CSJMU Kanpur में सुनाई देंगे नीरज के गीत, छात्र बोलेंगे अवधी, कन्नौजी और बैसवारी बोली
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय की बोर्ड ऑफ स्टडीज ने हिंदी के पाठ्यक्रम में बदलाव का फैसला लिया है। इसके लावा कन्नौजी अवधी और बैसवारी हिंदी की पढ़ाई भी होगी जिसे महाविद्यालयों के एक लाख छात्र पढ़ सकेंगे ।
कानपुर, [समीर दीक्षित]। स्नातक स्तर पर हिंदी का पाठ्यक्रम अब गीतों के राजकुमार कवि गोपालदास नीरज की रचनाओं से भी सजेगा। कवि नीरज के गीत पढऩे के साथ ही छात्र-छात्राएं कन्नौजी, अवधी और बैसवारी हिंदी को पढ़कर इन भाषाओं को भी सीख सकेंगे। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय और संबद्ध महाविद्यालयों के छात्रों के लिए इस सत्र से हिंदी का पाठ्यक्रम बदल जाएगा। कुछ दिन पहले बोर्ड आफ स्टडीज की बैठक में पाठ्यक्रम बदलने पर सभी सदस्यों ने अपनी मुहर लगा दी है।
प्रदेश में 70 फीसद पाठ्यक्रम तो एक समान रहता है, लेकिन 30 फीसद पाठ्यक्रम में बदलाव का अधिकार विश्वविद्यालय को होता है। इसके तहत ही अब करीब एक लाख छात्र-छात्राएं स्नातक दूसरे वर्ष में आधुनिक काव्य विषय में कवि सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, दिनकर, अज्ञेय के साथ ही नीरज की कविताओं को पढ़ सकेंगे। इसके अलावा राष्ट्रीय साहित्य में फिल्मों व गीतों की जानकारी भी ले सकेंगे।
इसलिए लिया गया फैसला
हिंदी की समन्वयक व अर्मापुर पीजी कालेज में प्राचार्य डा. गायत्री सिंह ने बताया कि विश्वविद्याल एवं संबद्ध डिग्री कालेजों के छात्र कवि नीरज को जानें, क्योंकि उनका जुड़ाव इस शहर से रहा है। इसलिए उनकी कविताओं को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया। उनके अलावा विवि परिक्षेत्र की हिंदी बोलियों-कन्नौजी, अवधी, बैसवारी को भी जानेंगे और सीखेंगे। इससे उनकी जानकारी का दायरा बढ़ेगा।
इस सत्र से लागू होगा सेमेस्टर सिस्टम
इस सत्र से सभी विषयों में नई शिक्षा नीति के तहत सेमेस्टर सिस्टम लागू होना है। इसके तहत हिंदी में भी सेमेस्टर सिस्टम क्रियान्वित होगा। डीएवी कालेज में हिंदी विभागाध्यक्ष डा. रेनू दीक्षित ने बताया कि अभी तक हिंदी के तीन पेपर होते थे, अब चार पेपर होंगे।