कोविड वार्ड में शर्तो संग बच्चों की तीमारदारी कर सकेंगे माता-पिता
कोरोना की तीसरी लहर सितंबर-अक्टूबर तक आने की संभावना है।
जेएनएन, कानपुर : कोरोना की तीसरी लहर सितंबर-अक्टूबर तक आने की संभावना है, जिसमे बच्चों के प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। बच्चों के इलाज के लिए कोविड हास्पिटल तैयार किए जा रहे हैं, जिसमें कोविड आइसीयू एवं आइसोलेशन वार्ड बनाए जा रहे हैं। अब सवाल उठ रहा है कि बच्चों की देखभाल कैसे होगी, क्योंकि कोविड हास्पिटल में किसी के प्रवेश की अनुमति नहीं है। इसे लेकर एलएलआर अस्पताल स्थित मेडिसिन विभाग में शनिवार को डाक्टरों के बीच चर्चा हुई। डाक्टर इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि बच्चों के माता-पिता को शर्तों के साथ तीमारदारी की अनुमति दी जाए। पीडियाट्रिक कोविड हास्पिटल में बच्चे की देखभाल को लेकर हुई चर्चा की अध्यक्षता बाल रोग विभागाध्यक्ष प्रो. यशवंत राव ने की। पक्ष में बाल रोग विभाग के प्रोफेसर डा. एके आर्या, असिस्टेंट प्रोफेसर डा. शाइनी और डा. नेहा अग्रवाल तथा विपक्ष में मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. रिचा गिरि और सीएमएस डा. शुभेंदु शुक्ला रहे। विपक्ष ने सवाल उठाए कि कोरोना वार्ड में रहने पर उनके इंफेक्शन होने का खतरा रहेगा। अगर मधुमेह, बीपी, किडनी और लिवर की बीमारी है तो उनके संक्रमित होने का खतरा कई गुना बढ़ जाएगा। माता-पिता लगातार आठ घंटे पीपीई किट पहन कर रह सकेंगे। इस पर पक्ष में डाक्टरों ने कहा कि बच्चे माता-पिता के होने पर बेहतर महसूस करते हैं। उन्हें अकेले रखना ठीक नहीं होगा। अधिक छोटे बच्चों को और भी समस्याएं होंगी। इसलिए पहले माता-पिता की स्क्रीनिग कराई जाए, देखा जाए कि उन्हें किसी तरह की बीमारी तो नहीं है। जो स्वस्थ होंगे, उन्हें अंदर जाने की अनुमति दी जाए। पीपीई किट पहनने और मास्क लगाने की बाकायदा ट्रेनिग दी जाए। ऐसा करके हम बच्चों को बेहतर माहौल देकर उन्हें जल्द स्वस्थ करके घर भेज सकते हैं। मनोरोग विभाग के डा. गणेश शंकर ने कहा कि माता-पिता की मौजूदगी में बच्चे मानसिक रूप से मजबूत महसूस करते हैं। जिससे उनकी रिकवरी तेजी से होगी। जज की भूमिका में महानिदेशालय से आए प्रो. आरसी गुप्ता, प्राचार्य प्रो. आरबी कमल और स्त्री एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष प्रो. किरन पांडेय मौजूद रहीं। एलएलआर व संबद्ध अस्पतालों के 17 फार्मासिस्टों के पटल बदले, कानपुर : रेमडेसिविर प्रकरण और अस्पताल में दवा होने के बाद भी मरीजों न देने की शिकायत को मंडलायुक्त ने गंभीरता से लिया है। इसे लेकर उन्होंने जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. आरबी कमल को अस्पताल की व्यवस्था में सुधार करने के निर्देश दिए थे। प्राचार्य के निर्देश पर लाला लाजपत राय (एलएलआर) अस्पताल की प्रमुख अधीक्षक डा. ज्योति सक्सेना ने फार्मासिस्टों के पटल में बदलाव कर दिया है। एलएलआर एवं संबद्ध अस्पतालों के 17 फार्मासिस्टों को इधर से उधर किया गया है।