शहर में ऑक्सीजन की भारी किल्लत

कोरोना वायरस के संक्रमण के पैर पसारते ही ऑक्सीजन की किल्लत शुरू हो गई है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 02:06 AM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 02:06 AM (IST)
शहर में ऑक्सीजन की भारी किल्लत
शहर में ऑक्सीजन की भारी किल्लत

जागरण संवाददाता, कानपुर : कोरोना वायरस के संक्रमण के पैर पसारते ही ऑक्सीजन की किल्लत अचानक से बढ़ गई है। सरकारी और निजी अस्पतालों में स्टॉक का संकट गहरा गया है। सोमवार दोपहर में स्थिति एकदम से बिगड़ गई। ऑक्सीजन का कुल स्टॉक मांग से आधा ही बचा था। इस पर अधिकारियों की सांसें फूल गईं। आनन फानन शासन से बात की गई। कई घंटे मीटिग चली। देर रात राउरकेला से 19 टन ऑक्सीजन भारी फोर्स की सुरक्षा में कानपुर पहुंच गया। इधर ऑक्सीजन की कमी के चलते जहां नर्सिंगहोम में रोगियों को भर्ती करने में आनाकानी हुई, वहीं उद्योगों के लिए आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। मरीजों को भर्ती कराने के लिए तीमारदार परेशान रहे। स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और कोविड कंट्रोल रूम पर लोगों की शिकायतें आती रहीं। कानपुर में अमूमन 15 से 20 टन ऑक्सीजन की खपत रहती है। कोरोना संक्रमण के चलते यह मांग बढ़कर 40 टन तक पहुंच गई। कानपुर के पास 58 टन का स्टॉक रहता था। शनिवार की रात को कानपुर के लिए आने वाली सप्लाई को लखनऊ भेज दिया गया। कानपुर में 10 ही टन ऑक्सीजन रह गई थी। इस पर रात में ही 12 टन ऑक्सीजन वापस दी गई। पांच टन मोदीनगर से ऑक्सीजन का स्टॉक मिल गया। इधर सुबह से नर्सिंगहोम और सरकारी अस्पतालों में किल्लत हो गई थी। गैस एजेंसियों और विभिन्न कंपनियों ने धीरे धीरे करके उन्हें भिजवाया। दोपहर के समय महज 08 टन ही ऑक्सीजन बची। मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर ने बताया कि रात में 19 टन ऑक्सीजन और आ गई है। कानपुर की गैस कंपनियों भी दो से तीन टन उत्पादन कर रही हैं। कुल 38 टन ऑक्सीजन हो गई है। 24 घंटे का काम चल जाएगा। कुछ गाड़ियां रास्ते में हैं।

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मंडलायुक्त ने लिखा शासन को पत्र

सिलिडर के संकट के चलते कुल खपत की 80 फीसद सप्लाई चिकित्सा क्षेत्र की ओर देने का निर्णय हुआ है। मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर ने प्रशासनिक, स्वास्थ्य अधिकारियों और नर्सिंगहोम के प्रतिनिधियों संग बैठक की। इसमें सोमवार से संचालित होने वाले 16 नए निजी अस्पतालों के लिए शासन से और ऑक्सीजन की सप्लाई देने के लिए पत्र लिखा गया। उन्होंने कुल 71 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की मांग की है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में 15500 किलोग्राम की लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन रात में आ गई है। उसको तीनों प्लांट में भरवाया जा रहा है।

कोविड अस्पतालों में लगी लंबी लाइन

दोपहर के बाद से नर्सिंगहोम ने रोगियों को भर्ती करने से मना कर दिया। सरकारी और निजी एंबुलेंस रोगियों को लेकर गेट पर ही इंतजार करती रही। नारायणा हॉस्पिटल, रामा मेडिकल कॉलेज, कल्याणपुर, काकादेव, सिविल लाइंस, नौबस्ता, बर्रा समेत अन्य जगहों के निजी अस्पतालों में रोगियों को भर्ती नहीं किया जा रहा था। वहां के प्रशासन ने तीमारदारों को ऑक्सीजन न होने की समस्या बताई। रामा मेडिकल कॉलेज के पीआरओ प्रणव सिंह ने बताया कि शाम के समय एक टन ऑक्सीजन मिल गई थी, जिससे कुछ राहत मिल जाएगी।

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16 नर्सिंगहोम के संचालन में चुनौती

शासन ने 16 नर्सिंगहोम को अधिग्रहीत किया है, जहां सोमवार से संक्रमित भर्ती हो सकेंगे। इसमें प्रिया हॉस्पिटल, कृष्णा सुपर स्पेशिएलिटी, फैमली हॉस्पिटल, मरियमपुर, केएमसी, जेएल रोहतगी, अपोलो, मधुराज, चांदनी, न्यू लीलामणि हॉस्पिल, मेडिहेल्थ, द्विवेदी हॉस्पिटल, फॉ‌र्च्यून, ग्रेस, लाइफट्रान, कुलवंती हॉस्पिटल शामिल हैं।

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ऑक्सीजन की मांग बढ़ी

कानपुर में पांच गैस कंपनियों करीब 5000 छोटे ऑक्सीजन सिलिडर सप्लाई कर रहीं हैं। कोरोना से पहले अस्पतालों और उद्योगों में एक हजार सिलिडर की मांग रहती थी। अब यह मांग बढ़कर चार हजार पहुंच गई है। इसमें होम आइसोलेशन में रह रहे लोग भी शामिल हैं। यहां से सिलिडर 10 से 12 जिलों को भेजे जाते हैं। वहां के अस्पतालों को सप्लाई हो रही है।

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