कानपुर में विद्युत शवदाह गृह बनाने के लिए प्रस्ताव तो तैयार है, पर इस वजह से नहीं मिल पा रही अनुमति
प्रदूषण मुक्ति के लिए 15 वें राज्य वित्त आयोग से 74 करोड़ रुपये नवंबर माह में शासन ने मुक्त कर दिए जो खजाने में सात माह से हैं लेकिन नगर निगम के अफसरों की स्वीकृति न मिलने की वजह से विद्युत शवदाह गृह का निर्माण नहीं हो पा रहा है।
कानपुर, जेएनएन। सिद्धनाथ घाट पर विद्युत शवदाह गृह बनाने और भगवतदास घाट स्थित विद्युत शवदाह गृह में मशीन लगाने का प्रस्ताव अधर में लटका है। प्रदूषण मुक्ति के लिए 15 वें राज्य वित्त आयोग से 74 करोड़ रुपये नवंबर माह में शासन ने मुक्त कर दिए जो खजाने में सात माह से हैं, लेकिन नगर निगम के अफसरों की स्वीकृति न मिलने की वजह से विद्युत शवदाह गृह का निर्माण नहीं हो पा रहा है।
एनजीटी का आदेश है कि शहरों का पर्यावरण दुरुस्त किया जाए। इसके तहत पर्यावरण सुधार के लिए घाटों के किनारे विद्युत शवदाह गृह लगाए जाएं। इसके लिए पिछले साल भैरो घाट विद्युत शवदाह में 75 लाख रुपये से नई मशीन लगाने और सिद्धनाथ घाट पर साढ़े चार करोड़ रुपये से विद्युत शवदाह गृह बनाने का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया था, लेकिन नगर निगम स्तर पर बैठक न होने की वजह से प्रस्ताव को हरी झंडी नहीं मिल पाई, जबकि 15 वें वित्त आयोग से पर्यावरण सुधार के मद में 74 करोड़ रुपये की पहली किस्त भी नवंबर माह में जारी हो गई थी। उस वक्त से अब तक बैठक करने के लिए पर्याप्त समय था, लेकिन अफसरों ने गंभीरता नहीं दिखाई।
इनका ये है कहना
विद्युत शवदाह गृह बनाने के प्रस्ताव के बारे में मुझे जानकारी नहीं है। जल्द ही अफसरों की बैठक बुलाकर प्रस्ताव को हरी झंडी दी जाएगी, ताकि जल्द से जल्द विद्युत शवदाह गृह बन सके।प्रमिला पांडेय महापौर