Kanpur Schools News: पढ़ने कमजोर बच्चों की पहचान करेगा प्रेरणा लक्ष्य एप, अभिभावक भी कर सकेंगे प्रेरित

यूपी के परिषदीय और उच्च परिषदीय स्कूलों में कई बच्चे पढ़ाई में कमजोर होते हैं अब उनकी पहचान करने के लिए प्रेरणा लक्ष्य एप आया । इसकी मदद से शिक्षक और अभिभावक बच्चों को प्रेरित कर सकेंगे ।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 11:46 AM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 11:46 AM (IST)
Kanpur Schools News: पढ़ने कमजोर बच्चों की पहचान करेगा प्रेरणा लक्ष्य एप, अभिभावक भी कर सकेंगे प्रेरित
एप से पहचान करके प्रेरक बालक-बालिका घोषित होंगे।

कानपुर, जेएनएन। परिषदीय व उच्च परिषदीय विद्यालयों में जो बच्चे पढ़ाई में कमजोर हैं, अब उनके लिए अतिरिक्त कक्षाओं के बजाए उन्हें एप के माध्यम से पहचाना जा सकेगा। वहीं जो बच्चे चिन्हित होंगे, वह कैसे बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं इसका जिम्मा शिक्षक को सौंपा जाएगा।

बेसिक शिक्षा विभाग से बच्चों के लिए प्रेरणा लक्ष्य तय कर दिए गए और शिक्षकों व अभिभावकों के लिए प्रेरणा लक्ष्य एप तैयार कर दिया गया है। इस एप का उपयोग कर अभिभावक भी बच्चों को प्रेरणा लक्ष्य हासिल करने के प्रति प्रेरित कर सकेंगें। बीएसए ड़ॉ.पवन तिवारी ने बताया कि प्रेरणा लक्ष्य एप के विषय में सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को प्रशिक्षण दे दिया गया है। अब वह इसकी जानकारी शिक्षकों को देंगे। फिर शिक्षक एप के उपयोग से कमजोर बच्चों की पहचान कर सकेंगे।

भाषा के लिए कक्षावार लक्ष्य

कक्षा एक के लिए : निर्धारित सूची में पांच शब्द सही से पहचान लेते हैं।

कक्षा दो के लिए : अनुच्छेद को 20 शब्द प्रति मिनट के प्रवाह से पढ़ लेते हैं।

कक्षा तीन के लिए : अनुच्छेद को 30 शब्द प्रति मिनट के प्रवाह से पढ़ लेते हैं।

कक्षा चार के लिए : छोटे अनुच्छेद को पढ़कर 75 फीसद प्रश्नों को सही हल कर पाते हैं।

कक्षा पांच के लिए : बड़े अनुच्छेद को पढ़कर 75 फीसद प्रश्नों को सही हल कर पाते हैं।

गणित के लिए कक्षावार लक्ष्य

कक्षा एक के लिए : निर्धारित सूची में पांच संख्याएं सही से पहचान लेते हैं।

कक्षा दो के लिए : जोड़ व घटाना (एकअंकीय) के 75 फीसद प्रश्नों को सही से हल कर पाते हैं।

कक्षा तीन के लिए : जोड़ व घटाना (हासिल के साथ) के 75 फीसद प्रश्नों को सही हल कर पाते हैं।

कक्षा चार के लिए : गुणा के 75 फीसद प्रश्नों को सही हल कर पाते हैं।

कक्षा पांच के लिए : भाग के 75 फीसद प्रश्नों को सही हल कर पाते हैं।

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