एलएलआर के 10 वार्डों में लगेगी आक्सीजन पाइन लाइन, शासन ने स्वीकृत किए पांच करोड़ रुपये
एलएलआर अस्पताल के मेडिसिन के वार्ड पांच से लेकर मेडिसिन के वार्ड 14 तक आक्सीजन पाइप लाइन नहीं है। ऐसे में इन वार्डों में भर्ती मरीजों को आक्सीजन सिलिंडर से आक्सीजन दी जाती है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर की भयावह स्थिति ने आक्सीजन की महत्ता समझाई है।
कानपुर, जेएनएन। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल के 10 वार्डों में आक्सीजन पाइप लाइन लगेगी। इसका प्रस्ताव शासन से स्वीकृत होने के बाद कार्यदायी संस्था भी नामित कर दी गई है। जिलाधिकारी की पहल पर कारपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) से कार्य कराया जा रहा है। इसके लिए पांच करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं।
एलएलआर अस्पताल के मेडिसिन के वार्ड पांच से लेकर मेडिसिन के वार्ड 14 तक आक्सीजन पाइप लाइन नहीं है। ऐसे में इन वार्डों में भर्ती मरीजों को आक्सीजन सिलिंडर से आक्सीजन दी जाती है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर की भयावह स्थिति ने आक्सीजन की महत्ता समझाई है। वहीं, शहर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एलएलआर अस्पताल में अधिक बेड होने के बाद भी सीमित बेड पर कोरोना संक्रमितों का इलाज करने की नाराजगी जताई थी।
अफसरों को बताई हकीकत : इस बात को मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. आरबी कमल ने मंडलायुक्त डा. राजशेखर एवं जिलाधिकारी आलोक तिवारी को बताई। उन्हेंं बताया कि अस्पताल के आक्सीजन बेड पर मरीज भर्ती किए गए। जिन बेडों पर आक्सीजन पाइपलाइन से आक्सीजन की आपूॢत नहीं थी, वहां संक्रमितों को नहीं भर्ती किया गया। इसकी वजह कोरोना संक्रमितों को अत्याधिक आक्सीजन की जरूरत होना है।
मंडलायुक्त व डीएम ने की पहल : इस पर मंडलायुक्त के निर्देशन में जिलाधिकारी ने सीएसआर से फंड का इंतजाम कर आक्सीजन पाइप लाइन लगाने की व्यवस्था की है। उसका जल्द ही काम शुरू होगा।
इनका ये है कहना शासन ने कार्यदायी संस्था को कोरोना की दूसरी लहर से पहले सभी वार्डों में आक्सीजन पाइप लाइन लगाने का आदेश दिया है। जल्द ही कार्यदायी संस्थान की ओर से कार्य शुरू होगा।
- प्रो. आरबी कमल, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।