कादरी की निगरानी में कुरान शरीफ को हिफ्ज (याद) करना शुरू किया। आठ महीने में उसने पूरा कुरान शरीफ याद कर लिया। हमदान के हाफिज बनने पर उसके मां-बाप की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 04:55 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 04:55 PM (IST)
कानपुर में नन्हे उस्ताद ने कायम की मिसाल, 10 वर्ष की अल्पायु में कंठस्थ किया कुरान
कानपुर में हमदान ने याद किया पूरा कुरान ।

कानपुर, जेएनएन। पांच साल के फरहान ने 51 दिन में पूरा कुरान शरीफ पढ़ लिया। वहीं दस साल के हमदान ने आठ महीने में पूरा कुरान शरीफ हिफ्ज (याद) कर लिया। कम उम्र में दोनों बच्चों ने जो काम करके दिखाया उससे उनके अभिभावकों के साथ उनको पढ़ाने वाले उस्ताद भी गर्व महसूस कर रहे हैं। बच्चों के सम्मान में कर्नलगंज बरगद वाला मैदान में समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान मुफ्तियों व उलमा ने बच्चों की हौसला अफजाई की। इन दोनों बच्चों के साथ ही अन्य बच्चों को गरीब नवाज एवार्ड से नवाजा गया।

दस वर्ष के मोहम्मद हमदान ने कोरोना महामारी के दौरान अपने दादा हाजी जमाल बेग कादरी की निगरानी में कुरान शरीफ को हिफ्ज (याद) करना शुरू किया। आठ महीने में उसने पूरा कुरान शरीफ याद कर लिया। हमदान के हाफिज बनने पर उसके मां-बाप की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वहीं पांच साल के फरहान ने 51 दिन में पूरा कुरआन शरीफ पढ़ लिया। अल फलाह एजुकेशन व हेल्थ केयर सोसाइटी के अध्यक्ष मास्टर नौशाद आलम मंसूरी ने बच्चों के लिए सम्मान समारोह आयोजित किया। मौलाना मोहम्मद मुर्तजा शरीफी ने कहा कि खुद भी कुरान पढ़ना सीखें और दूसरों को भी सिखाएं, कुरआन शरीफ में दी गई तालीम को आम करें। समारोह में मुफ्ती सय्यद मोहम्मद अकमल अशरफी, मुफ्ती मोहम्मद इलियास खां नूरी, शहरकाजी मुफ्ती साकिब अदीब मिस्बाही, मौलाना महमूदुल हसन, मोहम्मद हस्सान रफाकती कादरी, कलीम दानिश आदि रहे।

इन बच्चों को मिला गरीब नवाज अवार्ड: हाफिज मोहम्मद हमदान, मोहम्मद फरहान, मोहम्मद उवैस, मोहम्मद अरहाम, मोहम्मद यासीन, मोहम्मद जुएफ।

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