उत्तराखंड की बूंदी देवी को PM Modi ने क्यों किया प्रणाम, पढ़िए- उज्ज्वला योजना की लाभार्थियों से वार्ता

उज्ज्वला योजना 2.0 का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महोबा से वर्चुअल (आभासी) शुभारंभ किया और देश के अलग अलग राज्यों में योजना का लाभ पाने वाली महिलाओं से बात कही और उनसे गैस कनेक्शन मिलने के बाद होने वाले फायदे की जानकारी की।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 10 Aug 2021 03:51 PM (IST) Updated:Tue, 10 Aug 2021 03:51 PM (IST)
उत्तराखंड की बूंदी देवी को PM Modi ने क्यों किया प्रणाम, पढ़िए- उज्ज्वला योजना की लाभार्थियों से वार्ता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों से वर्चुअल बात की।

कानपुर, जेएनएन। महोबा से उज्ज्वला योजना 2.0 का वर्चुअल (आभासी) शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के अलग-अलग राज्यों में अबतक योजना का लाभ पाने वाली महिलाओं से मुखातिब हुए तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं  रहा। महिलाओं ने उज्ज्वला योजना मिलने से जीवन में आई खुशियां बयां की तो अपने परिवार के सुख-दुख भी साझा किए। उत्तराखंड देहरादून की बूंदी देवी का पिता के प्रति प्रेम और सेवा की कहानी सुनकर प्रधानमंत्री ने बेटा होने की चाहत रखने वालों को संदेश दिया कि बेटी भी बुढ़ापे मां-पिता की सेवा कर सकती है। इसके साथ उन्होंने गोवा की एकता  , पंजाब अमृतसर की आशा, यूपी गोरखपुर की किरन देवी, मध्यप्रदेश भोपाल की सुनीता वैष्णव से वार्ता की और उज्ज्वला योजना से हुए लाभ की जानकारी की। आइए, विस्तार से जानते है कि लाभार्थियों महिलाओं से पीएम मोदी की क्या बातें हुईं...।

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उत्तराखंड देहरादून की बूंदी देवी

प्रधानमंत्री- जीवन कैसा था अब उज्ज्वला योजना से क्या लाभ हुआ है।

बूंदी देवी- जब मेरे घर में गैस नहीं था तब मैं जंगल से लकड़ी लाती थी और चूल्हे में आग जलाकर खाना पकाती थी, उस टाइम इतना बुरा समय था कि आंखों से आसूं आते थे, लकड़ियां गीली होती थीं, खाना समय पर नहीं बन सकता था। जब से आपने हमे गैस दिया है तब से मेरा समय का भी बचत हुई है। मैं खाना भी जल्दी से बना सकती हैं, जो समय बचता है उसमें मैंने गाय पाली हुई हैं, जिससे मैं अपना जीवन यापन करती हूं। अब थोड़े समय में मैं अपने पिता की भी सेवा कर लेती हूं। आपके तहे दिल से धन्यवाद करती हूं।

प्रधानमंत्री- बूंदी जी मुझे बताया गया कि अबतक आपने 22 रीफिल कराए हैं, यानी आप योजना का पूरा लाभ उठा रही हैं। आपने रिश्तेदारों, आस पड़ोस के लोगों को बताया कि ये योजना है और इसका लाभ ऐसे मिल सकता है।

बूंदी देवी- जी मैंने, सबको बताया है, जितनी मेरे गांव की महिलाएं थी सबको बताया है कि आइये मेरे घर में देखिए मोदी जी ने मुझे फ्री में गैस चूल्हा दिया है। आपभी जाइये और आप इसका लाभ उठाइये, जितनी भी महिलाएं थी वो इंडियन ऑयल से लाभ लिया है।

प्रधानमंत्री- बूंदी जी आप अपने पिता जी की इतनी सेवा करती हैं, इतने समर्पण भाव से सेवा करती हैं, पिता जी की आयु क्या है, पहले क्या करते थे वो।

बूंदी देवी- मेरे पिता जी मिस्त्री का काम करते थे, वो अभी 80 साल के हैं और वो चल नहीं सकते हैं। उनकी कमर में हमेशा दर्द रहता है।

प्रधानमंत्री- तो आप उनकी इतनी सेवा करती हैं।

बूंदी देवी- जी...।

प्रधानमंत्री- बूंदी जी आपने एक ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया है, हमारे लोगों की मान्यता है कि बेटा होना चाहिये ताकि बुढ़ापे में काम आए लेकिन आपने एक बेटी के तौर पर पिता जी की इतनी सेवा की और आज भी इतनी सेवा कर रही हैं। आपने इन लोगों की मान्यता को झुठला दिया और बेटी भी बुढ़ापे में मां-पिता की सेवा कर सकती है, इसका उत्तम उदाहरण हैं। आपने और खुद में मेहनत करके जीवन जीकर माता-पिता की सेवा की है, पहले तो मैं आपको प्रणाम करता हूं इस काम के लिए। बूंदी जी मैं आपका और आप जैसी करोड़ों बहनों का आभारी हूं जिन्होंने इस योजना को अपने जीवन का हिस्सा बनाया है। आज अापका समय और शक्ति भी बचती है। मैं आपको बधाई देता हूं, जैसा की आपने कहा कि आप अपने पिता की इतनी सेवा करती हैं पशुओं की भी देखभाल करती हैं और परिवार भी चलाती हैं। आप बेटी की तौर पर, महिला के तौर पर और नागरिक के तौर पर आप बहुत बड़ी प्रेरणा हैं, मेरी तरफ से आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं और बहुत धन्यवाद।

बूंदी देवी- आपका भी बहुत बहुत धन्यवाद।

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गोवा से लाभर्थी एकता चोपड़ेकर

प्रधानमंत्री- एकता जी नमस्कार।

एकता जी- नमस्कार प्रधानमंत्री जी, मैं एकता

प्रधानमंत्री- एकता जी आप गैस का कनेक्शन इस्तेमाल कर रही हैं, आपको धुएं से राहत मिली, पहले कैसा हाल था किस तरह से जीवन चलता था।

एकता जी- पहले हम जंगल जाकर लकड़ियां तोड़कर लाना पड़ता था, यहां पर बारिश भी बहुत पड़ती है तो सूखी लकड़ियां रखने में बहुत परेशानी होती थी। चूल्हा जलाकर खाना नहीं बनता था तो बच्चे भी बहुत परेशान होते थे। पूरा घर धुएं से भरता था तो खांसी की भी बहुत दिक्कत होती थी। जब से भारत गैस उज्ज्वला का कनेक्शन मिला है तबसे खाना टाइम पर बनता है और बच्चों को भी टाइम पर मिलता है। बच्चे भी बहुत खुश हैं और टाइम भी बचता है। अब बच्चों को भी टाइम देती हूं और उन्हें पढ़ाती भी हूं। उनके साथ टाइम बिताती हूं तो अच्छा लगता है।

प्रधानमंत्री- एकता जी लाकडाउन में रीफिल में कुछ मदद मिली, उससे आपका क्या लाभ हुआ।

एकता जी- जी.., लाकडाउन में तीन रीफिल मिले हैं और रीफिल का एडवांस पेमेंट बैंक में जमा हुआ तो गैस लेने में कोई परेशानी नहीं हुई।

प्रधानमंत्री- एकता जी आपको कनेक्शन के बारे पता चला या कैसे कनेक्शन मिलता है। इसके बाद क्या आपको कनेक्शन के लिए कोई सिफारिश करनी पड़ी या कोई बिचौलाइया आ गया, ऐसी कोई मुसीबत आई या फिर सीधे सीधे व्यवस्था हो गई आपकी।

एकता जी- भारत गैस वाली गाड़ी से मुझे पता चला और गोवा आफिस में जाकर जानकारी की और एप्लीकेशन दे दी फिर मुझे भारत गैस का कनेक्शन मिला।

प्रधानमंत्री- एकता जी आपसे बात करके बहुत अच्छा लगा, यह भी जानकार अच्छा लगा कि आप लोग सिलिंडर रीफिल करा रहे हैं। यह आपके स्वास्थ्य के लिए भी बहुत जरूरी है। पहले की सरकारों की स्थिति आप लोगों काे याद होगी, जब एक साल में कितने सिलिंडर रीफिल होंगे इसपर चर्चा संसद में हुआ करती थी। अब स्थितियां बदल रही हैं। मेरी तरफ से आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं, धन्यवाद।

एकता जी- आपको भी बहुत बहुत धन्यवाद, सचमुच में आपने मेरे लिए बहुत कुछ किया है।

पंजाब के अमृतसर की आशा

प्रधानमंत्री- आशा जी नमस्ते।

आशा- सश्रिय काल सर।

प्रधानमंत्री- सश्रिय काल जी..।

प्रधानमंत्री- आशा जी आप अमृतसर में रहती हैं, परिवार में कौन कौन है क्या करते हैं।

आशा- सर, मेरे पति है और दो बच्चे हैं, जिसमें बेटा बड़ा है और बेटी छोटी है। दोनों बच्चे स्कूल जाते हैं और मेरे पति अखंड पाठ का काम करते हैं।

प्रधानमंत्री- आशा जी उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन प्राप्त करने में कहीं कोई मुसीबत आई, आपने सुना होगा फिर मिला नहीं या फिर बहुत चक्कर काटने पड़े या आपको पता चला और आपने प्रोसेस किया और हो गया।

आशा- हां.. सर उसके हम एचपीसीएल का बहुत धन्यवाद करते हैं, सर जब हमारे गुरुद्वारा में एनाउंस हुआ था तो हम लोग पास में गैस एजेंसी पर गए थे। सर हमने वहां पता किया तो उन्होंने हमें बताया था कि आप डाक्युमेंट्स लेकर आएं। अगले दिन हम डाक्युमेंट्स लेकर गए थे और दो-तीन दिन में ही गैस कनेक्शन मिल गया था। कोई प्राब्लम नहीं हुई थी, इसके लिए तो सर आपका तहे-दिल से धन्यवाद।

प्रधानमंत्री- आशा जी यह बताइए कि कनेक्शन मिलने के बाद आपकी जिंदगी में किस तरह का बदलाव आया, पहले समय कहां जाता था और अब समय कहां जाता है।

आशा- सर, पहले तो हमे बाजार से लकड़ी और गोबर के उपले लेकर आना पड़ता था, उसमें बहुत टाइम वेस्ट होता था। अभी टाइम बचता है, इस टाइम में जब मैं घर का काम निपटा लेती हूं तो फिर मैं अपना पूजा पाठ करती हूं, इसके बाद बच्चों के लिए काम धंधा जो भी है करती हूं। फिर बच्चे आ जाते हैं और फिर उनके साथ मैं टाइम स्पेंड कर पाती हूं।

प्रधानमंत्री- आशा जी, गुरुओं के आशीर्वाद आप पर बने रहें, आपसे बात करके बहुत अच्छा लगा। मुझे इस बात का संतोष है कि आपका समय भी बच रहा और आप बच्चों की तरफ थोड़ा ज्यादा समय भी दे पा रही हैं और पैसे भी बच रहे हैं। जब हमने अपनी गरीब माताओं और बहनों तक यह योजना पहुंचाई थी तो बहुत लोग सवाल करते थे कि इससे क्या फायदा होगा। आप जैसी माताओं और बहनों के जीवन से जो परेशानियां दूर हुई हैं, मै समझता हूं वह ही उनका सटीक जवाब है। अब आप अपने परिवार को समय दे पा रही हैं, बेटियां पढ़ाई में ध्यान दे पा रही हैं। हमारी कोशिश यही कि हम अपने हर नागरिक तक संसाधन पहुंचाएं, जीवन में खुशहाली ला सकें और उनके समय का सदुपयोग हो सके। बहुत बहुत शुभकामनाएं, धन्यवाद।

आशा- सर, धन्यवाद।

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से किरन देवी

प्रधानमंत्री- किरन जी नमस्ते।

किरन देवी- प्रधानमंत्री जी, नमस्ते...।

प्रधानमंत्री- किरन जी बताइए ये आपके साथ किसको बिठाया है आपने।

किरन देवी- जी.. ये हमारी बिटिया है..।

प्रधानमंत्री- क्या नाम है बेटी का।

किरन देवी- साधना नाम है इसका।

प्रधानमंत्री- पढ़ती है बेटी।

किरन देवी- जी..।

प्रधानमंत्री- परिवार में और लोग क्या करते हैं।

किरन देवी- सर, हमारे पति काम करते हैं बाहर और हम रोजगार का काम करते हैं। हम बेना, पंखा और डलिया बनाते हैं और उसके साथ सिलाई का काम करते हैं। अंत्योदय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर समूह भी चलाते हैं।

प्रधानमंत्री- ये गैस मिलता है, इस बात का आपको पता कैसे चला।

किरन देवी- सर, हमारे एचपी गैस एजेंसी से भइया लोग आए थे और कैंप लगाकर बताए थे।

प्रधानमंत्री- बेटी जो पढ़ती है, उसके खाना बनना सिखाया होगा, उसे गैस से खाना बनाना अच्छा लगता होगा।

किरन देवी- जी.. बहुत अच्छा लगता है। गैस खत्म हो जाए तो वो कभी खाना बनाने को राजी नहीं होती।

प्रधानमंत्री- अपको ये गैस का कनेक्शन मिलने से बहुत मदद हुई होगी, अब समय भी बचता होगा।

किरन देवी- हमारे पास पूरा समय बचता है, पहले तो काम करके थक जाते थे। कभी कभार ऐसा होता था कि चूल्हे की वजह से शाम को खाना ही नहीं बनता था और हम ऐसे ही सो जाते थे। बरसात होने पर कितना लकड़ी सुखवाओ या फिर चाहे काम ही कर लो।

प्रधानमंत्री- तो बारिश में एकदम सुविधा हो गई अब।

किरन देवी- बहुत ज्यादा और हमारे जो एचपी गैस कनेक्शन के कर्मचारी है उनको भी बहुत बहुत धन्यवाद, हमारी बहुत हेल्प की है उन्होंने।

प्रधानमंत्री- आपका स्वयं सहायता समूह है और आप खुद भी कुछ न कुछ आर्थिक उपार्जन का काम करती हैं। आपने इस योजना के बारे में जो मंडल बना है सब महिलाएं आपसे जुड़ी हैं, क्या उनको इसका लाभ बताया क्या उनको भी फायदा हुआ है।

किरन देवी- जी.., जी.. बताया है सब अपना अपना कारोबार करती है, इस लाकडाउन में उनका कुछ पैसा फंस गया। इसलिए आपसे अनुरोध है कि कुछ करिए आप उनके लिए, जो कर्ज लिया।

प्रधानमंत्री- क्या उनको गैस कनेक्शन मिला है।

किरन देवी- जी.. जी.. सबको मिल गया है।

प्रधानमंत्री- अभी जो गरीबों के लिए अनाज मुफ्त में पहुंचाया जा रहा है, वो भी मिला है उनसब लोगों को।

किरन देवी- जी.. जी.. हर महीने मिल रहा है, महीने में दो बार मिल रहा है।

प्रधानमंत्री- बेटी कुछ कहना चाहेगी। बेटी क्या पढ़ती हो।

साधना- इंटर में पढ़ती हूं।

प्रधानमंत्री- खेलकूद में हिस्सा लेती हो।

साधना- नहीं सर अभी नहीं लिये हैं, मम्मी ली थी।

प्रधानमंत्री- किरन जी यह जानकर संतोष हुआ कि आप लोगों को गैस कनेक्शन मिलने में कोई दिक्कत नहीं हुई बल्कि आप जैसे बहुत से लोगों को घर आकर यह सुविधा दी गई है। 2014 से पहले हमारे देश के गरीब को किसी भी सुविधा के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पढ़ते थे, छोटी चीज के लिए उसको जाना पड़ता था। हम इस स्थिति को बदलने का प्रयास कर रहे हैं। आप सभ बहनों से बात करने से ये लगा कि अब इन कोशिशों का असर दिखना शुरू हुआ है।

किरन देवी- जी.. हम भी आपको तहे दिल से धन्यवाद करते हैं।

प्रधानमंत्री- बहुत बहुत धन्यवाद।

किरन देवी- आप हमारे भाई जैसे हैं, पिता की तरह हैं, जो भी है आपने हम गरीब महिलाओं की मदद की, हमारे दर्द को समझा।

प्रधानमंत्री- धन्यवाद, आप सब बहनों का आशीर्वाद बना रहे।

किरन देवी- हमारा आशीर्वाद जिंदगी भर, हमारी भी उम्र लग जाए आपको, इसी तरह आप बने रहें।

मध्यप्रदेश के भोपाल से सुनीता वैष्णव

प्रधानमंत्री- सुनीता जी नमस्ते।

सुनीता जी- आदरणीय प्रधानमंत्री जी को मेरा प्रणाम।

प्रधानमंत्री- सुनीता जी बताइए, कि आपको गैस कनेक्शन कब मिला और आपने अबतक कितने बार गैस सिलेंडर भराए हैं।

सुनीता जी- सर, मुझे सितंबर 2018 मिला।

प्रधानमंत्री- महीने कितने बार, दो महीने एक या तीन महीने में एक बार कैसा होता है।

सुनीता जी- सर, मेरा डेढ़ से दो महीने चलता है सिलिंडर।

प्रधानमंत्री- रेग्यूलर मिल जाता है, जब भराती हैं सिलिंडर।

सुनीता जी- जी सर।

प्रधानमंत्री- सुनीता जी आप सिलाई का भी काम करती हैं, क्या गैस का कनेक्शन मिलने के बाद सिलाई के काम के लिए समय मिल रहा है, उससे आपका ज्यादा काम हो रहा है।

सुनीता जी- जी सर.., मुझे बहुत आसानी हो गई सिलिंडर मिलने से, मैं अपने काम के लिए समय मिल जाता है, सिलाई भी कर लेती हूं और बच्चों के लिए भी टाइम निकाल लेती हूं। परिवार के लिए भी समय देती हूं।

प्रधानमंत्री- सुनीता जी आपको कोरोना के दौरान जो मुफ्त रीफिल मिले आैर ये बताइये कि इससे आपके परिवार को मदद मिली, मुफ्त मिलने में कोई दिक्कत आती थी।

सुनीता जी- नहीं सर, कोई दिक्कत नहीं आती थी। बहुत आसानी से मिला, तीन महीने हम लोगों को फ्री सिलिंडर मिला।

प्रधानमंत्री- सुनीता जी, आपसे बात करके बहुत अच्छा लगा, आपको लाकडाउन के दौरान कई फ्री रीफिल मिले। हमारी कोशिश भी है कि संकट के समय में देश के गरीब को काेई दिक्कत न हो। चाहे पीएम अन्न योजना हो, जनधन खाते में सीधे खाते में पैसे ट्रांसफर करने का अभियान हो, या फिर सिलिंडर का पैसा, हमारी कोशिश यही है कि गरीब के घर का चूल्हा हमेशा जलता रहे। चूल्हा मतबल लकड़ी का चूल्हा नहीं गैस का चूल्हा जलता रहे। आपको बहुत बहुत धन्यवाद, बहुत बहुत शुभकामनाएं।

सुनीता जी- आपको भी सर, बहुत बहुत धन्यवाद, हमारे एजेंसी के स्टाफ को भी बहुत धन्यवाद।

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