कानपुर में तीन शत्रु संपत्तियों को गलत रिपोर्ट लगाकर बेच डाला, देहात जिले में भी हुआ बड़ा खेल

कानपुर में शत्रु संपत्ति संरक्षण संघर्ष समिति ने गड़बड़ी का आरोप लगाकर दोबारा जांच की मांग की है । पाकिस्तान से आकर परिवार संपत्तियां बेचकर चला गया और जिम्मेदार अफसरों ने अबतक कोई कार्रवाई नहीं की है ।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 09:00 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 09:00 AM (IST)
कानपुर में तीन शत्रु संपत्तियों को गलत रिपोर्ट लगाकर बेच डाला, देहात जिले में भी हुआ बड़ा खेल
भूमाफिया कर रहे शत्रु संपत्ति की खरीद-फरोख्त।

कानपुर, जेएनएन। कानपुर नगर और देहात जिले में शत्रु संपत्तियों में बड़ा खेल हो गया। एक परिवार पाकिस्तान से आकर अपनी संपत्तियों को बेचकर चला गया। शिकायत हुई तो तहसील की जांच में आरोप सही निकले, लेकिन एलआइयू की जांच के बहाने रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब शत्रु संपत्ति संरक्षण संघर्ष समिति ने दोबारा जांच की मांग की है। कुछ ऐसा कानपुर देहात में भी शत्रु संपत्ति के साथ हो रहा है और बिक्री का सिलसिला जारी है।

क्या होती है शत्रु संपत्ति

हिंदुस्तान के बंटवारे के समय जो लोग भारत छोड़कर पाकिस्तान में जाकर बस गए, उनकी अचल संपत्ति को केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन किया गया है। गृह मंत्रालय के अधीन इस संपत्ति की सुरक्षा एवं संरक्षा के लिए शत्रु संपत्ति विभाग भी बना है, जिसका सभी राज्यों की राजधानी में एक केंद्रीय कार्यालय है। शत्रु संपत्ति विभाग की वेबसाइट पर यूपी में 4991 संपत्तियां दर्ज हैं, इसमें सभी निर्माण, मकान अथवा खुली भूमि आदि शामिल है। सभी शत्रु संपत्तियों की सुरक्षा एवं देखरेख की जिम्मेदारी संबंधित जिला प्रशासन के पास निहीत है। इस संपत्ति का नामांतरण, बिक्री आदि नहीं किए जाने का प्रावधान है और यदि इसकी खरीद फरोख्त या नामंतरण की स्थिति मिलती है तो उसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल सभी लोगों पर शत्रु संपत्ति विभाग राष्ट्रीय संपत्ति का मुकदम दर्ज कराने के साथ सख्त कार्रवाई कर सकता है।

कानपुर में भूमाफिया ने बेची शत्रु संपत्ति

शत्रु संपत्ति संरक्षण संघर्ष समिति के सचिव सैयद अब्दुल कादिर ने बताया कि नवंबर 2020 में तहसील की जांच में सामने आया था कि नाला रोड निवासी मौलाबक्श का परिवार आजादी के बाद पाकिस्तान चला गया था। बाद में इसी परिवार के आबिद रहमान और आमना खातून के नाम शहर में मौजूद जमीन बेच दी गई। समिति के मुताबिक यह संपत्तियां नाला रोड, बेकनगंज और कंघी मोहाल में हैं, जिनकी कीमत इस समय करोड़ों में है। अब्दुल के मुताबिक भूमाफिया ने जमीन बेचने के लिए मौलाबक्श के परिवार के लोगों को कानपुर बुलवाया और जमीन बिकवा दी। एक मोटी रकम पाकिस्तान में बैठे इन परिवारों को भी दी गई। तहसील की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होती, इससे पहले भूमाफिया के हाथों में खेल रहे एलआइयू के एक दारोगा ने अपनी रिपोर्ट लगा दी कि इस परिवार के पाकिस्तान जाने के कोई सुबूत नहीं हैं। इसके बाद से जांच ठंडे बस्ते में पड़ी है और शत्रु संपत्ति पर दर्जनों की संख्या में मकान और घर बन गए हैं।

कानपुर देहात में भी हुआ खेल

शत्रु संपत्ति विभाग में कानपुर देहात में भी 19 शत्रु संपत्तियां दर्ज हैं। अगर जांच कराई जाए तो यहां भी भोगनीपुर तहसील के मांवर गांव में स्थित शत्रु संपत्ति का नियम विरुद्ध खरीद फरोख्त का बड़ा खेल सामने आ सकता है।

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