पराग डेयरी के प्लांट को शासन की हरी झंडी का इंतजार, खराब हाे रही जापानी मशीनें

कानपुर के निरालानगर में 166 करोड़ रुपये की लागत से पराग डेयरी का नया प्लांट तैयार किया गया है जिसमें जापान से मंगाई गई मशीनें लगाई गई हैं। शासन से निर्णय लिया जाना है कि प्लांट का संचालन कौन करेगा।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Mon, 06 Sep 2021 01:59 PM (IST) Updated:Mon, 06 Sep 2021 01:59 PM (IST)
पराग डेयरी के प्लांट को शासन की हरी झंडी का इंतजार, खराब हाे रही जापानी मशीनें
संचालन के लिए निजी हाथों में दिया जाना है प्लांट।

कानपुर, जेएनएन। निरालानगर स्थित पराग डेयरी प्लांट पिछले आठ माह से बनकर तैयार खड़ा है, लेकिन शासन से निर्णय नहीं हो पाने की वजह प्लांट में लगीं मशीनों में जंग लग रही है। जबकि इस प्लांट के चालू होने से आसपास जिलों के लोगों को रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

166 करोड़ रुपये की लागत से कानपुर दुग्ध संघ द्वारा तैयार किये चार लाख लीटर के आधुनिक पराग डेयरी प्लांट में लाखों रुपये की कीमत जापान की मशीनें लगी हुई हैं। इस प्लांट के संचालन का जिम्मा शासन से निजी हाथों में दिया जाना है, लेकिन आज तक यह प्लांट चालू नहीं हो सकता है। एक बार प्लांट में पानी चलाकर मशीनों को चलाया जा चुका है। दोबारा ट्रायल के लिए शासन से दो करोड़ रुपये भी कानपुर दुग्ध संघ को दिया जा चुका है। अब शासन से टेंडर प्रक्रिया पूरी हो तो दुग्ध संघ प्लांट चलाकर कंपनी को देगा।

बोर्ड ने किया है निजीकरण का विरोध : पराग डेयरी के चेयरमैन सतपाल सिंह की अध्यक्षता में पराग डेयरी कार्यालय में हुई बैठक में प्लांट के निजीकरण का विरोध किया था। सतपाल ने कहा कि निजीकरण से पराग दुध का नुकसान होगा।

पहले भी हो चुकी संचालन की कवायद : पराग डेयरी प्लांट को घाटे के चलते बंद कर दिया गया था। इसके बाद पुराने प्लांट को कई बार चलाने की कवायद की गई लेकिन सफल नहीं हो सकी। अब दोबारा नए प्लांट की स्थापना की गई और नई मशीनें मंगाई गई हैं। लेकिन, किसी भी तरह का घाटा बर्दाश्त न कर पाने के लिए अब प्राइवेट तौर पर प्लांट के संचालन की रूप रेखा बनाई जा रही है।

फ्लेवरड मिल्क आना हुआ बंद : लखनऊ स्थित पराग डेयरी से शहर आने वाला पराग का फ्लेवरड मिल्क पिछले 20 दिन से बंद है। पराग के किसी भी आउटलेट में यह व्यवस्था नहीं मिलने से लोगों में नाराजगी है। लोग पराग में शिकायत कर रहें।

-पराग डेयरी प्लांट का निजीकरण होना है। शासन से निर्णय होने के बाद ही प्लांट चल पाएगा। अब तो आधुनिक प्लांट में लगी मशीनों में जंग लगना शुरू हो गई है। -डा. राजीव वाष्णेय, महाप्रबंधक, पराग डेयरी

chat bot
आपका साथी