अभी अलंकार को मनोरोगी नहीं मान रही है पुलिस

तारुष हत्याकांड ---- - मेडिकल बोर्ड और सीडीआर तय करेगी पुलिस की जांच का रुख

By JagranEdited By: Publish:Tue, 01 Dec 2020 02:15 AM (IST) Updated:Tue, 01 Dec 2020 02:19 AM (IST)
अभी अलंकार को मनोरोगी नहीं मान रही है पुलिस
अभी अलंकार को मनोरोगी नहीं मान रही है पुलिस

जागरण संवाददाता, कानपुर : अपने सात साल के बेटे को मौत के घाट उतारने वाले अलंकार श्रीवास्तव को पुलिस अभी मनोरोगी नहीं मान रही है। पुलिस का कहना है कि मेडिकल बोर्ड व दंपती की सीडीआर के आधार पर ही अलंकार का मनोरोगी होना या न होना माना जा सकता है।

सीसामऊ के लकड़मंडी मोहल्ला निवासी अलंकार श्रीवास्तव ने शुक्रवार की रात अपने बेटे रुशांक उर्फ तारुष की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। घटनाक्रम के मुताबिक वारदात को अंजाम देने से पहले उन्होंने पत्नी सारिका और दोनों बेटियों तूलिका व गीतिका को दूध में नींद की गोली देखकर सुला दिया था। वारदात को अंजाम देने के बाद सुबह पत्नी को बताया कि तारुष को मार दिया है। इसके बाद थाने में आत्मसमर्पण कर दिया। दावा किया जा रहा है कि नौकरी छूटने की वजह से अलंकार डिप्रेशन में थे। अलंकार ने भी स्वीकार किया कि उन्होंने बेटे को सांसारिक दुखों से मुक्त कर दिया है। वह बेटे को सबसे ज्यादा प्यार करते थे। बीमारी की वजह से उन्हें लगने लगा था कि समाज में उनके बेटे के साथ सही व्यवहार नहीं होगा। एसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि पुलिस दंपती के मोबाइल सीडीआर की जांच करेगी। कई बार मोबाइल सीडीआर बेहद अहम साबित होते हैं। मेडिकल बोर्ड द्वारा अलंकार के मानसिक स्वास्थ्य की जांच कराई जाएगी। पुलिस की जांच में इससे इतर कुछ भी नया तथ्य सामने आता है तो उसे कोर्ट के सामने रखा जाएगा।

------------------

क्या कहते हैं मनोरोग विशेषज्ञ : मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. विपुल सिंह का कहना है कि मीडिया में आईं खबरों को पढ़ने-सुनने के बाद अलंकार के सीजोफ्रेनिक होने की संभावना हो सकती है। इस बीमारी में मनोरोगी क्षणिक उद्वेग में किसी की भी जान ले व स्वयं की जान दे सकता है। लेकिन, इसका निर्धारण मेडिकल बोर्ड ही करेगा।

अस्थायी जेल में बंदियों से भिड़ गया अलंकार

कानपुर: बेटे के हत्यारोपी अलंकार को कोविड के चलते चौबेपुर स्थित अस्थायी जेल में रखा गया है। अलंकार जहा रविवार को पूरे दिन गुमशम बैठा रहा और एक बंदी रक्षक से अपनी करनी पर पछतावा भी जताया, वहीं सोमवार को वह अचानक हमलावर हो गया। जेल सूत्रों के मुताबिक अलंकार सोमवार को भी गुमशुम बैठा हुआ था, इसी दौरान एक बंदी ने उससे इतने छोटे बच्चे की हत्या क्यों कर दी कहते हुए सवाल किया। यह सवाल अलंकार को नागवार गुजरा। उसने बंदी को उल्टा सीधा कहना शुरू कर दिया। विरोध करने पर वह उनसे भिड़ गया और मारपीट शुरू कर दी। जेल प्रशासन को जैसे ही जानकारी मिलीअधिकारी मौके पर पहुंचे। उसे किसी तरह से काबू में किया गया। इसके बाद सीएचसी से डॉक्टर बुलवाकर उसे दवा दी गई। जेल सूत्रों के मुताबिक अलंकार की गतिविधियों को देखते हुए उसके आसपास दो सिपाही तैनात कर दिए गए हैं। जेल प्रशसन को अब चिंता यह भी है कि कहीं वह खुद को भी नुकसान न पहुंचा दे।

chat bot
आपका साथी