CSA में कम समय में युवाओं का कौशल विकास कराने की तैयारी, बन रही ये योजना
कोर्स में ग्रामीण महिलाओं को भी शामिल करने की व्यवस्था की जा रही है जिससे की वे घर की आॢथक स्थिति में सहयोग कर सकें। उनका उद्यमिता विकास किया जाएगा। कुलपति डा. डीआर सिंह ने बताया कि कोर्स का प्रारूप तैयार हो गया है।
कानपुर, जेएनएन। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) कम समय में युवाओं का कौशल विकास करने की तैयारी में है। यहां सात दिन से छह माह का शार्ट टर्म कोर्स संचालित किया जाएगा, जिसकी प्लानिंग हो गई है। इसको इसी सप्ताह में प्रस्तावित एकेडमिक काउंसिल की बैठक में स्वीकृति मिल सकती है। युवाओं को किचन गार्डनिंग, वर्मी कंपोस्टिंग (जैविक खाद तैयार करना), मिट्टी और उर्वरकों की जांच आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा। कोर्स में ग्रामीण महिलाओं को भी शामिल करने की व्यवस्था की जा रही है, जिससे की वे घर की आॢथक स्थिति में सहयोग कर सकें। उनका उद्यमिता विकास किया जाएगा। कुलपति डा. डीआर सिंह ने बताया कि कोर्स का प्रारूप तैयार हो गया है। युवाओं को इसका लाभ मिल सकेगा। कुछ प्रशिक्षण आनलाइन मोड पर रखने की प्लानिंग है। इससे दूसरे शहरों के युवा भी लाभान्वित हो सकेंगे।
उद्यमिता विकास पर रहेगा जोर : कुलपति के मुताबिक किसानों की आय बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय की ओर से उनका उद्यमिता विकास कराने पर जोर रहेगा। कई कंपनियों से बातचीत चल रही है। ग्रामीण क्षेत्रों के सह उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा। उनके उत्पादों के लिए सेंटर स्थापित करने की प्लानिंग है। इसमें सीएसए के विशेषज्ञ मूल्य संवर्धन करेंगे। इसमें अचार, मुरब्बा, शर्बत, जैम, जैली, लड्डू, मिठाई आदि शामिल हैं। घर की सजावटी वस्तुएं और सिलाई बुनाई का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मछली, मुर्गी, मत्स्य पालन का प्रशिक्षण : सीएसए कृषि विज्ञान केंद्रों के सहयोग से ग्रामीण महिलाओं को मछली, मुर्गी, मत्स्य, बकरी आदि पालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हेंं केंद्रों और विश्वविद्यालय में बुलाया जाएगा। यह कार्य ब्लाकवार होगा, जिसमें ग्राम प्रधानों का सहयोग लिया जाएगा। ग्राम प्रधानों के माध्यम से महिलाओं को सरकारी कार्यालयों की कार्यप्रणाली और योजनाओं की जानकारी दी जाएगी।