जमीन के विवाद में थाना पुलिस नहीं करेगी सीधे हस्तक्षेप, पति पत्नी के बीच झगड़े में भी पुलिस नहीं कराएगी समझौता

पिछले दिनों थाना प्रभारियों के साथ हुई बैठक में साफ कर दिया कि कोई भी थाना प्रभारी जमीनी विवाद में हस्तक्षेप नहीं करेगा। अगर पुलिस के पास कोई शिकायत आती है तो थाना प्रभारी उसकी एक रिपोर्ट बनाएगा और वह रिपोर्ट डीसीपी कार्यालय को भेज देगा।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 12:47 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 12:47 PM (IST)
जमीन के विवाद में थाना पुलिस नहीं करेगी सीधे हस्तक्षेप, पति पत्नी के बीच झगड़े में भी पुलिस नहीं कराएगी समझौता
थाना पुलिस किस तरह से कार्य करेगी उसके लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए

कानपुर, जेएनएन। कमिश्नरेट पुलिस जमीन को मामलों पर अब सीधे हस्तक्षेप नहीं करेगी। वहीं पति पत्नी के बीच होने वाले विवादों में भी मध्यस्थ नहीं बनेगी। पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने इन मामलों में थाना पुलिस किस तरह से कार्य करेगी उसके लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं।

पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने पिछले दिनों थाना प्रभारियों के साथ हुई बैठक में साफ कर दिया कि कोई भी थाना प्रभारी जमीनी विवाद में हस्तक्षेप नहीं करेगा। अगर पुलिस के पास कोई शिकायत आती है तो थाना प्रभारी उसकी एक रिपोर्ट बनाएगा और वह रिपोर्ट डीसीपी कार्यालय को भेज देगा। इसके बाद उस मसले पर क्या कार्यवाही की जानी है इसका फैसला डीसीपी स्तर से किया जाएगा। इसके लिए पुलिस आयुक्त ने एक प्रोफार्मा भी जारी किया है, जिसमें जमीनी विवाद का पूरा विवरण लिखकर डीसीपी कार्यालय को भेजना होगाा। इसी तरह पति पत्नी के बीच होने वाले विवादों में भी पुलिस मध्यस्थ नहीं बनेगी।

पुलिस आयुक्त का मानना है कि इन मामलों में पड़कर पुलिस का समय बर्बाद होता है और कई बार आरोप लगने से पुलिस की छवि खराब होती है। उन्होंने थाना प्रभारियों से कहा है कि पति पत्नी के विवाद की स्थिति में प्रकरण को परामर्श केंद्र में भेजे गए और वहीं इसका निपटारा किया जाए। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी मामले में कानून व्यवस्था बिगडऩे की संभावना दिखाई पड़ती है तो पुलिस हस्तक्षेप कर सकती है। इसी तरह पति पत्नी के बीच होने वाले विवादों में भी पुलिस मध्यस्थ नहीं बनेगी। थाना पुलिस किस तरह से कार्य करेगी उसके लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं।

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