ताजी हवा में सुबह टहलने निकलते हैं तो हो जाएं सावधान, वरना सेहत को पहुंच सकता है नुकसान
कानपुर शहर में रात 12 बजे से सुबह छह बजे तक खतरनाक स्तर पर पीएम 2.5 पहुंचने से प्रदूषित हवा नुकसानदेह साबित हो रही है चिकित्सकों ने सांस टीबी व फेफड़े को रोगियों को एहतियात बरतने की सलाह दी है।
कानपुर, जेएनएन। सुबह की हवा ताजी होती है, सेहत के लिए अच्छी होती है...। इसी आस में शहर के बाशिंदे सुबह टहलने निकलते हैं लेकिन, संभल जाइए अब। सुबह की यह ताजी हवा भी प्रदूषण के शिकंजे में आकर खतरनाक हो रही है। ताजा आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं। शहर में शाम के बाद तेजी से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है जो रात से लेकर सुबह तक चरम पर पहुंच रहा है।
गुरुवार रात को हानिकारक गैसों और अतिसूक्ष्म कणों (पीएम 2.5) का स्तर अचानक बढ़ गया, जो इस सीजन की सबसे अधिक मात्रा है। इस स्थिति को देखते हुए अब विशेषज्ञ सांस रोगियों, कोरोना संक्रमित, टीबी और फेफड़ों के गंभीर रोगियों को संभल कर रहने की हिदायत दे रहे हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जारी आंकड़ों के मुताबिक गुरुवार रात शहर में 12 बजे पीएम 2.5 की मात्रा 280 रिकार्ड की गई जो सुबह छह बजे बढ़कर 283 पहुंच गई। इसके पीछे वजह यह है कि तापमान कम होते ही वायुमंडल में पीएम 2.5, पीएम 10, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओटू), कार्बन डाइऑक्साइड के साथ ही सल्फर डाइऑक्साइड (एसओटू)का घनत्व बढऩे लग रहा है।
हफ्ते भर से शाम के समय तापमान चार से पांच डिग्री नीचे आ गया है, जिससे सूरज ढलते ही गैसों की मात्रा में इजाफा हो रहा है। 12 फीसद बढ़े सांस के रोगी जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज संबद्ध मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल के प्रो. सुधीर चौधरी के मुताबिक वायु प्रदूषण की वजह से अस्थमा, टीबी, सीओपीडी की समस्या बढ़ गई है। रोगियों में सांस फूलने, खांसी और चलने में हांफने जैसे दिक्कतें हो रही हैं। अभी बलगम होने की स्थिति नहीं है, लेकिन उन्हें दम घुटने जैसा महसूस हो रहा है। अस्पताल में 10 से 12 फीसद रोगी बढ़ गए हैं। सांस के रोगी सुबह और शाम के समय सैर करने से परहेज करें। बाहर निकले तो मास्क जरूर पहनें।
वायु प्रदूषण का स्तर
समय | पीएम 2.5 | एनओटू |
गुरुवार रात 12 बजे | 280 | 130 |
शुक्रवार सुबह चार बजे | 281 | 125 |
शुक्रवार सुबह छह बजे | 283 | 126 |
यह है मानक पीएम 2.5 - 60 एनओटू - 60 एसओटू - 60
(मात्रा माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर में है)
- घर से बाहर केवल मास्क लगाकर ही निकलें। - दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट का प्रयोग करें, यह अतिसूक्ष्म कणों को रोकता है। - घर में अनुलोम विलोम, योग और हल्की एक्सरसाइज कर सकते हैं। - धुएं और धूल से बचें। इनकी वजह से गले और नाक में एलर्जी हो सकती है।