जैन समाज को शिक्षा और संस्कार की सीख देंगे पीयूष और प्रसन्न सागर महाराज, 24 जनवरी को आएंगे कानपुर

शहर में प्रवास के दौरान गुरु भक्ति जैन धर्म की दीक्षा के साथ विभिन्न प्रकार के धार्मिक आयोजन भी किए जाएंगे। जिससे जैन समाज संदेश शहरवासियों तक पहुंचे। जैन धर्म के अनुयायियों को धर्म का पालन और धर्म के रास्ते पर चलकर दूसरों की मदद करने की सीख दी जाएगी।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 11:36 AM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 11:36 AM (IST)
जैन समाज को शिक्षा और संस्कार की सीख देंगे पीयूष और प्रसन्न सागर महाराज, 24 जनवरी को आएंगे कानपुर
जैन समाज की खबर से सबंधित सांकेतिक चित्र।

कानपुर, जेएनएन। शहर में लंबे अंतराल के बाद जैन समाज के प्रमुख आचार्य पीयूष सागर महाराज और प्रेम सागर महाराज जैन समाज को शिक्षा और संस्कार का पाठ पढ़ाएंगे। अहिंसा संस्कार पदयात्रा के तहत मथुरा से पैदल चलकर कानपुर प्रवास के लिए आ रहे आचार्य पीयूष सागर महाराज और प्रसन्न सागर महाराज शहर में 24 जनवरी को नगर प्रवेश करेंगे। भव्य नगर प्रवेश के बाद आनंदपुरी जैन मंदिर में 30 जनवरी तक विभिन्न प्रकार के धार्मिक आयोजनों किए जाएंगे। जिसमें भक्तों को धर्म शिक्षा और संस्कार का पाठ पढ़ाया। जैन धर्म के अनुयायी अनूप जैन ने बताया कि वर्ष 1995 में आचार्य श्री पुष्पदंत सागर महाराज के साथ चतुर्मास में आचार्य श्री शहर आए थे। उसके बाद से वर्ष 2011 में भी चतुर्मास का आयोजन आनंदपुरी जैन मंदिर में किया गया था जिसमें आचार्य श्री ने जैन समाज को धर्म शिक्षा का पाठ पढ़ाया था। 

शहर में होंगे धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन 

उन्होंने बताया कि इस बार शहर में प्रवास के दौरान गुरु भक्ति जैन धर्म की दीक्षा के साथ विभिन्न प्रकार के धार्मिक आयोजन भी किए जाएंगे। जिससे जैन समाज संदेश शहरवासियों तक पहुंचे। उन्होंने बताया कि प्रवास के दौरान आचार्य पीयूष सागर महाराज और प्रसन्न सागर महाराज धर्म सभा का भी आयोजन करेंगे जिससे जैन धर्म के अनुयायियों को धर्म का पालन और धर्म के रास्ते पर चलकर दूसरों की मदद करने की सीख दी जाएगी। आचार्य श्री के नगर प्रवेश के दौरान जैन समाज के अनुयाई पुष्प मालाओं और आरती से आचार्य श्री का स्वागत करेंगे। आपको बताते चलें की आचार्य श्री लगातार पदयात्रा करते हुए जैन धर्म का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। वे अपनी संस्कार पदयात्रा के दौरान अनुयायियों के साथ पैदल चलते हुए लोगों को जैन धर्म के महत्व से अवगत करा रहे हैं।

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