वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करना मतलब जान को जोखिम में डालना
वाहन चलाते समय सवार अपने साथ ही दूसरों के लिए भी खड़ी कर रहे मुसीबत।
कानपुर, जागरण संवाददाता। वाहन चलाते समय मोबाइल फोन पर किसी से बात करना खतरनाक होता है। एक कॉल उठाना जीवन का काल बन सकता है। सड़क पर अधिकतर हादसे यातायात नियमों को तोड़ने की वजह से होते हैं। इसमें सबसे बड़ी वजह मोबाइल का इस्तेमाल भी है। कई वाहन सवारों ने इसे आदत में शामिल कर लिया है और इस प्रवृत्ति से दूसरे के लिए खतरा खड़ा कर रहे हैं।
सबसे अधिक मोबाइल का प्रयोग युवक-युवतियां करते हैं। ट्रैफिक पुलिस व संभागीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के प्रवर्तन विभाग की कार्रवाई का इन पर कोई असर नहीं पड़ता है। एकाग्रता होती भंग जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. मनीष सिंह के मुताबिक मोबाइल पर बात करते समय वाहन चलाने वाले की एकाग्रता भंग हो जाती है। दिमाग के न्यूरॉन्स कम एक्टिव हो जाते हैं, जिससे सामने आने वाले खतरे को भाप नहीं पाते हैं। यही स्थिति पीछे से आने वाले वाहनों के साथ भी रहती है। हॉर्न भी नहीं सुनाई देता मोबाइल के प्रयोग से हॉर्न और दूसरी आवाज सुनाई नहीं पड़ती है। हेड फोन और ब्लू टूथ भी नुकसानदायक है। कुछ दोपहिया वाहन चालक हेलमेट के अंदर मोबाइल रखकर बाइक या स्कूटी चलाते है, यह भी गलत है।
गाना सुनना भी खतरे से कम नहीं
चार पहिया वाहन या फिर बाइक चलाते हुए म्यूजिक का लुत्फ उठाना भी खतरे से कम नहीं है। तेज आवाज में गाना ध्यान भंग करता है।
धूमपान की आदत भी दे रही हादसे को दावत
वाहन चलाते समय धूमपान की लत भी आपको अस्पताल पहुंचा सकती है। सिगरेट या गुटखे में मौजूद नशीले तत्व से सिर चकरा सकता है। हल्की बेहोशी भी आ सकती है।
सड़क पर यारी भी भारी
सड़क पर वाहन चलाते समय दूसरे वाहन चालक से यारी निभाना भी जिंदगी के लिए भारी हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक वाहन सड़क किनारे खड़ा करके आराम से बातें हो सकती हैं। अक्सर साथ चलते हुए बाइक के हैंडल फंसने से दो पहिया वाहन चालक गिर जाते हैं।
लाइसेंस निलंबित का प्रावधान
मोबाइल पर बातें करते हुए वाहन चलाने पर तीन महीने लाइसेंस निलंबित करने की कार्रवाई का प्रावधान है। अगर चालक बार बार गलती करते पकड़ा गया तो लाइसेंस निरस्त हो जाएगा। सुप्रीम कोर्ट की ओर से इसके सख्त आदेश हैं।
787 लाइसेंस निलंबित
एआरटीओ प्रवर्तन प्रभात कुमार पाडेय के मुताबिक कानपुर में अब तक 787 लाइसेंस निलंबित किए जा चुके हैं। संबंधित जिले के लाइसेंस को वहा के परिवहन विभाग को भेज दिया गया है।
सबसे अधिक मोबाइल का प्रयोग युवक-युवतियां करते हैं। ट्रैफिक पुलिस व संभागीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के प्रवर्तन विभाग की कार्रवाई का इन पर कोई असर नहीं पड़ता है। एकाग्रता होती भंग जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. मनीष सिंह के मुताबिक मोबाइल पर बात करते समय वाहन चलाने वाले की एकाग्रता भंग हो जाती है। दिमाग के न्यूरॉन्स कम एक्टिव हो जाते हैं, जिससे सामने आने वाले खतरे को भाप नहीं पाते हैं। यही स्थिति पीछे से आने वाले वाहनों के साथ भी रहती है। हॉर्न भी नहीं सुनाई देता मोबाइल के प्रयोग से हॉर्न और दूसरी आवाज सुनाई नहीं पड़ती है। हेड फोन और ब्लू टूथ भी नुकसानदायक है। कुछ दोपहिया वाहन चालक हेलमेट के अंदर मोबाइल रखकर बाइक या स्कूटी चलाते है, यह भी गलत है।
गाना सुनना भी खतरे से कम नहीं
चार पहिया वाहन या फिर बाइक चलाते हुए म्यूजिक का लुत्फ उठाना भी खतरे से कम नहीं है। तेज आवाज में गाना ध्यान भंग करता है।
धूमपान की आदत भी दे रही हादसे को दावत
वाहन चलाते समय धूमपान की लत भी आपको अस्पताल पहुंचा सकती है। सिगरेट या गुटखे में मौजूद नशीले तत्व से सिर चकरा सकता है। हल्की बेहोशी भी आ सकती है।
सड़क पर यारी भी भारी
सड़क पर वाहन चलाते समय दूसरे वाहन चालक से यारी निभाना भी जिंदगी के लिए भारी हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक वाहन सड़क किनारे खड़ा करके आराम से बातें हो सकती हैं। अक्सर साथ चलते हुए बाइक के हैंडल फंसने से दो पहिया वाहन चालक गिर जाते हैं।
लाइसेंस निलंबित का प्रावधान
मोबाइल पर बातें करते हुए वाहन चलाने पर तीन महीने लाइसेंस निलंबित करने की कार्रवाई का प्रावधान है। अगर चालक बार बार गलती करते पकड़ा गया तो लाइसेंस निरस्त हो जाएगा। सुप्रीम कोर्ट की ओर से इसके सख्त आदेश हैं।
787 लाइसेंस निलंबित
एआरटीओ प्रवर्तन प्रभात कुमार पाडेय के मुताबिक कानपुर में अब तक 787 लाइसेंस निलंबित किए जा चुके हैं। संबंधित जिले के लाइसेंस को वहा के परिवहन विभाग को भेज दिया गया है।