अस्पतालों लगाए जा रहे ऑक्सीजन प्लांट, जुटाए जा रहे संसाधन

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जिले में ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी गई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 01:51 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 01:51 AM (IST)
अस्पतालों लगाए जा रहे ऑक्सीजन प्लांट, जुटाए जा रहे संसाधन
अस्पतालों लगाए जा रहे ऑक्सीजन प्लांट, जुटाए जा रहे संसाधन

जागरण संवाददाता, कानपुर : कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जिले में ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी गई। अब स्थिति यह है कि यहां से लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन आसपास के जिलों को भेजी जा रही है। वर्तमान में उपलब्ध संसाधनों को और बेहतर बनाने का प्रयास हो रहा है। अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। इस कड़ी में उर्सला अस्पताल में 500 लीटर प्रति मिनट की क्षमता का ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित किया गया है। यह बातें औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने रविवार को उर्सला अस्पताल के इमरजेंसी ब्लॉक में स्थापित ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट का लोकार्पण करते हुए कहीं।

उन्होंने कहा कि उर्सला में स्थापित ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट महज 21 दिन में स्थापित किया गया है। यह वायुमण्डल की हवा से ऑक्सीजन लेकर प्रतिदिन 100 जम्बो सिलिडर के बराबर ऑक्सीजन की आपूर्ति करेगा। इस अवसर पर विधान परिषद सदस्य सलिल विश्नोई, मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर, जिलाधिकारी आलोक तिवारी, एडीएम सिटी अतुल कुमार, भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील बजाज, उर्सला के निदेशक डॉ. जीसी श्रीवास्तव, सीएमओ डॉ. नेपाल सिंह, सीएमएस डॉ. अनिल निगम, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अवधेश कुमार सिंह एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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इमरजेंसी, आइसीयू व ओटी में आपूर्ति

इमरजेंसी ब्लॉक में स्थापित ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट से इमरजेंसी, इमरजेंसी वार्ड, आइसीयू एवं ऑपरेशन थियेटर में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति संभव होगी। अभी तक यहां ऑक्सीजन सिलिडर का इस्तेमाल किया जाता था।

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एक और ऑक्सीजन प्लांट के लिए दिए 21 लाख रुपये

विधान परिषद सदस्य सलिल विश्नोई ने उर्सला अस्पताल के इनडोर की तरफ ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट की स्थापना के लिए 21 लाख रुपये दिए हैं। अन्य विधायकों की ओर से भी धनराशि प्रदान की जा रही है, ताकि अस्पतालों में स्थाई एवं जरूरी संसाधन जुटाए जा सकें। अस्पताल में दूसरा ऑक्सीजन प्लांट एक माह में स्थापित कर दिया जाएगा। इसकी स्वीकृति जिलाधिकारी ने प्रदान कर दी है। इस प्लांट की स्थापना के बाद इनडोर में भी ऑक्सीजन के सिलिडर की जरूर नहीं पड़ेगी। बच्चों के लिए आइसीयू वार्ड

कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है। उर्सला के एनक्सी वार्ड के बाल रोग तथा डफरिन अस्पताल में 20 बेड के पीडियाट्रिक आइसीयू के लिए जगह देखी जा रही है।

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