पनऊपुरवा हत्याकांड : खौफ के साए में घर से नही निकल रहा पीड़ित परिवार, आरोपित नहीं हुए गिरफ्तार

चौबेपुरवा के परऊपुरवा गांव में पुलिस की मौजूदगी में बुजुर्ग की हत्या के बाद विधायक ने आक्रोश जताया था। इसपर पुलिस ने चार पुलिसकर्मियों को निलंबित करके मुकदमा दर्ज किया था। अभी तक सिर्फ दो आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं और बाकी फरार है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sun, 07 Nov 2021 09:57 AM (IST) Updated:Sun, 07 Nov 2021 09:57 AM (IST)
पनऊपुरवा हत्याकांड : खौफ के साए में घर से नही निकल रहा पीड़ित परिवार, आरोपित नहीं हुए गिरफ्तार
परऊपुरवा में पुलिस की मौजूदगी में हुई थी बजुर्ग की हत्या।

कानपुर, जागरण संवाददाता। चौबेपुर के पनऊपुरवा गांव में हत्याकांड के बाद से पीडि़त परिवार खौफजदा है। घटना के 12 दिन बीत गए हैं, लेकिन अभी तक सिर्फ दो आरोपितों की गिरफ्तारी हुई है। सहमे पीडि़त परिवार के लोग घर के बाहर कदम नही रख रहे हैं। मृतक के बेटे रविशंकर ने पुलिस अधिकारियों को फरार आरोपितों से जान का खतरा बताते हुए जल्द गिरफ्तारी कराने की गुहार लगाई है।

पनऊपुरवा में बीते 25 अक्टूबर की रात आमने सामने रहने वाले श्री किशन त्रिवेदी व आनंद कुरील के परिवारों में पथराव के बाद संघर्ष हुआ था, जिसमें बुजुर्ग आनंद कुरील की मौत हो गई थी। आरोप है कि श्री किशन व उसके स्वजन ने आनंद की पीट-पीटकर हत्या कर दी। पीडि़त पक्ष ने ग्राम प्रधान मनीष दीक्षित व उनके पिता रामकुमार दीक्षित सहित बीट दारोगा गोपी किशन, शेर बहादुर सहित नौ लोगो को नामजद किया था। घटना के बाद गांव पहुंचे विधायक भगवती प्रसाद सागर ने पुलिस की संलिप्तता को लेकर हंगामा किया था। इसपर दोनों दारोगा सहित चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था और एसपी आउटर अष्टभुजा प्रसाद सिंह को भी हटा दिया गया।

मामले ने तूल पकड़ा तो 2 नवंबर को उप्र अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के सदस्य उत्पीडऩ की जांच को पनऊपुरवा गांव पहुंचे और पीडि़त पक्ष के बयान दर्ज कर जांच की। घटना में मुख्य आरोपित श्री किशन त्रिवेदी के पुत्र गोविंद व राजन को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। अन्य आरोपित अभी फरार हैं। आनंद के बेटे रविशंकर ने कहा कि उनका परिवार खौफजदा है, वह लोग घर से बाहर नही निकल रहे हैं।

पुलिस ने शुरू की हत्याकांड की विवेचना

पनऊपुरवा हत्याकांड में पुलिस ने विवेचना शुरू की है। सीओ बिल्हौर ने हत्या से पहले दोनों परिवारों के बीच हुए झगड़े व आरोपित दारोगा की भूमिका को विवेचना में शामिल किया है। हालांकि पुलिसकर्मियों के घटना की सूचना पर रवानगी और जीडी में वापसी को अहम माना जा रहा हैं। इधर प्रधान के बचाव पक्ष में पनऊपुरवा गांव से 50 हलफनामे प्रस्तुत किए गए है, जिनमें ग्राम प्रधान व उसके पिता को निर्दोष बताया गया है।

कराई जाए निष्पक्ष जांच

पनऊपुरवा कांड में आरोपित बनाए गए ग्राम प्रधान व उसके पिता के बचाव में प्रधान संघ भी उतरा है। शनिवार को बैठक में प्रधान संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि ग्राम प्रधान निर्दोष हैं। पुलिस अधिकारी पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करें। प्रधान संघ के अध्यक्ष अरविंद यादव ने आइजी को ज्ञापन भेजा हैं। इधर जिला पंचातय सदस्यों व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने भी पुलिस अधिकारियों से निष्पक्ष जांच की मांग की है।

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