कानपुर में मानक से आधे भी नहीं हैं थाने, अब कमिश्नरेट में शुरू हुई नए थाने बनाने की कवायद
कानपुर में अपर पुलिस आयुक्त आकाश कुलहरि के नेतृत्व में नए थाने बनाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसमें कल्याणपुर चकेरी गोविंद नगर पनकी बर्रा और नौबस्ता थाना क्षेत्रों को तोड़कर चार से छह नए थाने बनाए जाने की संभावना है।
कानपुर, जेएनएन। कानपुर ही नहीं पूरे यूपी में आबादी मानक के हिसाब से थाने नहीं है। शहर में तो मानक से आधे थाने भी नहीं है, अब ऐसे में कमिश्नरेट में पुलिसिंग को और बेहतर करने की कवायद में महानगर में कई नए थाने बनाने की कवायद शुरू कर दी है। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिसके तहत चार से छह नए थाने बनने की जरूरत महसूस की जा रही है। फिलहाल जो रूपरेखा तय की गई है, उसके मुताबिक कल्याणपुर, चकेरी, गोविंद नगर, पनकी, बर्रा और नौबस्ता थाना क्षेत्रों को तोड़कर नए थाने बनाए जाएंगे।
अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था आकाश कुलहरी ने बताया कि शासन की ओर से नए थाना क्षेत्रों के लिए प्रस्ताव मांगा गया है। पूर्व में भी कानपुर में नए थाने खोलने के लिए प्रस्ताव भेजे गए थे लेकिन, शासन की ओर से हरी झंडी नहीं मिली थी। फिलहाल कमिश्नरेट के 33 थानों में कल्याणपुर और चकेरी थाना क्षेत्र जनसंख्या और क्षेत्रफल दोनों की दृष्टि से काफी बड़े हैं। यहां कानून व्यवस्था बनाए रखना बड़ी चुनौती है। अपर पुलिस आयुक्त के मुताबिक कल्याणपुर में रावतपुर और इंदिरा नगर नए थाने होंगे। रावतपुर सांप्रदायिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, जबकि इंद्रानगर नई पॉश कालोनी के तौर पर विकसित हुई है। इसी तरह चकेरी में श्यामनगर और जाजमऊ दो नए थाने बनाए जाने का प्रस्ताव है।
श्यामनगर में तेजी के साथ बसाहट हुई है, जबकि जाजमऊ शहर का हिस्सा होते हुए भी थाने से चार किमी दूरी पर है। गोविंद नगर और पनकी दोनों थानाक्षेत्रों में औद्योगिक इकाईयां हैं। इन्हेंं अलग करके एक नया इंडस्ट्रियल एरिया थाना बनाया जा सकता है। कई महानगरों में इंडस्ट्रियल एरिया थाने का कांसेप्ट है। इससे उद्योगपतियों को सुरक्षा का भरोसा दिलाने में कमिश्नरेट पुलिस सफल होगी। हनुमंतविहार, उस्मानपुर और गुजैनी को अलग किया जा सकता है। अपर पुलिस आयुक्त ने बताया कि नए थानों में कौन-कौन से क्षेत्र शामिल किए जाएंगे इसके लिए कवायद शुरू कर दी गई है जल्दी ही प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया जाएगा।
हाल-ए-थाना
मानक के हिसाब से शहर में 50 हजार की आबादी और देहात में 70 से 80 हजार की आबादी पर नया थाना बन सकता है। वर्ष 2017 में एक आरटीआइ के जवाब में पुलिस मुख्यालय ने बताया था कि प्रदेश में उस वक्त 1428 थाने थे, जबकि जरूरत व मानक के हिसाब से थानों की संख्या 2891 होनी चाहिए। यानी प्रदेश में थानों की संख्या मानक के हिसाब से ठीक आधी है। कमिश्नरेट की आबादी भी 35 से 40 लाख आंकी जाती है, जिसके हिसाब से यहां भी थानों की संख्या 65 से 70 के बीच होनी चाहिए। मगर यह संख्या फिलहाल केवल 33 है।