कानपुर के बिठूर में शटरिंग मजदूर की बेरहमी से हत्या, भाइयों ने गांव के ही एक दंपती पर जताया शक
रमेश व राम सिंह ने गांव की महिला व उसके पति पर हत्या करने का शक जताया। उन्होंने कहा कि सुरेश के महिला से संबंध थे। उसके पति से झगड़ा हो चुका था। पुलिस महिला के घर पर पहुंची तो ताला लगा मिला।
कानपुर, जेएनएन। संभरपुर मोहनपुरवा गांव में बुधवार शाम 28 वर्षीय शटरिंग मजदूर सुरेश कुशवाहा उर्फ पुत्तन की चापड़ से गर्दन काटकर हत्या कर दी गई। उसका शव झोपड़ी में पड़ा मिला। गैस चूल्हे के पास शराब की आधी भरी बोतल, कटा हुआ प्याज व प्लेट में मुर्गे के पंजे पड़े थे। माना जा रहा है कि सुरेश ने किसी को दावत के लिए बुलाया था। उसी ने वारदात को अंजाम दिया। स्वजन ने गांव के दंपती पर आरोप लगाया है। उनकी तलाश जारी है।
यह है पूरा मामला: सुरेश अविवाहित था और झोपड़ी में अकेले रहता था। पड़ोस में बिसातखाने का काम करने वाले भाई राम सिंह और मजदूरी करने वाले रमेश सिंह अपने परिवारों संग अलग झोपड़ियों में रहते हैं। राम सिंह की तबीयत खराब थी, इसलिए वह घर पर आराम कर रहे थे। रमेश मजदूरी करने गए थे। उनकी पत्नी नीलम बच्चों संग मायके रमेल नगर में रह रही हैं। रमेश ने बताया कि शाम को काम से लौटने के बाद वह सुरेश से साबुन मांगने उसकी झोपड़ी में गए। तो देखा कि आंगन में सुरेश का शव खून से लथपथ पड़ा था। शरीर पर केवल अंडरवियर था। गर्दन पीछे की ओर से कटी थी और एक हाथ सिर के नीचे था। उस हाथ में चापड़ भी था। रमेश शोर मचाते हुए बाहर आए और भाई राम सिंह व आसपास के लोगों को बताया। इसके बाद पुलिस पहुंची। फॉरेंसिक टीम को अंदर चूल्हे वाले कमरे में गैस सिलिंडर के पास शराब की हाफ बोतल, थाली में मुर्गे की टांगें, कटा हुआ प्याज व मसाला रखा था। टीम ने चापड़ व चप्पल को कब्जे में लिया।
पुलिस ने की पूछताछ: रमेश व राम सिंह ने गांव की महिला व उसके पति पर हत्या करने का शक जताया। उन्होंने कहा कि सुरेश के महिला से संबंध थे। उसके पति से झगड़ा हो चुका था। पुलिस महिला के घर पर पहुंची तो ताला लगा मिला। लोगों ने बताया कि शाम को महिला परिवार संग कहीं चली गई थी। थाना प्रभारी अमित मिश्रा ने बताया कि जिन लोगों पर परिवार ने संदेह जताया है, उनकी तलाश की जा रही है।
दो वर्ष पूर्व किशोरी के अपहरण मामले में गया था जेल: पुलिस के मुताबिक सुरेश दो वर्ष पूर्व गंगा बैराज पर अंडे का ठेला लगाता था और ईश्वरीगंज गांव में शराब ठेके के पास किराये पर कमरा लेकर रहता था। वहां से वह किसी किशोरी को बहला फुसलाकर ले गया था। तब उसके खिलाफ अपहरण का मुकदमा लिखा गया था। पुलिस ने सुरेश को जेल भी भेजा था। पांच माह बाद उसके भाइयों ने जमानत कराई थी। इसके बाद से सुरेश संभरपुर मोहनपुरवा गांव में रहने लगा।