Health Benefits of Peepal: औषधीय गुणों से संपन्न पीपल आक्सीजन का है प्राकृतिक प्लांट
प्रभागीय वन अधिकारी अरविंद यादव बताते हैं कि पीपल का पौधा रोपने के लिए जून मध्य से लेकर जुलाई तक का समय सबसे मुफीद होता है या वर्षाकाल में भी इसे रोपा जा सकता है। इसे रोपने के लिए 45 सेमी. गुणा 45 सेंटीमीटर का गड्ढा जरूरी है।
समीर दीक्षित, कानपुर। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा दिक्कत आक्सीजन की रही। इसकी कमी से बहुत से लोगों को जान गंवानी पड़ी। उस वक्त पीपल सरीखे पेड़ों की महत्ता समझ में आई। चिंतन-मंथन में सामने आया कि अगर पीपल के पेड़ हों तो आक्सीजन का संकट नहीं रहेगा। अब महामारी का प्रकोप कम होने के बाद पीपल के पौधे अधिक से अधिक रोपने की पहल की जा रही है। कई जगह सरकारी कार्यालयों व शिक्षण संस्थानों में इनके पौधे लगाने के आदेश भी हो गए हैं। वन अधिकारी कहते हैं कि औषधीय गुणों से सम्पन्न पीपल आक्सीजन का प्राकृतिक प्लांट होता है।
ये हैं विशेषताएं यह स्वयं में इको सिस्टम का पर्याय माना जाता है परिपक्व पेड़ से 24 घंटे में 500 से 600 लीटर तक आक्सीजन वातावरण को मिलती है पीपल एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, इसके पत्तों को नियमित रूप से चबाने पर तनाव में कमी होती है शरीर के किसी हिस्से में घाव हो जाने पर पीपल के पत्तों का गर्म लेप लगाने से घाव सूखने में मदद मिलती है पीपल के पत्तों का प्रयोग कब्ज या गैस की समस्या में दवा के तौर पर किया जाता है। इसे पित नाशक भी माना जाता है
इस समय और ऐसे लगाएं
प्रभागीय वन अधिकारी अरविंद यादव बताते हैं कि पीपल का पौधा रोपने के लिए जून मध्य से लेकर जुलाई तक का समय सबसे मुफीद होता है या वर्षाकाल में भी इसे रोपा जा सकता है। इसे रोपने के लिए 45 सेमी. गुणा 45 सेंटीमीटर का गड्ढा जरूरी है। इसे रोपते समय खाद का उपयोग बेहद जरूरी है। इसके बाद गड्ढे को मिट्टी से भरकर एक हफ्ते तक नियमित रूप से सिंचाई करनी चाहिए। यह पौधा जलसंचयन में बहुत मददगार होता है। बारिश के समय ये जल संरक्षण का अच्छा वाहक बनता है।
पार्क या मैदान में रोपें
पीपल को लगाने के लिए हमेशा पार्क या मैदान जैसे स्थान को चुनना चाहिए। इसका कारण, इस पेड़ का बेहद घना और लंबा होना होना है। इसकी ऊंचाई 30 फीट से अधिक होती है। इसकी उम्र 200 साल तक होती है।