कानपुर में भगवान भरोसे चल रही घरों में इलाज करा रहे पांच हजार लोगों को ऑक्सीजन

ऑक्सीजन रोज चाहिए लेकिन इस समय 55 टन ऑक्सीजन ही रोज मिल पा रही है। यह कुल मांग का 45 फीसद भी नहीं है। कोविड अस्पतालों की सप्लाई की प्राथमिकता के चलते नॉन कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत है।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Sun, 02 May 2021 01:24 PM (IST) Updated:Sun, 02 May 2021 01:24 PM (IST)
कानपुर में भगवान भरोसे चल रही घरों में इलाज करा रहे पांच हजार लोगों को ऑक्सीजन
बाकी प्लांट संचालक तीमारदारों की बेबसी देखकर सिलिंडर भर रहे हैं

कानपुर, जेएनएन। शहर में घरों में इलाज करा रहे 18,000 से अधिक कोरोना संक्रमित में पांच हजार को ऑक्सीजन की जरूरत है और इनकी ऑक्सीजन की सप्लाई पूरी तरह भगवान भरोसे हैं। हालत यह है कि लोगों को दूसरे सिलिंडर तक नहीं मिल रहे। इसलिए कई बार लोगों को भगवान भरोसे सिलिंडर निकाल कर दोबारा ऑक्सीजन भरवाने के लिए ले जाना पड़ रहा है। जहां एक ओर करीब पांच हजार लोगों को ऑक्सीजन चाहिए वहीं जिस प्लांट को घर में इलाज करा रहे लोगों को ऑक्सीजन देने के निर्देश हैं उसकी क्षमता मात्र 300 सिलिंडर रोज भरने की है। बाकी प्लांट संचालक तीमारदारों की बेबसी देखकर सिलिंडर भर रहे हैं जिसे ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, उसके सामने जीवन का संकट खड़ा हो जाता है।

शहर में ऑक्सीजन सप्लाई और उसकी जरूरत में वास्तव में बहुत बड़ा अंतर है। शहर में करीब 125 टन ऑक्सीजन रोज चाहिए लेकिन इस समय 55 टन ऑक्सीजन ही रोज मिल पा रही है। यह कुल मांग का 45 फीसद भी नहीं है। कोविड अस्पतालों की सप्लाई की प्राथमिकता के चलते नॉन कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत है। शहर में कोविड अस्पतालों में करीब 2800 बेड हैं। इसके अलावा 18 हजार के कीब घरों में रहकर इलाज करा रहे हैं। खुद सरकारी आंकड़ों में इसी सप्ताह स्वीकारा गया है कि इनमें से पांच हजार को ऑक्सीजन की जरूरत है। सुबह से प्लांटों के बाहर लगने वाली सिलिंडर की लाइन बता देती है कि ऑक्सीजन का संकट कितना गंभीर है। मरीजों की बढ़ती संख्या देख प्रशासन ने नए कोविड अस्पताल और आइसीयू बेड तो बना लिए लेकिन ऑक्सीजन ना होने की वजह से ये अस्पताल अब तक संचालित नहीं हो पा रहे हैं। करीब एक सप्ताह से अधिकारियों की मेज पर नए अस्पतालों की सूची ही पड़ी है, उसके आगे जमीन पर कुछ नहीं हुआ। पिछले दिनों मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर ने अपर मुख्य सचिव गृह को ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाने के लिए कहा था लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ।

chat bot
आपका साथी