कानपुर पुलिस ने तैयार किया Master Plan , अब अपराधी का चेहरा पहचान कंट्रोल रूम को Alert करेंगे कैमरे

फेस रिकग्नीशन सिस्टम और व्हीकल आइडेंटिफिकेशन सिस्टम के सीसीटीएनएस से जुडऩे पर अपराधियों और वाहनों की पहचान करने में आसानी होगी और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा सकेगा। इसी सिस्टम को अब अधिकारी कानपुर नगर में भी शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Fri, 15 Jan 2021 10:20 AM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 05:33 PM (IST)
कानपुर पुलिस ने तैयार किया Master Plan , अब अपराधी का चेहरा पहचान कंट्रोल रूम को Alert करेंगे कैमरे
करीब तीन हजार अपराधियों की फोटो अपलोड की जा चुकी हैं

कानपुर, जेएनएन। वह दिन दूर नहीं, जब चौराहों व तिराहों पर लगे कैमरे खुद ही अपराधी का चेहरा पहचानेंगे और इसका संदेश कंट्रोल रूम को देंगे। शहर में इसी तरह के आर्टिफीशियल  इंटेलिजेंस(कृत्रिम बुद्धिमत्ता) वाले कैमरे लगाने की तैयारी हो रही है। ये कैमरे सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम) से जुड़े होंगे, जो पहले से अपलोड अपराधी की फोटो से मिलान करने की क्षमता रखेंगे। अपराधियों की पहचान करने और उनकी धरपकड़ के लिए अब विभिन्न शहरों में आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस से लैस फेस रिकग्नीशन (चेहरा पहचानने) वाली तकनीकी का इस्तेमाल शुरू किया जा रहा है। फेस रिकग्नीशन सिस्टम और व्हीकल आइडेंटिफिकेशन सिस्टम के सीसीटीएनएस से जुडऩे पर अपराधियों और वाहनों की पहचान करने में आसानी होगी और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा सकेगा। इसी सिस्टम को अब अधिकारी कानपुर नगर में भी शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। स्मार्ट सिटी योजना के तहत कुछ कैमरों को विभिन्न चौराहों पर लगवाने की कोशिश की जाएगी।

सभी अपराधियों की फोटो कराई जा रहीं अपलोड

पिछले कुछ वर्षों से अधिकारियों ने सभी तरह के अपराधियों की फोटो सीसीटीएनएस व त्रिनेत्र एप पर अपलोड करना शुरू किया है। इसमें जुआरी, चेन स्नेचर से लेकर भूमाफिया व शराब माफिया तक शामिल हैं। करीब तीन हजार अपराधियों की फोटो अपलोड की जा चुकी हैं।

चोरी हुई बाइक को ढूंढना हुआ है आसान

एसपी ट्रैफिक बसंत लाल ने बताया कि आइटीएमएस (एकीकृत यातायात प्रबंधन प्रणाली) व स्मार्ट सिटी मिशन के तहत यातायात व्यवस्था दुरुस्त कराने के लिए चौराहों पर कैमरों की मदद से चोरी हुई बाइक को ढूंढऩा आसान हो गया है। चोरी हुई बाइक का नंबर फीड करने के बाद ये कैमरे खुद ही संबंधित नंबर की बाइक किसी चौराहे या तिराहे से गुजरने पर जानकारी मुहैया करा सकते हैं।

इनका ये है कहना

आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस तकनीकी वाले फेस रिकग्नीशन कैमरों से कानून और यातायात व्यवस्था दुरुस्त कराने में काफी मदद मिलेगी। नोएडा की तर्ज पर कानपुर शहर में भी इन कैमरों को लगवाने की कोशिश की जा रही है।

मोहित अग्रवाल, आइजी

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