बंदियों को मिला अब खेती करने का जिम्मा, कानपुर के कैदी खाएंगे कन्नौज का आलू
Kanpur patato news उत्पादन होने के कारण यहां उत्पादित आलू को अब कानपुर जेल भेजा जाएगा। दरअसल बंदियों/कैदियों का स्वास्थ्य अच्छा रहे उन्हें ताजी हरी सब्जियां मिल सकें इसके लिए जिला जेल अनौगी में खेती कराई जा रही है।
कन्नौज, जेएनएन। जेल में बंदियों को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाया जा रहा है। इसके तहत बंदी/कैदी जेल परिसर के अंदर स्थित कृषि फार्म में हरी सब्जियों की खेती कर रहे हैं। यहीं नहीं उन्हें खाने में उन्हीं के द्वारा उगाई गई हरी सब्जियां दी जा रहीं हैं। इस साल बंदी/कैदी की मेहनत से आलू की पैदावार अच्छी हुई है। अधिक उत्पादन होने के कारण यहां उत्पादित आलू को अब कानपुर जेल भेजा जाएगा। दरअसल बंदियों/कैदियों का स्वास्थ्य अच्छा रहे, उन्हें ताजी हरी सब्जियां मिल सकें, इसके लिए जिला जेल अनौगी में खेती कराई जा रही है। जेल आने से पहले खेतीबाड़ी करने वाले बंदियों को खेती करने का जिम्मा दिया गया है।
जिला कारागार में लगभग 12 एकड़ में कृषि फार्म है, जिसमें आठ एकड़ में कृषि होती है। चार एकड़ जमीन बंजर है, जिसे उपजाऊ बनाने का कार्य चल रहा है। यहां दो-तीन एकड़ में इस समय भिंडी, पालक, तरोई, लौकी, अरबी, बैंगन का उत्पादन हो रहा है, जबकि पांच एकड़ में आलू की फसल की जा रही है। यहां इस साल 360 क्विंटल आलू का उत्पादन हुआ है, जो पिछले साल के मुकाबले 90 क्विंटल अधिक है। यह आलू खराब न हो, इसके लिए जिला जेल प्रशासन ने लखनऊ जेल प्रशासन को पत्र लिखा। इस पर इस आलू को कानपुर जेल भेजे जाने का निर्देश दिया गया। पहली बार जिला जेल से आलू बाहर भेजा जा रहा है।
प्रतिदिन के हिसाब से मिलते 25 रुपये : जेल अधीक्षक वीके मिश्रा ने बताया कि हरी सब्जियों के हिसाब से ही खेत को टुकड़ों में बांटा गया है। बंदियों की इच्छा के अनुसार हरी सब्जियां उगाई जा रही हैं। बताया कि कृषि फार्म में कार्य करने वाले कैदियों व बंदियों को मानक के अनुसार 25 रुपये प्रतिदिन दिए जाते हैं। साथ ही उन्हें खाने के लिए गुड़ भी दिया जाता है। बताया कि साल 2019 में 260 और 2020 में 267 क्विंटल आलू पैदा हुआ था।