ऑक्सीजन संकट गहराया, हैलट में बचा 18 घंटे का बैकअप

कोोरोना संक्रमण तेजी से फैलने के कारण ऑक्सीजन की मांग लगातार बढ़ रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 02:22 AM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 02:22 AM (IST)
ऑक्सीजन संकट गहराया, हैलट में बचा 18  घंटे का बैकअप
ऑक्सीजन संकट गहराया, हैलट में बचा 18 घंटे का बैकअप

जेएनएन, कानपुर : कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने के कारण ऑक्सीजन की मांग लगातार बढ़ती ही जा रही है। सरकारी और निजी अस्पतालों के साथ ही होम आइसोलेशन के लिए इसका अधिक उपयोग हो रहा है। इसका नतीजा है कि कानपुर में ऑक्सीजन का संकट गहरा गया है। हैलट में 18 घंटे का बैकअप बचा है। प्रशासनिक और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लगातार शासन के संपर्क में हैं। लखनऊ या दूसरे जिलों को जाने वाली सप्लाई से ऑक्सीजन मिलने की उम्मीद है। हमीरपुर, राउरकेला, मोदी नगर समेत अन्य शहरों की गैस निर्माता कंपनियों को आर्डर भेजा गया है। उनसे जितनी भी गैस सप्लाई हो सकती है, तत्काल भेजने के लिए कहा गया है।

जिले में कोविड के बढ़ते मामलों की वजह से सोमवार को 16 और नर्सिंगहोम में संक्रमितों को भर्ती किया जाने लगा। वहां आइसीयू, एचडीयू और वेंटीलेटर के संचालन के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति कराई गई। उधर, नर्सिंगहोम में तेजी से बेड भरने लगे हैं। इससे पहले रविवार को ऑक्सीजन की किल्लत हो गई थी। केवल आठ टन ही शेष रह गई थी। प्रशासनिक अधिकारियों के दखल से रात में 19 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का टैंकर कानपुर को मिल गया। कुछ ऑक्सीजन मोदीनगर से भी भेजी गई। रविवार रात को 40 टन के आसपास स्टॉक हो गया। वहीं संक्रमण में एकदम से इजाफा होने से मांग बढ़कर 38 टन पहुंच गई है। सीएमओ डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। शहर की गैस एजेंसियों से भी लगातार बातचीत हो रही है। ऑक्सीजन का टैंकर मिलने की उम्मीद है। बेटियां करती रहीं ऑक्सीजन का इंतजार और पिता को मौत आ गई, कानपुर : पिता के शरीर को निहारती तीन जोड़ी आंखें, जिसमें से आंसू की धार रुकने का नाम नहीं ले रही थी। कभी पापा तो कभी बाबू कहकर बुलाती और जवाब न मिलने पर कुछ देर के लिए गुमसुम हो जातीं। उनका रोना देखकर हर कोई भावुक हो रहा था, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से लोग दूर से ही दिलासा देकर चले जा रहे थे। घर के अन्य सदस्य भी थे, लेकिन उस निढाल से पड़े शरीर से लिपट कर तीन बेटियां सबसे अधिक रो रहीं थीं। यह नजारा सोमवार की दोपहर हैलट अस्पताल का था , जहां नौबस्ता के 63 बुजुर्ग को तबीयत बिगड़ने पर लाया गया था। उसको सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। इमरजेंसी में स्ट्रेचर तो मिल गया, लेकिन ऑक्सीजन का सिलिडर नहीं मिल सका। बेड भी फुल थे। घर वाले ऑक्सीजन आने का इंतजार करते रहे। इस बीच बुजुर्ग की मौत हो गई। यह कोई पहला मामला नहीं था। हैलट समेत अन्य सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीज और उनके परिजन भटकते रहे।

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अब ऊपर वाला ही बचाएगा घर ही ले चलो

कानपुर देहात के सिकंदरा के रहने वाले 82 साल के राम आधार सिंह की सांस फूल रही थी। उन्हें बुखार भी था। बेटा अवध नरेश और भतीजा समरजीत उन्हें एंबुलेंस से लेकर आए। उन्हें कुछ देर के लिए इमरजेंसी में रखा गया। डॉक्टरों ने पहले टेस्ट कराकर आने के लिए बोला। घरवाले वह भी कराकर आ गए। इलाज शुरू हुआ, लेकिन सांस फूलना बंद नहीं हुई। ऑक्सीजन का करीब चार घंटे तक इंतजार किया। आखिर में उन्होंने कहा कि घर ही ले चलो अब ऊपर वाला ही बचाएगा। परिजन उन्हें लेकर चले गए।

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ऑक्सीजन के चक्कर में नहीं हो सकी भर्ती

रेलबाजार क्षेत्र की 50 साल की शैल देवी को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उनकी भतीजी बिदू सिंह उन्हें लेकर कांशीराम कोविड अस्पताल गईं, लेकिन वहां दाखिला नहीं मिला। एक बड़े नर्सिंगहोम पहुंचीं। वहां ऑक्सीजन की कमी के चलते वापस आ गईं।

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एंबुलेंस में ही दो दिन गुजारे

मैनपुरी की रहने वालीं 48 वर्षीय महिला को कोरोना जैसे लक्षण थे। डॉक्टरों ने उसे हैलट अस्पताल के लिए रेफर किया। उसने दो दिन पहले जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से जांच कराई, लेकिन उसकी रिपोर्ट नहीं आई। सोमवार की दोपहर तक उसको दो दिन हो गए। भाई ने कहा कि सुबह के समय तबीयत बिगड़ने लगी थी, जिस पर हैलट अस्पताल के स्टाफ ने ऑक्सीजन सिलिंडर दिला दिया।

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फ्लू ओपीडी के बाहर कराहती रही वृद्धा

शुक्लागंज से 70 साल की खेसाना को डॉक्टरों ने मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल के लिए रेफर किया। वहां के डॉक्टरों ने हैलट अस्पताल के फ्लू ओपीडी भेज दिया। सरकारी एंबुलेंस उन्हें लेकर आई थी। डॉक्टर उस समय कोरोना की जांच कर रहे थे। इस बीच वृद्धा कराहती रही।

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मां को लेकर भटकती रही बेटी

किदवई नगर की महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। उनकी बेटी उन्हें लेकर स्वरूप नगर के कोविड नर्सिंगहोम में पहुंची। वहां पर ऑक्सीजन के संकट के चलते उन्हें भर्ती नहीं किया गया। उससे पहले उन्हें गोविद नगर के कोविड नर्सिंगहोम से लौटाया गया था। मां और बेटी कई अस्पतालों के चक्कर लगती रहीं।।

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महिला भर्ती होने के लिए हुईं परेशान

यशोदा नगर की महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। वह छह दिन तक होम आइसोलेशन में रही, जबकि सातवें दिन उसकी तबीयत बिगड़ गई। स्वजन ने कोविड कंट्रोल रूम में कई बार कॉल किया, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं मिला। किसी तरह ऑक्सीजन का इंतजाम कर घर पर ही इलाज चल रहा है।

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