पहले झगड़े और फिर ड्यूटी छोड़ चले गए डॉक्टर-कर्मी, सारी रात तड़पते रहे मरीज
कानपुर देहात के जिला अस्पताल में सहकर्मी की पिटाई से स्वास्थ्य कर्मियों ने जताया रोष। ओपीडी बंद कर हंगामा किया, इमरजेंसी सेवा ड्यूटी छोड़ चले गए डॉक्टर।
कानपुर (जेएनएन)। कानपुर देहात के जिला अस्पताल में पूरी रात मरीज तड़पते रहे, उन्हें देखने के लिए कोई डॉक्टर और कर्मी मौजूद नहीं था। बुधवार देर रात इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों के बीच मारपीट हो गई। इसके चलते रात ढाई बजे से सुबह छह बजे तक इमरजेंसी सेवा ठप रही। स्वास्थ्य कर्मियों ने ओपीडी का बहिष्कार कर हंगामा किया, इससे मरीज भटक कर लौटने को विवश हुए।
यूं बिगड़े हालात
कानपुर देहात स्थित जिला अस्पताल में बुधवार रात में डा. पवन पार्या व संविदा के डा. रवि भार्गव की इमरजेंसी ड्यूटी थी। आरोप है कि नशे की हालत में डॉ पवन पार्या व संविदा डॉक्टर ने ड्यूटी पर मौजूद स्वास्थ्य कर्मी झब्बू यादव से मारपीट कर कपड़े फाड़ दिए। सहकर्मियों ने बामुश्किल स्वास्थ्य कर्मी को बचाया। डा. पार्या रात 2.30 बजे वहां से चले गए। दोनों डाक्टरों के ड्यूटी से गायब हो जाने से सुबह बजे तक इमरजेंसी सेवा ठप रही और रात में मरीज तड़पते रहे। वहीं गंभीर रोगियों को लेकर आए तीमारदार निजी अस्पतालों में जाने को विवश हुए।
धरने पर बैठ गए स्वास्थ्य कर्मी
गुरुवार सुबह घटना से उत्तेजित कर्मचारियों ने कार्रवाई की मांग को लेकर ओपीडी का बहिष्कार कर हंगामा शुरू किया और इमरजेंसी गेट पर धरने में बैठ गए। विरोध कर रहे कर्मियों का आरोप है कि आरोपित डॉक्टर नशे की हालत में अक्सर ऐसी हरकतें करते हैं।
ओपीडी बंद रहने से इलाज के लिए जिला अस्पताल आए मरीज भटकते रहे। मुरलीपुर के ब्रज मोहन, काशीपुर के शिव मूरत सिंह, सोनी सिंह, हसनापुर की शहनाज, बनीपारा के अशोक व अजीत, अमरौधा के पिलखिनी आदि ने बताया कि पर्चा न बनने व दवा वितरण कक्ष बंद रहने से इलाज नहीं मिल सका।
आरोपित चिकित्सकों पर कार्रवाई
सीएमएस डा. रमेश बाबू ने बताया कि इमरजेंसी सेवा के अलावा वार्ड में भर्ती मरीजों का उपचार हो रहा है। आरोपी चिकित्सक की संविदा समाप्त करने तथा डा. पार्या को तत्काल प्रभाव से सीएमओ कार्यालय से संबद्ध कराने का फैसला किया गया है। पूरे घटनाक्रम की जांच कराने के बाद कार्रवाई होगी।