डफरिन और कांशीराम अस्पताल को मिलीं सांसें, एक मिनट में एक हजार लीटर आक्सीजन
कानपुर में डफरिन अस्पताल का प्लांट से एक मिनट में एक हजार लीटर और कांशीराम अस्पताल का प्लांट एक मिनट में 837 लीटर आक्सीजन आपूर्ति करेगा । अब यहां आक्सीजन सिलिंडर उठाने का झंझट खत्म हो गया है।
कानपुर, जेएनएन। जिला स्तरीय अस्पतालों में महिला चिकित्सालय डफरिन और कांशीराम अस्पताल आक्सीजन के मामले में अब आत्मनिर्भर हो गए हैं। डफिरन के 200 बेड के अस्पताल में आक्सीजन जनरेशन प्लांट से आक्सीजन की आपूर्ति होगी। इसी तरह 100 बेड के कांशीराम अस्पताल में भी अब पाइप लाइन से प्लांट से आपूर्ति शुरू हो गई है। अब यहां आक्सीजन सिलिंडर उठाने और रखने का झंझट खत्म हो गया है।
जिला महिला चिकित्सालय यानी डफरिन में गर्भवती एवं प्रसूताएं इलाज के लिए आती हैं। अस्पताल में सिक एंड न्यू बार्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) भी है, जहां संक्रमण से बचाने के लिए नवजात शिशु रखे जाते हैं। इमरजेंसी भी है, लेकिन अभी इंटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू) नहीं है। आपरेशन थियेटर (ओटी) में सीजेरियन प्रसव एवं महिलाओं के अन्य प्रोसिजर होते हैं। अस्पताल की प्रमुख अधीक्षक डा. सीमा श्रीवास्तव का कहना है कि आक्सीजन की जरूरत ओटी एवं एनएनसीयू में ही अधिक पड़ती है। इसके अलावा पोस्ट आपरेटिव वार्ड में भी आक्सीजन पाइप लाइन से देना पड़ता है।
इसके लिए अभी तक अस्पताल में रोजाना 20-25 जम्बो सिलिंडर की खपत थी। अब आक्सीजन प्लांट लगने से पूरी होगी। आक्सीजन का सैंपल जांच के लिए दिल्ली भेजा गया है, रिपोर्ट आते ही आपूर्ति शुरू हो जाएगी। कांशीराम अस्पताल अभी तक कोविड का लेवल टू अस्तपाल था। अब नान कोविड इलाज शुरू हो गया है। यहां इमरजेंसी वार्ड, 20 बेड का आइसीयू और जनरल वार्ड हैं। यहां ओटी में जनरल सर्जरी और आर्थोपेडिक सर्जरी से जुड़े आपरेशन होते हैं। इसके लिए पोस्ट आपरेटिव वार्ड भी है। अस्पताल में आक्सीजन एवं सक्सन पाइप लाइन पहले से है। अभी तक छोटे-बड़े मिलाकर 200 सिलिंडर की खपत थी। सीएमएस डा. सुदेश गुप्ता ने बताया कि प्लांट की स्थापना के बाद से सिलिंडर की जरूरत खत्म हो गई है। प्लांट से पाइप लाइन से सीधे आक्सीजन मिलने लगी है। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सिलिंडर रखे जा रहे हैं।
एलएलआर इमरजेंसी के वार्ड में ही आपूर्ति एलएलआर अस्पताल (हैलट) के प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या ने बताया कि आक्सीजन जनरेशन प्लांट की क्षमता 960 लीटर प्रति मिनट आक्सीजन उत्पादन की है। इस प्लांट से इमरजेंसी ब्लाक के मेडिसिन, सर्जरी और आर्थोपेडिक यूनिट के वार्डों में ही आक्सीजन की आपूर्ति हो सकेगी। मेडिसिन एवं सर्जरी आइसीयू में खपत अधिक होने से लिक्विड मेडिकल आक्सीजन प्लांट पर निर्भरता बनी रहेगी।
कोविड हास्पिटल में ही आपूर्ति घाटमपुर एवं बिल्हौर सीएचसी में लेवल वन कोविड हास्पिटल बनाए गए हैं। यहां 10-10 बेड का बच्चों के लिए एचडीयू भी है। जहां आक्सीजन पाइप लाइन भी लगी है। आक्सीजन जनरेशन प्लांट को इससे जोड़ा गया है। इसलिए अभी अस्पताल में सिलिंडर से ही काम चलाया जाएगा।