समस्याओं को लेकर अफसरों को घेरने की तैयारी
पहली बार सदन में रहेंगे केडीए और पीडब्ल्यूडी के अधिकारी। - पिछले स
जागरण संवाददाता, कानपुर : विकास कार्यों को लेकर अफसरों द्वारा एक दूसरे के पाले में गेंद फेंकने का खेल इस बार नगर निगम सदन में नहीं चलेगा। पहली बार नगर निगम, जलकल और जल निगम की तरह पीडब्ल्यूडी व केडीए के अफसर भी सदन में रहेंगे। महापौर प्रमिला पांडेय ने विकास कार्य से जुड़े सभी विभागों के आला अफसरों को सदन में बुलाया है। मंगलवार को पार्षदों द्वारा सदन में पूछे गए एक-एक सवाल का जवाब गुरुवार को होने वाले सदन में अफसरों से लिया जाएगा।
बरसात ने दस्तक दे दी है, लेकिन अभी तक नगर निगम के सभी नाले साफ नहीं हैं। सबसे खराब स्थिति जोन छह के क्षेत्रों की है, जहां कई नालों की सफाई के नाम पर खानापूरी हुई है। इसको लेकर पार्षदों ने मंगलवार को सदन में हल्ला बोला था। साथ ही दूषित पेयजल और टूटी सड़कों का मामला भी उठाया था। वहीं नवंबर में हुए सदन में हर वार्ड में दस-दस लाइटें लगाने और संविदा सफाई कर्मचारी तैनात करने के आदेश दिए थे, लेकिन एक भी का पालन नहीं हुआ। इसको लेकर महापौर ने अफसरों से पूछा है कि साढ़े तीन साल में सदन के दिए आदेशों में कितनों का पालन हुआ है। इन सवालों के जवाब के लिए महापौर ने गुरुवार को फिर सदन बुलाया है। सभी प्रमुख विभागों के अफसरों को सदन में बुलाया गया है।
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110 वार्डो में हुए 2.13 अरब रुपये के काम
110 वार्डो में अब तक 2.13 अरब रुपये से सड़क, नाली, फुटपाथ आदि के 2221 काम कराए गए हैं।
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इन पार्षदों के क्षेत्र में सर्वाधिक काम
पार्षद वार्ड काम (रुपये में)
सुमित पाल 53 13.35 करोड़
जेपी पाल 72 7.26 करोड़
सौरभ तिवारी 62 6.29 करोड़
अजीत दिवाकर 12 5.42 करोड़
राधा पांडेय 20 5.23 करोड़
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इन पार्षदों के क्षेत्र सबसे कम काम
शरद सोनकर 03 37.94 लाख
रीता पासवान 05 40.79 लाख
मो. अमीम 97 41.60 लाख
फरजाना बेगम 108 45.11 लाख
शशि साहू 81 51.21 लाख