PM Modi Kanpur Visit : एनजीसी की पहली बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने किए गंगा दर्शन, देखा सेल्फी प्वाइंट

PM Narendra Modi in Kanpur प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल गंगा कांउसिल की पहली बैठक में नमामी गंगे की परियोजनाओं का हाल जाना और उसमें गिर रहे नालों का जायजा लिया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Sat, 14 Dec 2019 10:04 AM (IST) Updated:Sat, 14 Dec 2019 05:51 PM (IST)
PM Modi Kanpur Visit : एनजीसी की पहली बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने किए गंगा दर्शन, देखा सेल्फी प्वाइंट
PM Modi Kanpur Visit : एनजीसी की पहली बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने किए गंगा दर्शन, देखा सेल्फी प्वाइंट

कानपुर, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष विमान से शनिवार की सुबह कानपुर के चकेरी एयरपोर्ट पर उतरे तो सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ मंत्रिमंडल के सहयोगियों तथा केंद्रीय मंत्रियों ने स्वागत किया। नमामि गंगे के अभियान में लगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल गंगा कांउसिल की पहली बैठक में नमामि गंगे की परियोजनाओं का हाल जाना और उसमें गिर रहे नालों का जायजा लिया। प्रधानमंत्री अटल घाट पहुंचे और मां गंगा को नमन किया। 

इसके बाद बोट में सवार होकर गंगा की अविरलता और निर्मलता का जायजा लिया। बोट से वह बंद हुए सीसामऊ नाले तक गए और वहां बने सेल्फी प्वाइंट को देखा। करीब 45 मिनट प्रधानमंत्री ने मां गंगा की गोद में बिताए। गंगा नदी में नाव से प्रदूषण तथा सफाई का जायजा लेने के बाद वापसी के समय पीएम नरेंद्र मोदी गंगा बैराज की सीढिय़ों पर फिसल गए। स्टीमर से गंगा नदी का जायजा लेने के बाद पीएम मोदी को नई दिल्ली रवाना होना था। 

सीढिय़ों पर फिसले प्रधानमंत्री

अटल घाट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोट पर सवार होकर मां गंगा का हाल देखा। गंगा में यात्रा के बाद वह वापस घाट पर लौटे। बोट से उतरने के बाद वह सीढिय़ां चढ़कर ऊपर घाट की ओर जा रहे थे। इस बीच सीढ़ी पर उनका पैर फिसल गया और वह गिर पड़े। इसके बाद एसपीजी के जवानों ने उन्हें उठाया। यहां से वापस सीएसए कृषि विवि पहुंचने के बाद हेलीकॉप्टर से चकेरी एयरपोर्ट पहुंचे और फिर  दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

बताते चलें कि जिस सीढ़ी पर पैर फंसने की वजह से प्रधानमंत्री फिसल गए, उसी सीढ़ी पर पिछले दिनों निरीक्षण के लिए आने वाले करीब आधा दर्जन अधिकारी भी गिर चुके हैं। इस सीढ़ी को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने शुक्रवार रात चर्चा की थी। इस संबंध में मंडलायुक्त सुधीर एम बोबडे ने बताया कि सीढ़ी की इस स्थिति के बारे में एसपीजी को बता दिया गया था।

प्रधानमंत्री चकेरी एयरपोर्ट पर उतरने के बाद हेलीकॉप्टर से चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय पहुंचे। यहां पर सबसे पहले चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा पर नमन किया और फिर नमामि गंगे मिशन के तहत प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नेशनल गंगा काउंसिल की पहली बैठक में शामिल हुए। करीब दो घंटे की लंबी बैठक में नमामि गंगे के अगले चरण और नए एक्शन प्लान को लेकर विमर्श के साथ ही कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गए। 

प्रधानमंत्री ने समीक्षा बैठक में गंगा नदी से आच्छादित पांच राज्यों में से दो के मुख्यमंत्री तथा एक के उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी में राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक में गंगा स्वच्छता से जुड़े कामों की समीक्षा की। नमामि गंगे परियोजना की समीक्षा करने और पवित्र नदी पर योजना के प्रभाव देखने के लिए प्रधानमंत्री मोदी कानपुर में गंगा नदी में नौकायन किया।

बैठक में नहीं पहुंचे बिहार के सीएम नीतीश कुमार

नमामि गंगा प्रोजेक्ट पर आयोजित इस बैठक में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत शामिल रहे। बैठक में नीतीश कुमार का पहुंचना तय था। उनके स्वागत में पोस्टर लग चुके थे लेकिन नीतीश कुमार ने अपना कानपुर दौरा अचानक रद कर दिया। नीतीश कुमार की जगह डिप्टी सीएम सुशील मोदी बैठक में पहुंचे।

सुना है प्रधान जी गंगा की स्वच्छता व प्रदूषण मुक्ति के लिए कानपुर में बड़ी बैठक कर रहे हैं. वहाँ निरीक्षण के समय फिर से गंगा में गिरनेवाले नालों का मुख मोड़कर ‘नक़ली सफ़ाई’ को झूठ का चश्मा पहनाया जाएगा.

 सलाह है कि प्रधान जी पहले भ्रष्टाचार का गोमुख साफ़ करें तब कानपुर पहुँचें.— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 14, 2019

 

देर रात पूरी तरह तैयार हुआ बजरा

शुक्रवार देर रात प्रधानमंत्री को गंगा की जलधारा में भ्रमण कराने के लिए बजरा पूरी तरह तैयार कर लिया गया था। देर रात 12 बजे करीब मंडलायुक्त सुधीर एम बोबडे, जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत, एसएसपी अनंत देव तिवारी, नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी ने वहां तैयारियां देखीं और बजरा पर चढ़ कर जायजा लिया। 

कानपुर में विजेता की छवि को और पुख्ता किया

चंद वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय राजनीति में असंभव को संभव बनाने वाली अपनी छवि गढ़ी है। इसमें अनुच्छेद 370 के खात्मे से नागरिक संशोधन विधेयक, एनआरसी इसके बड़े उदाहरण हैं। कानपुर में गंगा नदी की स्वच्छता की मुहिम भी एक ऐसा ही लक्ष्य था। इसे नमामि गंगे ने काफी हद तक सफल बना दिया है। कानपुर में गंगा किनारे इसे आयोजन ने संदेश दिया कि भारतीय संस्कृति की जड़ों को सींचने में प्रधानमंत्री निष्काम भाव से जुटे हैं। इसका राजनीतिक असर गोमुख से गंगासागर ही नहीं वरन् गंगा में आस्था रखने वाले हर भारतवंशी तक पहुंचेगा।

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