कानपुर के किदवई नगर थाने के लिए पुलिस कमिश्नर को भेजा जाएगा प्रस्ताव, डीसीपी साउथ ने भूखंड का किया निरीक्षण

दक्षिण के सभी थानों का अपना भवन है। सिर्फ किदवई नगर थाना ही श्रम विभाग की जर्जर हो चुकी कालोनी में संचालित हो रहा है। कई बार यहां जन सुनवाई के दौरान छत का प्लास्टर गिरने के हादसे हो चुके हैं।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 07:47 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 07:47 PM (IST)
कानपुर के किदवई नगर थाने के लिए पुलिस कमिश्नर को भेजा जाएगा प्रस्ताव, डीसीपी साउथ ने भूखंड का किया निरीक्षण
किदवई नगर थाने की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक तस्वीर।

कानपुर, जेएनएन। शहर में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद कई अफसरों के बैठने के लिए दफ्तर का संकट है। हाल ही में एडीसीपी साउथ के दफ्तर के लिए शासन से पराग डेरी में किराये पर जगह ली गई है। कमिश्नरेट लागू होने के बाद कई थानों के भवन के लिए स्थानों की तलाश जारी है। इसी कड़ी में किदवई नगर थाने के लिए कुछ साल पहले खाली कराई गई भूमि का नए सिरे से प्रस्ताव तैयार कर पुलिस कमिश्नर को भेजा जाएगा। जिसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।

दक्षिण के सभी थानों का अपना भवन है। सिर्फ किदवई नगर थाना ही श्रम विभाग की जर्जर हो चुकी कालोनी में संचालित हो रहा है। कई बार यहां जन सुनवाई के दौरान छत का प्लास्टर गिरने के हादसे हो चुके हैं। केडीए के नक्शे में किदवई नगर थाने के लिए टेलीफोन एक्सचेंज के पास भूखंड का आवंटन था, लेकिन केडीए ने उस पर प्लाटिंग कर दी। आवंटित स्थान की एवज में थाने के लिए भूमि नहीं दी गई थी। जबकि किदवई नगर थाना क्षेत्र में ही केडीए की बड़ी भूमि पर अवैध कब्जे और नशे का कारोबार होता है। मामला जानकारी में आने के बाद तत्कालीन जिलाधिकारी और एसएसपी के आदेश पर कंजरनपुरवा में केडीए ने थाने के नाम पर 22 सौ वर्ग मीटर भूमि खाली कराई थी। तीन साल बाद भी यहां थाना नहीं बनाया जा सका था। इधर पुलिस कमिश्नरेट लागू होने के बाद अधिकारियों के दफ्तर के लिए जगह की तलाश शुरू हुई तो किदवई नगर थाने की भी अफसरों ने सुध ली। देर रात डीसीपी साउथ सर्किल फोर्स के साथ थाने के लिए खाली कराई गई जगह देखने के लिए पहुंची। जहां उन्होंने भूखंड का निरीक्षण किया। डीसीपी साउथ रवीना त्यागी ने बताया कि प्रस्ताव बनाकर पुलिस कमिश्नर को भेजा जा रहा है। केडीए से थाने के नाम पर कागजी कार्रवाई पूरी होते ही टेंडर प्रक्रिया के बाद थाने का निर्माण शुरू कराया जाएगा।

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