पुलिस आयुक्त असीम अरुण बोले...पुलिस केवल अपराधियों को पकडऩे वाला संगठन नहीं है बल्कि लोगों का मित्र भी

ट्रैफिक इनफोर्समेंट कमांड सेंटर बनाया गया है जहां से रोजाना हजारों की संख्या में चालान हो रहे हैं। मेरी योजना है कि हर सड़क सीसीटीवी कैमरों से लैस हो और यातायात नियम तोड़ते ही गाड़ी का चालान हो जाए। गली-मोहल्लों में हिडन कैमरों से निगरानी की योजना है।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 08:05 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 08:05 AM (IST)
पुलिस आयुक्त असीम अरुण बोले...पुलिस केवल अपराधियों को पकडऩे वाला संगठन नहीं है बल्कि लोगों का मित्र भी
निक जागरण संवाददाता ने पुलिस आयुक्त असीम अरुण से बातचीत कर जानने की कोशिश की

25 जून को कमिश्नरेट पुलिस व्यवस्था लागू हुए तीन महीने पूरे हो जाएंगे। नई व्यवस्था में कई बदलाव हुए हैं, जिसका असर भी दिखाई पडऩे लगा है। इस संबंध में गुरुवार को दैनिक जागरण संवाददाता ने पुलिस आयुक्त असीम अरुण से बातचीत कर जानने की कोशिश की कि व्यवस्था परिवर्तन से वह पुलिसिंग में सुधार को लेकर कितने सफल हुए हैं। बकौल पुलिस आयुक्त, वह स्वीकार करते हैं कि काफी काम हुआ है, मगर अभी उससे ज्यादा काम बाकी है जिसे पूरा करना है। कानून व्यवस्था, यातायात संचालन, पर्यावरण संरक्षण, जनसरोकार से लेकर पुलिस के व्यवहार परिवर्तन तक की योजनाएं उनकी सूची में हैंं, जिन्हेंं धीरे-धीरे करके लागू करना है। जल्द ही ऐसा दिन आएगा, जब आम शहरी भी महसूस करेगा कि पुलिस केवल अपराधियों को पकडऩे वाला संगठन नहीं है बल्कि आम शहरी की मित्र भी है।

प्रश्न: कमिश्नरेट पुलिस व्यवस्था को लागू हुए तीन महीने हो चुके हैं। आपकी नजर में कौन कौन से परिवर्तन हुए हैं?

: जब कमिश्नरेट बनी तो दो तरह के टास्क हमारे सामने थे। एक प्रक्रियागत व्यवस्थाएं तय करना और दूसरी ओर भौतिक व्यवस्थाओं का निर्माण करना। प्रक्रियागत व्यवस्थाएं लगभग पूरी हो चुकी हैं। कमिश्नरेट को पर्याप्त अफसर मिल चुके हैं। पुलिस की कोर्ट काम करने लगी है। पुलिस अधिकारी अपने नए अधिकारों का प्रयोग कर रहे हैं, मगर भौतिक व्यवस्थाएं जैसे पुलिस आयुक्त कार्यालय और अधिकारियों के लिए आवास की व्यवस्था अभी नहीं हुई है। प्रस्ताव चला गया है। शासन की हरी झंडी मिलने के दो महीने बाद यह काम भी पूरा हो जाएगा। हालांकि कमिश्नरेट में गैंगस्टर पर काम हुआ है। नागरिक सेवाओं जैसे-पासपोर्ट, चरित्र सत्यापन आदि कार्यों को पूरी तरह से भ्रष्टाचार से मुक्त करने का काम बाकी है। पुलिस के व्यवहार में सुधार, फारेंसिक व्यवस्थाओं को और अधिक समृद्ध करने की जरूरत है।

प्रश्न: कमिश्नरेट पुलिस ने तीन महीनों में कौन सी प्रमुख खामियों को दूर कर लिया है, जिससे बड़ा परिवर्तन दिखाई देगा?

: तीन महीने में कमिश्नरेट पुलिस की सबसे बड़ी उपलब्धि पुलिस कंट्रोल रूम का सुदृढ़ीकरण है। एसआइ स्तर के अधिकारी की देखरेख में इस कंट्रोल रूम का संचालन होता है जो कि सभी प्रमुख पुलिस अधिकारियों के निर्देशन में काम करता है। इसकी वजह से शहर की सड़कों पर 24 घंटों पुलिस की गश्त का दायरा बढ़ा है। शासन से भी नई 45 पीआरवी मिली हैं। नतीजा- चेन स्नेचिंग, लूटपाट, छेड़छाड़ जैसी घटनाओं में कमी देखने को मिली है।

प्रश्न: कानपुर पुलिस के लिए सड़क का अतिक्रमण और जाम हमेशा से एक बड़ी चुनौती रही है। कमिश्नरेट पुलिस के पास क्या कोई योजना है, जिससे समस्या का स्थायी समाधान हो सके?

: निश्चित तौर पर यातायात का संचालन एक बड़ी चुनौती है। मेरा मानना है कि इसके लिए एक ऐसी व्यवस्था बनाई जाए, जिसमें पुलिस के स्थान पर तकनीक को हथियार बनाया जाए ताकि स्थायी समाधान हो सके। इसकी शुरुआत हो चुकी है। इस समय मैनुअल चालान पूरी तरीके से बंद कर दिए गए हैं। अब केवल मोबाइल से चालान हो रहे हैं, जिसकी वजह से भ्रष्टाचार में कमी आएगी और कोई यह भी आरोप नहीं लगा सकेगा कि उसका गलत चालान हुआ है। ट्रैफिक इनफोर्समेंट कमांड सेंटर बनाया गया है, जहां से रोजाना हजारों की संख्या में चालान हो रहे हैं। मेरी योजना है कि हर सड़क सीसीटीवी कैमरों से लैस हो और यातायात नियम तोड़ते ही गाड़ी का चालान हो जाए। गली-मोहल्लों में हिडन कैमरों से निगरानी की योजना है। फोटो चालान बढ़ेंगे तो लोग स्वयं ही यातायात नियमों का पालन करने लगेंगे।

प्रश्न : शहर में सिविक सेंस की बहुत कमी है। इसके लिए कमिश्नरेट पुलिस क्या कर रही है?

: कमिश्नरेट पुलिस नगर निगम के साथ मिलकर कई सुधारात्मक कार्यों को करने जा रही है। इसमें अतिक्रमण, पर्यावरण, पोस्टरों से दीवारों को गंदा करने जैसी तमाम समस्याओं पर आम लोगों से बात की जाएगी। स्मार्ट सिटी की एरिया बेस्ड डेवलपमेंट स्कीम के तहत फूलबाग, गोविंदनगर और काकादेव, तीन क्षेत्रों को विकसित किया जाना है। फूलबाग में काम शुरू हो गया है। वहां पर अब आपको सड़क किनारे ठेले वाले नहीं दिखाई देंगे। गंदगी भी नहीं होगी। समझा बुझाकर और कानून का भय दिखाकर सिविक सेंस विकसित किया जाएगा।

प्रश्न : साइबर क्राइम की घटनाएं बढ़ी हैं। कमिश्नरेट पुलिस इससे कैसे निपटेगी?

: यह सही है कि लूटपाट और डकैती और चोरी की घटनाएं कम हुई हैं, लेकिन साइबर क्राइम में बड़ा इजाफा हुआ है। इसके लिए क्राइम ब्रांच में अलग से साइबर सेल का गठन किया है। हर डीसीपी के यहां साइबर सेल होगी और हर थाने में दो साइबर साथी नियुक्त किए जाएंगे। इन सभी की ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है। सात चरणों में ट्रेङ्क्षनग होगी, जिसके दो चरण पूरे हो चुके हैं। पहले थाना स्तर पर साइबर अपराध की सूचना दी जाएगी। मामला बड़ा होगा तो क्राइम ब्रांच हस्तक्षेप करेगी।

प्रश्न: संगठित अपराध को रोकने के लिए कमिश्नरेट पुलिस की क्या योजना है?

कानपुर में भू-माफिया संगठित अपराध का सबसे बड़ा कारण है। भूमाफिया, कुछ वकील, कुछ पत्रकार और कुछ राजनीतिक लोगों को मिलाकर बना गिरोह यह काम कर रहा है। ऐसे लोगों को चिह्नति करा लिया गया है। एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स का गठन करके ऐसे लोगों के नाम सार्वजनिक करके उनके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की जाएगी। भिक्षावृत्ति, नकली दवाओं और मानव तस्करी के खिलाफ कमिश्नरेट पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अच्छा काम किया है।

प्रश्न : जनोन्मुखी पुलिसिंग का दावा आपने किया था। अब तक क्या किया गया?

: घरेलू हिंसा के लिए प्रबल प्रतिक्रिया अभियान शुरू किया गया है। सवेरा योजना के तहत पुलिस बुजुर्गों की मददगार बन रही है। जनोन्मुखी पुलिसिंग के लिए पुलिस के व्यवहार में परिवर्तन जरूरी है। कोविड संक्रमण और अन्य जनोन्मुखी कार्यों ने पुलिस ने आम लोगों के दिल जीते हैं।

कमिश्नरेट पुलिस के गुडवर्क महिलाओं को तस्करी से विदेश भेजने वाले रैकेट को पकड़ा नकली और नशीली दवाओं के गैंग का भंडाफोड़ कर करोड़ों की दवाएं कीं बरामद फर्जी इंश्योरेंस कंपनी बनाकर प्रदेश भर में सैकड़ों लोगों को लूटने वाले दबोचे आधा दर्जन साइबर अपराधी दबोचे फर्जी पुलिस बनकर वसूली करने वाले गिरोह को दबोचा कल्यानपुर थाना क्षेत्र में नकली सीमेंट फैक्ट्री पकड़ी नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में लगे अभियुक्त पकड़े कोरोना काल में आक्सीजन सिलिंडर की कालाबाजारी के विरुद्ध कारवाई नकली पान मसाला बनाकर लोगों को जहर परोसने वाले दबोचे

ये हुए नेक काम कोरोना काल में आक्सीजन कमी दूर करने को आक्सीजन सिलिंडर बैंक की स्थापना प्लाज्मा और रक्त की कमी के लिए प्लाज्मा बैंक बनाया और हर थाने में रक्तदान हुआ भिक्षावृत्ति गैंग के खिलाफ अभियान चला, कई बच्चे बचाए पुलिस के कोविड अस्पताल का निर्माण वातावरण शुद्ध करने को थानों में पौधारोपण अभियान पुलिस कॢमयों को दसवें दिन अवकाश की व्यवस्था 

chat bot
आपका साथी