राष्ट्रपति ने कहा, पूरे विश्व में मिल रहा भारत और भारतीयों को सम्मान, जगाएं हमसफर की भावना

कानपुर में दो दिवसीय दौरे पर आए राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने मेहरबान सिंह का पुरवा में स्व. चौधरी हरमोहन सिंह यादव जन्म शताब्दी समारोह में गोष्ठी को संबोधित करते हुए गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों से परिचित कराने पर जोर दिया।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 02:58 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 06:16 PM (IST)
राष्ट्रपति ने कहा, पूरे विश्व में मिल रहा भारत और भारतीयों को सम्मान, जगाएं हमसफर की भावना
कानपुर में राष्ट्रपति ने हरमोहन सिंह यादव को याद किया।

कानपुर, जागरण संवाददाता। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि आज पूरे विश्व में भारत और भारतीयों को सम्मान मिल रहा है। कानपुर के मेहरबान सिंह का पुरवा में स्व. चौधरी हरमोहन सिंह यादव के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित गोष्ठी में उन्होंने लोगों में हमसफर की भावना जगाने का आह्वान किया तो बेहतर शिक्षण संस्थानों का हवाला देते हुए कानपुर की जिम्मेदारी देश के प्रति अहम बताई। वहीं आजादी के अमृत महोत्वस की भी चर्चा छेड़ते हुए उन्होंने गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों से परिचित कराने और इतिहास बताने पर जोर दिया।

समोराह में राष्ट्रपति ने कहा कि हरमोहन सिंह जबभी ट्रेन में चलते थे तो सभी को अपना हमसफ़र मानते थे। यह हमसफर की भावना अगर समाज में भी चरितार्थ हो जाए और लोग पास-पड़ोस में भी जाति, संप्रदाय, अमीर गरीब को अपना लें तो हम जहां रहते हैं वहीं स्वर्ग होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में कई उपलब्धियां हासिल की हैं और इसमें कानपुर के मानचित्र पर आइआइटी, एनएसआइ, तीन विश्वविद्यालय और बहुत सारे शिक्षण संस्थान हैं। इसके चलते कानपुर की जिम्मेदारी भी देश में और क्षेत्रों के लिए बहुत अधिक बढ़ जाती है। क्योंकि भारत के विकास में शिक्षकों और छात्रों की प्रभावी भूमिका रही है।

उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं और देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। देश की आजादी के लिए हजारों स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। इसमें बहुत से लोग गुमनामी में रहे। दो वर्ष तक चलने वाले इस समारोह में जो नाम गुम हो गए हैं, उन्हें सामने लाया जाए। उत्तर प्रदेश और कानपुर का भी स्वतंत्रता आंदोलन में बहुत योगदान रहा है। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में नानाजी, तात्या टोपे और अजीमुल्ला खान के नाम तो सभी में सुने हैं लेकिन अजीजन बाई, मैनावती के योगदान से लोग पूरी तरह परिचित नहीं हैं। इन्हें सामने लाया जाना चाहिए। इसके अलावा चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह के कानपुर के संबंधों को लोग जानते हैं लेकिन जयदेव कपूर, शिव वर्मा और गया प्रसाद के बारे में लोगों को और बताया जाना चाहिए। हम सबका कर्तव्य है कि ऐसे गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में लोगों को जानकारी दें।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज पूरे विश्व में भारत और भारतीयों को आदर मिलता है। वह जहां भी जाते हैं, उन्हें पूरा आदर दिया जाता है लेकिन कानपुर की बात अलग है। वैसे तो पूरा देश अपना परिवार है लेकिन कानपुर और आसपास को मैं अपना निजी परिवार मानता हूं क्योंकि इसी जमीन से पढ़ाई करके राष्ट्रपति बना हूं। इसलिए इसकी स्मृति ना तो दूर हुई हैं और ना कभी होंगी। उन्होंने कहा कि विश्व में अग्रणी पंक्ति में आने के लिए 130 करोड़ लोगों को अपने पांव एक साथ बढ़ाने चाहिए। कार्यक्रम में प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, राज्यसभा सदस्य सुखराम सिंह और चौधरी हरमोहन सिंह जन कल्याण समिति के अध्यक्ष मोहित यादव मौजूद रहे।

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