Pintu Sengar Murder Case: आरोपित ने पहली जमानत अर्जी वापस लेकर हाईकोर्ट के आदेश को आधार बनाकर मांगी रिहाई
मामले में डेढ़ दर्जन आरोपित बनाए गए जिसमें अधिकतर जेल में हैं। इनमें से एक आरोपित वीरेंद्र पाल ने हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। पूर्व डीजीसी पीयूष शुक्ला के मुताबिक पुलिस ने वीरेंद्र के पक्ष में अंतिम रिपोर्ट लगा दी थी जिसे सीएमएम ने निरस्त कर दिया था।
कानपुर, जेएनएन। शहर में बसपा नेता पिंटू सेंगर की हत्या के मामले में आरोपित वीरेंद्र पाल की पहली जमानत अर्जी वापस लेने के बाद दूसरी जमानत अर्जी में हाईकोर्ट के स्टे आदेश को आधार बनाकर रिहाई की मांग की गई है। अर्जी पर सुनवाई 2 दिसंबर को होगी।
जेके कॉलोनी जाजमऊ में 20 जून 2020 को पिंटू सेंगर की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में डेढ़ दर्जन आरोपित बनाए गए जिसमें अधिकतर जेल में हैं। इनमें से एक आरोपित वीरेंद्र पाल ने हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। पूर्व डीजीसी पीयूष शुक्ला के मुताबिक पुलिस ने वीरेंद्र के पक्ष में अंतिम रिपोर्ट लगा दी थी जिसे सीएमएम ने निरस्त कर दिया था। इसी मामले में वह हाईकोर्ट गए थे जहां से प्रोसीडिंग को स्टे करने के आदेश दिए गए। इसी के चलते पहला जमानत प्रार्थना पत्र वापस ले लिया गया जबकि दूसरा जमानत प्रार्थना पत्र लगाते हुए हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर रिहाई की मांग की गई है। तर्क दिए गए हैं कि पुलिस ने वीरेंद्र के पक्ष में अंतिम रिपोर्ट लगा दी थी चूंकि हाईकोर्ट ने वीरेंद्र के मामले में प्रक्रिया को स्टे कर दिया है इसलिए अब पुलिस की अंतिम रिपोर्ट की कार्यवाही प्रभावी हो जाएगी।
इनका ये है कहना
अभियोजन के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित का कहना है चूंकि फाइल सेशन ट्रायल के लिए सुनवाई शुरू हो चुकी है, इसलिए हाईकोर्ट का आदेश इस पर लागू नहीं होगा। साथ ही जमानत की सुनवाई पर भी आदेश का प्रभाव नहीं पड़ेगा।