Oxygen Crises Kanpur: नॉन कोविड अस्पताल खपा रहे अधिक ऑक्सीजन, सामान्य से ज्यादा हो रही आपूर्ति
कानपुर शहर में नॉन कोविड अस्पतालों में निगेटिव रिपोर्ट वाले सांस के रोगी भर्ती हैं । ये अस्पताल सामान्य दिनों के मुकाबले ज्यादा ऑक्सीजन की आपूर्ति ले रहे हैं। कोविड अस्पतालों के संचालकों ने आपत्ति जताई है ।
कानपुर, जेएनएन। कोविड अस्पताल लगातार ऑक्सीजन की कमी की शिकायत कर रहे हैं, जबकि नॉन कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की दिक्कत नहीं है। शहर में कई नॉन कोविड अस्पताल निगेटिव रिपोर्ट वाले सांस की समस्या वाले मरीजों को भर्ती किए हैं और उनके लिए सामान्य दिनों के मुकाबले ज्यादा ऑक्सीजन की खपत हो रही है। कोविड अस्पतालों के संचालकों का आरोप है कि ऑक्सीजन प्लांट संचालक दो-दो कमरे वाले ऐसे नर्सिंग होम को ऑक्सीजन दे रहे हैं, जिन्होंने कभी ऑक्सीजन की मांग ही नहीं की थी।
बहुत से रोगी ऐसे भी हैं जिनके लक्षण तो पूरी तरह कोरोना के हैं, लेकिन उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आ रही। पिछले दिनों एक ट्रांसपोर्टर को कोविड अस्पतालों ने भर्ती करने से इसलिए मना कर दिया था क्योंकि उनके पास रिपोर्ट पॉजिटिव की नहीं थी। इसके बाद वह जिस नॉन कोविड हास्पिटल पहुंचे, उसने यह कहकर भर्ती करने से मना कर दिया कि उनके सारे लक्षण कोरोना संक्रमित के हैं। आखिर अस्पताल के सामने स्ट्रेचर पर उनकी सांसें थम गईं। हालांकि बाद में उनकी रिपोर्ट पाजिटिव ही आई थी, मगर बाकी तमाम नॉन कोविड अस्पताल ऐसा नहीं कर रहे। वे इसे आपदा में अवसर के रूप में देख रहे हैं।
ऐसे ही एक मामले में सुबह से शाम तक मरीज को भर्ती कराने के लिए भटके स्वजन ने जब कुछ नहीं हुआ तो कल्याणपुर में दो कमरे के नर्सिंग होम में भर्ती करा दिया। वहां उन्हें ऑक्सीजन की सुविधा मिल गई। पनकी में भाटिया तिराहा से दो सौ मीटर दूर स्थित अस्पताल में इस समय ज्यादातर वही मरीज हैं जिनकी सांस फूल रही है। एक तीमारदार सतीश कुमार के मुताबिक कोविड अस्पताल भर्ती नहीं कर रहे थे, लेकिन यहां ऑक्सीजन का संकट नहीं है। इस समय नॉन कोविड अस्पतालों पर किसी की निगाह नहीं है। इसलिए वे और ऑक्सीजन प्लांट संचालक मिलकर खेल कर रहे हैं।
लालबंगला के एक नामी नर्सिंग होम संचालक का खुद कहना है कि अस्पताल में ऑक्सीजन की खपत बढ़ गई है क्योंकि श्वांस के रोगी बहुत अधिक आ रहे हैं। वहीं कोविड अस्पतालों के संचालकों का कहना है कि गलत तरीके से नॉन कोविड अस्पतालों को पहले से भी ज्यादा ऑक्सीजन दी जा रही है।