देशभर के टोल प्लाजा को कैशलेश करने की योजना को ओवरलोड वाहन इस तरह लगा रहे सेंध
इस पर अतिरिक्त चार्ज वसूला जाता है। इसके बाद वाहन का वास्तविक लोड को पता करने के लिए धर्मकांटा पर ले जाया जाता है। इस दौरान टोल में ओवरलोड वाहन के पीछे लगे वाहन सवारों को पांच से दस मिनट का समय बर्बाद होता है।
कानपुर, जेएनएन। देशभर के टोल प्लाजा को कैशलेश करने की योजना को ओवरलोड वाहन सेंध लगा रहे हैं। सभी टोल प्लाजा में ओवरलोड वाहनों से कैश लिया जा रहा है। ऐसे में टोल पर जाम की स्थिति बन रही है। कानपुर देहात के बाराजोड़ टोल प्लाजा से निकलने वाले ओवरलोड वाहन चालकों ने वाहनों में फास्टैग लगा लिया है, लेकिन जैसे ही वह टोल प्लाजा में दाखिल होते ही स्कैनर जैसे ही फास्टैग के संपर्क में आता और बैरियर से पहले एनएचएआइ की ओर से लगे भूमिगत कांटे से ओवरलोड वाहन को लोड होने पर टोल के कंप्यूटर में इंडीकेड करने लगता है। इस पर अतिरिक्त चार्ज वसूला जाता है। इसके बाद वाहन का वास्तविक लोड को पता करने के लिए धर्मकांटा पर ले जाया जाता है। इस दौरान टोल में ओवरलोड वाहन के पीछे लगे वाहन सवारों को पांच से दस मिनट का समय बर्बाद होता है। ऐसी स्थिति में टोल प्लाजा में लगने वाले जाम को खत्म करना बहुत मुश्किल है। वहीं, धर्मकांटा में मापने के बाद ओवरलोड वाहन के नंबर की सूची आरटीओ को जुर्माना के लिए भेज दी जाती है।
इस तरह लगता है चार्ज हल्के कॉमर्शीयल वाहन: 10 रुपये बस और ट्रक: 45 रुपये तीन एक्सल वाहन: 215 रुपये पांच एक्सल वाहन: 195 रुपये
(ओवरलोड की दरें बाराजोड़ टोल प्लाजा की)
कानपुर से जुड़े हैं यह टोल
इनका ये है कहना टोल से निकलने वाले ओवरलोड वाहनों से कैश लिया जाता है। इसके बाद कार्रवाई के लिए वाहनों के नंबरों को आरटीओ को सौंप दी जाती है। ओवरलोड वाहनों की वजह से जाम भी लगता है।
मनोज मिश्रा, टोल मैनेजर, बाराजोड़ टोल प्लाजा, कानपुर देहात