जेएनएनयूआरएम घोटाले की पुलिस ने शुरू की जांच
जवाहरलाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्यूवल मिशन के तहत शहर में बिछाई गई घटिया पाइप लाइन।
जागरण संवाददाता, कानपुर: जवाहरलाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्यूवल मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत शहर में बिछाई गई घटिया पेयजल पाइप लाइन के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। विवेचक ने मुकदमे के वादी को नोटिस जारी करके घोटाले से संबंधित दस्तावेजों के साथ बयानों के लिए तलब किया है। हालांकि पुलिस पहले ही मामले में ईओडब्ल्यू जांच की संस्तुति कर चुकी है।
जल निगम के परियोजना प्रबंधक बैराज इकाई शमीम अख्तर ने 24 इंजीनियरों के खिलाफ थाना फजलगंज में दो सितंबर को मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप है कि जेएनएनयूआरएम की कानपुर पुनर्गठन पेयजल योजना फेज-1(इनर ओल्ड एरिया) के तहत गंगा बैराज से कंपनी बाग के बीच 2100 व्यास की पीएससी लाइप लाइन डाली गई थी। इसके अलावा कंपनी बाग से फूलबाग और कंपनी बाग से बारादेवी मंदिर गेट तक जीआरपी पाइप डाली गई। तहरीर के मुताबिक इस परियोजना के तहत प्रारंभ में पीएसपी पाइप का प्रावधान था, मगर आपूर्ति न होने का तर्क देते हुए इसमें बदलाव कर दिया गया, वह भी उच्चाधिकारियों की अनुमति के बिना। जांच में 26 दोषी मिले थे, मगर दो का देहांत हो चुका है। वहीं जिन 24 अभियंताओं पर मुकदमा हुआ है, उनमें से 16 रिटायर हो चुके हैं। यह योजना 869 करोड़ की थी, जिसमें घटिया पाइप लाइन डालने में जल निगम ने करीब 50 करोड़ रुपये खर्च किए थे। हालांकि घटिया पाइप लाइन होने की वजह से आम लोगों को इसका कोई लाभ नहीं मिला, बल्कि यह योजना शहर की सड़कों के लिए नासूर बन गई। आए दिन लीकेज के चलते खोदाई से यातायात व्यवस्था कई बार चरमराई।
इस मुकदमे की जांच फजलगंज थाने के इंस्पेक्टर उमेश यादव कर रहे थे। उन्होंने बताया कि मुकदमा वादी जल निगम के परियोजना प्रबंधक बैराज इकाई शमीम अख्तर को सीआरपीसी की धारा 160 का नोटिस जारी किया है। उन्हें बयानों के लिए बुलाया गया है। साथ ही उनसे कहा गया है कि मुकदमे से जु़ड़े सभी साक्ष्य भी पुलिस को मुहैया कराएं।