हैलट अस्पताल में खत्म हो गया था ऑक्सीजन बैकअप
कानपुर हैलट के कोरोना संक्रमितों समेत अन्य गंभीर रोगियों पर सोमवार दोपहर ऑक्सीजन का संकट छा गया।
जागरण संवाददाता, कानपुर : हैलट के कोरोना संक्रमितों समेत अन्य गंभीर रोगियों पर सोमवार दोपहर संकट के बादल घिर आए। सोमवार की सुबह तक लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) का टैंकर नहीं आ सका, जबकि बैकअप में लगे सारे जंबो सिलिंडर समाप्त होने के कगार पर पहुंच गए थे। कुछ घंटों की देरी जिदगी सैकड़ों जिदगियों पर भारी पड़ सकती थी। इस बात का पता चलने पर अफसरों और अन्य कर्मचारियों की सांसें फूल गईं। आनन फानन कांशीराम कोविड अस्पताल, सीएचसी समेत अन्य सरकारी अस्पतालों से जंबो सिलिडर मंगवाकर बैकअप पूरा कराया गया।
हमीरपुर से आ रही 100 जंबो सिलिडर की गाड़ी बिधनू में रमईपुर के पास जाम में फंस गई। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आरबी कमल ने पुलिस आयुक्त को जानकारी दी, जिस पर ट्रैफिक पुलिस ऑक्सीजन के वाहन को ग्रीन कॉरिडोर की तरह बनाकर लाई। शाम तक मुरारी गैस एजेंसी के सिलिडरों को मिलाकर 394 जंबो सिलिडर का स्टॉक हो गया। यह करीब 18 घंटे का बैकअप है। छोटे 175 सिलिंडर स्टॉक में हैं। उन्हें भी आर्डर किया गया है। प्रो. आरबी कमल ने बताया कि शासन को ऑक्सीजन और स्टाफ की समस्या का पत्र लिखा गया है। ऑक्सीजन के स्टॉक की समस्या आ रही है।
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मंगलवार तड़के आने की उम्मीद
हैलट के न्यूरो साइंस कोविड अस्पताल, बाल रोग चिकित्सालय और इमरजेंसी के पास तीन एलएमओ के प्लांट हैं। मैटरनिटी कोविड विग में जंबो सिलिडर से ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही है। कोरोना संक्रमण की शुरुआत में हफ्ते भर में एक टैंकर आता था, जिसकी क्षमता 15500 किलो रहती है। इससे तीनों जगह के प्लांट को भरा जाता था। एक प्लांट की क्षमता 10 हजार लीटर है। केस बढ़ने पर ऑक्सीजन की हर दिन सप्लाई की जा रही है। रविवार रात को एक टैंकर आ गया था, जबकि दूसरा सुबह आना था, लेकिन वह हरिद्वार से दोपहर के बाद चला। अब उसके मंगलवार तड़के आने की उम्मीद है। इधर एलएमओ के खत्म होने की आशंका पर बैकअप में जंबो सिलिडर लगा दिए गए।