कानपुर में आसमान छू रहे हरी उड़द दाल के दाम, थोक-फुटकर बाजार में नहीं मिल रहे खरीदार

थोक बाजार में इस समय पुरानी हरी उड़द का भाव 160 से 170 रुपये किलो बोला जा रहा है। इधर हरी उड़द की नई फसल आ गई है। यह फसल मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में होती है।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Fri, 04 Jun 2021 03:36 PM (IST) Updated:Fri, 04 Jun 2021 03:36 PM (IST)
कानपुर में आसमान छू रहे हरी उड़द दाल के दाम, थोक-फुटकर बाजार में नहीं मिल रहे खरीदार
कानपुर के बाजार में हरी उड़द दाल की प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। दालों के बाजार में इस समय हरी उड़द में जैसे आग लगी हुई है। एक तरफ थोक दुकानों में हरी उड़द का पुराना स्टाक लगभग गायब है वहीं दूसरी ओर एक सप्ताह के अंदर पहली बार आयी हरी उड़द की कीमत 192 रुपये प्रति किलो लगाई जा रही है। चार दिन के अंदर ही यह 175 रुपये किलो पर आ गई है। कीमतों में इतनी तेज गिरावट देख इस समय थोक कारोबारी भी हरी उड़द खरीदने से बच रहे हैं।

थोक बाजार में इस समय पुरानी हरी उड़द का भाव 160 से 170 रुपये किलो बोला जा रहा है। इधर हरी उड़द की नई फसल आ गई है। यह फसल मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में होती है। पिछले वर्ष हरी उड़द की फसल खराब हो गई थी। इसकी वजह से उड़द का उत्पादन काफी कम हो गया था। इसलिए पिछले वर्ष ही 100 रुपये से ऊपर हरी उड़द हो गई थी और उसके बाद से यह लगातार बढ़ती जा रही है। दाल कारोबारी सचिन त्रिवेदी के मुताबिक पांच दिन पहले पहली बार नई फसल बाजार में आई लेकिन उस समय 192 रुपये किलो इसके भाव बोले गए। माल कम होने की वजह से दाल मिल ने उसे खरीद लिया लेकिन मात्र चार दिन के अंदर दोबारा हरी उड़द आई तो वह 17 रुपये किलो गिर कर 175 रुपये हो गई। उनके मुताबिक इस वर्ष हरी उड़द की फसल बहुत अच्छी हुई है। इसलिए भाव तेजी से गिरने की उम्मीद है। अगली बार जब बाजार में दाल आए तो यह भाव 160 रुपये के आसपास हो सकते हैं। लगातार भाव गिरने की वजह से कारोबारी अभी इसे खरीदने से बच रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि अगर महंगी दाल खरीद ली और उसके बाद भाव गिर गए तो घाटे में दाल बेचनी पड़ेगी। दाल कारोबारियों के मुताबिक अभी हरी उड़द के भाव और गिरने की उम्मीद है। जल्द ही भाव पिछले वर्ष के आसपास नजर आने लगेंगे।

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