महानगर में पुलिस ने पहली बार लगाई निषेधाज्ञा

महानगर में कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद पहली बार लिया गया निणर्य।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 09 Apr 2021 01:44 AM (IST) Updated:Fri, 09 Apr 2021 01:44 AM (IST)
महानगर में पुलिस ने पहली बार लगाई निषेधाज्ञा
महानगर में पुलिस ने पहली बार लगाई निषेधाज्ञा

जागरण संवाददाता, कानपुर : महानगर में कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद पहली बार महानगर में पुलिस ने निषेधाज्ञा लागू की है। अपर पुलिस आयुक्त की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि शहर में पांच मई तक धारा 144 लागू रहेगी। निषेधाज्ञा लगाने का अधिकार पहले जिला प्रशासन के पास था। कमिश्नरेट लागू होने के बाद अब यह अधिकार पुलिस को मिल गया है।

अपर पुलिस आयुक्त आकाश कुलहरि ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान राजनैतिक दलों, छात्र संगठनों, किसान संगठनों द्वारा धरना प्रदर्शन करने की प्रबल संभावना है। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण तेजी के साथ बढ़ रहा है। 13 अप्रैल चेटी चंद एवं चैत्र नवरात्र, 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती एवं रमजान की शुरुआत, 17 अप्रैल को चन्द्रशेखर जयन्ती, 21 अप्रैल को रामनवमी और 25 अप्रैल को महावीर जयंती के आयोजनों में असमाजिक तत्व शांति व्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इन आयोजनों में जुटी भीड़ कोरोना संक्रमण को बढ़ा सकती है। उन्होंने बताया कि निषेधाज्ञा पांच मई तक लागू रहेगी। इस दौरान कोई भी कार्यक्रम बिना अनुमति के नहीं होगा। कमिश्नरेट पुलिस ने आयोजनों के लिए कुछ शर्तें भी तय की हैं।

निषेधाज्ञा के प्रमुख निर्देश

- बंद आयोजन स्थल पर क्षमता से 50 प्रतिशत और अधिकतम 100 व्यक्तियों और खुले आयोजन स्थल में क्षमता से 50 प्रतिशत और अधिकतम 200 व्यक्ति फेसमास्क, शारीरिक दूरी, थर्मल स्कैनिग, सैनिटाइजर व हैंडवाश की शर्तों के साथ मौजूद रह सकते हैं।

- बिना पुलिस की अनुमति के पांच या उससे अधिक व्यक्ति किसी प्रकार का कोई जुलूस नहीं निकालेंगे और न एकत्र होंगे।

- किसी भी आयोजन के दौरान लाउडस्पीकर की ध्वनि की तीव्रता के सम्बन्ध में ध्वनि-प्रदूषण (विनिमय और नियंत्रण), नियम-2000 के तहत होगी और रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग नहीं किया जाएगा।

- कंटेनमेंट जोन मे किसी भी तरह की गतिविधियों की अनुमति नहीं होगी। ऐसा करने पर आरोपित को महामारी अधिनियम, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट, लॉकडाउन व धारा 144 सीआरपीसी के उल्लंघन का दोषी माना जायेगा।

- कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों, कंटेनमेंट जोन पर लगे ड्रोन कैमरा, बैरियर, सीसीटीवी कैमरा, पीए सिस्टम के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा।

साइबर कैफे पर भी अंकुश

निषेधाज्ञा के आदेश में साइबर कैफे को लेकर भी निर्देश हैं। निर्देशों के मुताबिक कैफे संचालक किसी भी अनजान व्यक्ति, जिसके पास परिचय पत्र, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, ड्राइविग लाईसेंस, पासपोर्ट, फोटो, क्रेडिट कार्ड, पैन कार्ड व ऐसे ही अन्य साक्ष्य से प्रमाणित न हो साइबर कैफे का उपयोग नहीं करने दिया जायेगा। सभी आने वालों का रिकार्ड बनाया जाएगा। प्रयोगकर्ताओं को उनके हस्तलेख में नाम पता, दूरभाष नंबर तथा परिचय का प्रमाण पत्र अंकित कराकर ही साइबर कैफे का प्रयोग नहीं करने दिया जायेगा। इसके अलावा कैफे में एक वेब कैमरा भी होगा, जिसमें सभी आगंतुकों की फोटो खींची जा सके। यह रिकार्ड कम से कम छह माह तक सुरक्षित रखना होगा।

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