कानपुर: वादकारियों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, मुकदमे न लिखने और दर्ज मुकदमों में गिरफ्तारी न होने से वकीलों में है गुस्सा
बार और लॉयर्स एसोसिएशन ने आधा दर्जन वकीलों के मामलों को लेकर न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया है। इनमें अधिवक्ता भानु प्रताप सिंह के साथ नौबस्ता में मारपीट हुई थी जिस पर पुलिस ने आइपीसी की धारा 307 में मुकदमा तो दर्ज कर लिया।
कानपुर, जेएनएन। वकीलों के मुकदमे न लिखने अथवा दर्ज मुकदमों में गिरफ्तारी न करने से वकील आक्रोशित हैं। जिसके चलते उन्होंने न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया है। मंगलवार को जहां वकील अपने विवादों को लेकर हड़ताल पर रहेंगे वहीं इसका खामियाजा वादकारी भुगतेंगे। जिनकी जमानत पर सुनवाई होनी हैं उन्हें इंतजार करना होगा। जिन जरूरी मामलों में तत्काल सुनवाई की जरूरत होगी उन्हें एक दिन रूकना होगा। जो आरोपित कोर्ट में सरेंडर करना चाहते होंगे उन्हें भी एक दिन का इंतजार करना होगा।
बार और लॉयर्स एसोसिएशन ने आधा दर्जन वकीलों के मामलों को लेकर न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया है। इनमें अधिवक्ता भानु प्रताप सिंह के साथ नौबस्ता में मारपीट हुई थी जिस पर पुलिस ने आइपीसी की धारा 307 में मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन करीब एक माह होने को है लेकिन गिरफ्तारी नहीं की। इसी तरह विधायक महेश त्रिवेदी के यहां अधिवक्ता पवन कुमार पांडेय के साथ हुई मारपीट मामले में भी पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। शुजा अब्बाज नकवी और सिराज हुसैन के साथ हुई मारपीट व लूट मामले में ग्वालटोली पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। अधिवक्ता अजरा बानो की बजरिया पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। ऐसे तमाम मामलों को लेकर वकीलों ने मंगलवार को न्यायिक कार्य न करने का निर्णय लिया है।
बीते दिनों इन वकीलों के साथ मारपीट की घटनाएं हुईं थी। कुछ मामलों में मुकदमा भी दर्ज है लेकिन गिरफ्तारी नहीं हुई। ऐसे में वकीलों ने हड़ताल का निर्णय लिया है हालांकि वकीलों के इस विवाद में परेशान वादकारी होंगे। उन्हें जमानत, सुनवाई, नए मुकदमे का दाखिला और विवाद पर स्टे जैसे आदेश के लिए बुधवार तक इंतजार करना होगा।