बिगड़ा घर का बजट : सरसों के तेल में उछाल, एक माह में 30 रुपये किलो बढ़ा

त्योहारी सीजन की अच्छी मांग को देख बड़े उद्यमियों ने लाही की खरीद भी कर ली है। थोक मंडियों में 15 दिन पहले 70 से 75 रुपये के बीच बिक रही लाही इस समय 83 रुपये किलो पहुंच गई है। इसका असर सरसों के तेल पर भी पड़ रहा है।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 11:24 AM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 01:36 PM (IST)
बिगड़ा घर का बजट : सरसों के तेल में उछाल, एक माह में 30 रुपये किलो बढ़ा
लाही का समर्थन मूल्य 400 रुपये और बढऩे से इसकी आस और भी कम हो गई

कानपुर, जेएनएन। त्योहार शुरू होते ही सरसों के तेल की कीमतें तेजी से बढऩे लगी हैं। पिछले एक माह में सरसों के तेल में 30 रुपये तक की वृद्धि हो चुकी है। फुटकर बाजार में ज्यादातर ब्रांडेड व खुले तेल 200 रुपये प्रति किलो के करीब पहुंच गए हैं। कारोबारियों का कहना है कि त्योहार को लेकर जिस तरह की मांग है, उससे अभी कीमतों में कमी आने की कोई उम्मीद नहीं है। लाही का समर्थन मूल्य 400 रुपये और बढऩे से इसकी आस और भी कम हो गई है।

त्योहारी सीजन की अच्छी मांग को देख बड़े उद्यमियों ने लाही की खरीद भी कर ली है। थोक मंडियों में 15 दिन पहले 70 से 75 रुपये के बीच बिक रही लाही इस समय 83 रुपये किलो पहुंच गई है। इसका असर सरसों के तेल पर भी पड़ रहा है। अगस्त की शुरुआत में थोक बाजार में एक लीटर के सरसों के तेल का पाउच 148 से 152 रुपये के बीच मिल रहा था। वह अब 174 से 188 रुपये के बीच पहुंच चुका है। थोक बाजार में खुला तेल 150-155 से बढ़कर 182 रुपये किलो पहुंच गया है। इसका असर फुटकर बाजार पर भी पड़ रहा है और ज्यादातर तेल 200 रुपये के आसपास बिक रहे हैं। थोक कारोबारी रवि गुप्ता के मुताबिक बाजार में जिस तरह का माहौल है, उसे देखते हुए अभी तेल की कीमतों में कमी की आस नहीं है। फुटकर कारोबारी राजेश शुक्ला के मुताबिक पिछले एक माह में सरसों के तेल में बहुत तेजी आ गई है। लाही के थोक कारोबारी अजय बाजपेई के अनुसार लाही की बाजार में कमी हो गई है। अब नई लाही आने पर ही कीमतों में कमी आने की उम्मीद है।

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