कानपुर में इस आदेश के बाद विभागीय अधिकारी गणित लगा रहे कि आखिर ये कैसे होगा, जानिए पूरी मामला
अब अधिकारियों को समझ में नहीं आ रहा है कि जब स्वीकृत जनशक्ति के 50 फीसद कर्मचारियों को आफिस बुलाना है तो एक समय में 33 फीसद कर्मचारियों को ही कार्यालय में रखने के नियम को कैसे पूरा करना है। इसमें अगर 33 फीसद नियम को पूरा किया जाए
कानपुर, जेएनएन। कोरोना को लेकर वैसे ही सरकारी अधिकारी और कर्मचारी परेशान हैं। अब उस पर कार्यालय में कर्मचारियों की उपस्थिति को लेकर जो निर्देश आए हैं, उसको लेकर वे समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर यह उपस्थिति तय करें तो कैसे।
पिछले सप्ताह जारी आदेश को लेकर विभागीय अधिकारी अभी तक यह गणित लगा रहे हैं कि आखिर इस आदेश का पालन कैसे किया जाए। आदेश में कहा गया है कि स्वीकृत जनशक्ति के सापेक्ष 50 फीसद काॢमक कार्यालय में उपस्थित रहेंगे किंतु किसी एक समय में कार्मिकों की उपस्थिति 33 फीसद से अधिक नहीं होगी। शेष 50 फीसद घर से कार्य करेंगे।
अब अधिकारियों को समझ में नहीं आ रहा है कि जब स्वीकृत जनशक्ति के 50 फीसद कर्मचारियों को आफिस बुलाना है तो एक समय में 33 फीसद कर्मचारियों को ही कार्यालय में रखने के नियम को कैसे पूरा करना है। इसमें अगर 33 फीसद नियम को पूरा किया जाए तो बाकी 17 फीसद कर्मचारियों और अधिकारियों का क्या करना है। उन्हेंं कार्यालय के बाहर ही करना है या उनसे उस दिन कोई काम नहीं लेना है क्योंकि घर से काम तो 50 फीसद कर्मचारियों को करना है।
अधिकारियों के मुताबिक यह गणित ज्यादातर कार्यालयों में अधिकारियों को समझ ही नहीं आई, इसीलिए वे इसे कैसे लागू करना है समझ नहीं पा रहे। कुछ विभाग के अधिकारी यह भी कह रहे हैं कि 33 फीसद जनशक्ति एक समय में रहने की वजह से कुछ को पहले हाफ में रखना होगा तो कुछ को दूसरे। समस्या सिर्फ यही नहीं है, कई बड़े कार्यालयों में तो किसी अनुभाग में चपरासी आएंगे तो लिपिक नहीं और लिपिक आएंगे तो चपरासी नहीं। दोनों ही स्थिति में काम होना मुश्किल है। कर्मचारी संगठन भी इस उलझे आदेश को कुछ आसान करने की मांग कर रहे हैं।