स्मैक तस्कर के कनेक्शन खंगालने में जुटी पुलिस,कानपुर में पकड़ा गया था फर्रुखाबाद का शातिर

कानपुर के किदवई नगर थानाक्षेत्र में पकड़े गये फर्रुखाबाद के स्मैक तस्कर पर पुलिस ने शिकंजा कसना तेज कर दिया है। पुलिस इस शातिर के कानपुर तथा आसपास के अन्य जनपदों के कनेक्शन तलाश रही है। इस शातिर को एसपी साउथ की टीम ने गिरफ्तार किया था।

By Sarash BajpaiEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 08:30 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 08:30 PM (IST)
स्मैक तस्कर के कनेक्शन खंगालने में जुटी पुलिस,कानपुर में पकड़ा गया था फर्रुखाबाद का शातिर
स्मैक तस्कर के कनेक्शन तलाशने में जुटी पुलिस।

कानपुर, जेएनएन। किदवई नगर थानाक्षेत्र का कंजरनपुरवा दक्षिण की सबसे बड़ी नशे की मंडी है। यहां चरस, स्मैक और गांजे की बड़े पैमाने पर बिक्री की जाती है। दक्षिण क्षेत्र में मादक पदार्थों, नशीले इंजेक्शन की बिक्री को लेकर कई बार छापेमारी की गई, लेकिन इसकी बिक्री पर अंकुश नहीं लग सका है। कुछ समय पहले ही एसपी साउथ की सर्विलांस टीम व किदवई नगर पुलिस ने फर्रुखाबाद के बड़े स्मैक तस्कर को पकड़ा था। अब पुलिस उसके कनेक्शन खंगाल रही है।

कंजरनपुरवा में महिलाओं के साथ बच्चे भी कारोबार में शामिल हैं। मादक पदार्थों की बिक्री से जुड़े लोगों की धरपकड़ के लिए पुलिस टीमें लगी थीं, लेकिन साकेत नगर चौकी की संलिप्तता के चलते बड़े विक्रेता हाथ नहीं लग रहे थे। कुछ दिन पूर्व स्मैक की बड़ी खेप आने की जानकारी पर टीम में साकेत नगर चौकी पुलिस को नहीं शामिल किया गया था। पुलिस ने ताड़वाली हवेली शमशाबाद फर्रुखाबाद के राहुल शाक्य को दबोचा था। उसके पास से तीन लाख की स्मैक बरामद हुई थी।

फर्रुखाबाद से सप्लाई होती थी स्मैक

एसपी साउथ दीपक भूकर ने बताया कि पकड़े गए राहुल से पूछताछ में सामने आया कि कंजरनपुरवा में अधिकांश स्मैक फर्रुखाबाद से ही आती थी। पूछताछ में यहां के कई विक्रेताओं के नाम भी सामने आए हैं। बताया कि फोन पर आर्डर लेने के बाद वह खुद सप्लाई देने आता था।

बहराइच और बरेली से स्मैक लाता था राहुल

एसपी साउथ ने बताया कि पकड़ा गया राहुल बहराइच और बरेली से स्मैक लाता था। आरोपित की सीडीआर के आधार पर बहराइच और बरेली के कनेक्शन खंगाले जा रहे हैं। जल्द ही वहां के भी बड़े तस्करों की धरपकड़ की जाएगी।

स्मैक पीने वालों के लिए बनीं झोपड़ियां

नशे के सौदागरों की बस्ती केडीए की जमीन पर अवैध रूप से बसी है। कई स्थानों पर झोपड़ी बनी हैं, जहां स्मैक पीने वालों को जगह मुहैया कराई जाती है।

छापेमारी के बाद बढ़ जाता रेट

पुलिस की छापेमारी के बाद स्मैक और चरस विक्रेता नशेबाजों से मनमानी रकम वसूलते हैं। छापेमारी के बाद साठ रुपये में बिकने वाली स्मैक की पुडिय़ा 120 रुपये में बिकने लगती है।  

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